माइग्रेन एक गंभीर बीमारी है और इसमें होने वाला दर्द बहुत गंभीर होता है। माइग्रेन को एक दर्दनाक असहनीय सिर दर्द के रूप में परिभाषित किया जा सकता है। इस दर्द को वही समझ सकता है जो इस समस्या से जूझता है। इसका अटैक कई घंटों से लेकर कुछ दिनों तक भी रहता है। माइग्रेन के दर्द की कई वजह होती हैं। अलग-अलग लोगों के ट्रिगर पॉइंट भी अलग होते हैं। इन्ही में से एक माइग्रेन की सबसे साधारण वजह तनाव। जब हम स्ट्रेस में होते हैं तो सिर में दर्द शुरु हो जाता है। माइग्रेन में कई बार सिर के एक हिस्से कई बार दोनों साइड और कई बार कनपटी या आंख में तेज दर्द होता है। ये दर्द रुक-रुक भी हो सकता है। हालांकि माइग्रेन क्यों होता है ये पता नहीं चल पाया है लेकिन अगर आपने अपने ट्रिगर पॉइंट को पहचान लिया तो आप इससे काफी हद तक छुटकारा पा सकते हैं। कई बार शारीरिक खानपान, नींद, तनाव, दिनचर्या में बदलाव और ओवरलोड की वजह से माइग्रेन होता है।
माइग्रेन के लक्षण
— माइग्रेन में तेज़ सिरदर्द के साथ-साथ मतली, उल्टी और प्रकाश के प्रति संवेदनशीलता होती है।
— यह हर एक व्यक्ति में अलग-अलग होता है। कई लोगों में कई स्टेज में माइग्रेन हो सकता है। इन स्टेज में निम्नलिखित लक्षण दिख सकते हैं।
शुरुआती लक्षण....
सिरदर्द से कुछ घंटे या कुछ दिन पहले माइग्रेन से पीड़ित लगभग 60% लोगों में यह लक्षण दिखाई देते हैं- प्रकाश, ध्वनि या गंध के प्रति संवेदनशील होना, थकान, मूड में बदलाव, बहुत ज़्यादा प्यास लगना, कब्ज़ या दस्त लगना।
माइग्रेन के लक्षण आपके नर्वस सिस्टम से उत्पन्न होते हैं। इस तरह का सिरदर्द आमतौर पर 5 से 20 मिनट की अवधि में धीरे-धीरे शुरू होता है और एक घंटे से भी कम समय तक चलता है। इस दौरान आपमें निम्नलिखित लक्षण दिख सकते हैं।
— टनल विज़न (दिखने में कठिनाई) हो सकता है या बिल्कुल भी दिखाई नहीं देता।
— शरीर के एक तरफ़ झुनझुनी-सुन्नता हो सकती है।
— साफ़-साफ़ बोलने में समस्या होती है।
— बाहों और पैरों में भारीपन महसूस हो सकता है।
— कानों में कुछ बजने-सा महसूस हो सकता है।
— गंध, स्वाद या स्पर्श में परिवर्तन दिख सकता है।
पोस्टड्रोम यह अवस्था सिरदर्द के एक दिन बाद तक रह सकती है। इसमें निम्न लक्षण दिख सकते हैं। — थका हुआ, सुस्त या चिड़चिड़ापन लगना। — असामान्य रूप से तरोताज़ा महसूस करना। — मांसपेशियों में दर्द या कमज़ोरी होना। — फूड क्रेविंग या भूख ना लगना।
क्या स्ट्रेस लेने से माइग्रेन हो सकता है?-
माइग्रेन को अक्सर लोग सामान्य सिरदर्द समझकर नजरअंदाज कर देते हैं। इसकी वजह से यह बीमारी बढ़ती रहती है और धीरे-धीरे मरीज की स्थिति गंभीर हो जाती है। ऐसा कहा जाता है की ज्यादा तनाव या स्ट्रेस लेने वाले लोगों में माइग्रेन का खतरा ज्यादा रहता है। माइग्रेन और सिरदर्द एक नहीं होते हैं। वैज्ञानिकों को माइग्रेन के सटीक कारण अभी तक नहीं पता चल पाए हैं, लेकिन यह बीमारी स्ट्रेस, तनाव या मानसिक समस्याओं के कारण ट्रिगर हो सकती है। इसके अलावा खानपान और लाइफस्टाइल से जुड़ी गलतियों के कारण भी माइग्रेन की समस्या हो सकती है।"
माइग्रेन के सटीक कारण भले ही नहीं पता चल पाए हैं, लेकिन मस्तिष्क में सेरोटोनिन जैसे हॉर्मोन के स्तर में बदलाव के कारण यह बीमारी ट्रिगर हो सकती है। सेरोटोनिन हॉर्मोन दर्द को कंट्रोल करने में मदद करता है। अमेरिकन माइग्रेन फाउंडेशन की एक रिपोर्ट में भी यह कहा गया है की स्ट्रेस कम करने से माइग्रेन में होने वाली परेशानी कम होती है।
तनाव से होने वाले माइग्रेन को कैसे दूर करें?
एक्टिव रहें- तनाव को दूर करने का आसान और बेहतरीन तरीका है व्यायाम। आपको रोजाना करीब आधा घंटे वॉक, व्यायाम या कोई दूसरी फिजिकल एक्टिविटी करनी चाहिए। इससे दिमाग में न्यूरोट्रांसमिटर्स द्वारा एंडोरफिन्स पैदा होते हैं, जो कि नेचुरल पेनकिलर के तौर पर काम करते हैं।
नींद है जरूरी- तनाव को दूर करने के लिए आपको भरपूर नींद लेनी चाहिए। अगर आपका स्लीप पैटर्न गड़बड़ता है तो इससे तनाव बढ़ता है और माइग्रेन की स्थिति पैदा होती है। इसलिए समय पर सोएं और समय पर उठें। आपको कम से कम 8 घंटे की अच्छी नींद लेनी चाहिए।
हेल्दी डाइट लें- स्ट्रेस को दूर भगाने के लिए आप अच्छी डाइट लें। समय पर खाना खाएं। खाने में ताजा फल और सब्ज़ियों को शामिल करें। आप डाइट में साबुत अनाज भी शामिल करें। आपको ज्यादा कैफीन और जंक फूड से बचना है।
माइग्रेन की वजह पहचानें- आप इस बात पर ध्यान दें कि आपको कब और किन वजहों से माइग्रेन होता है। इसके लिए अपनी एक डायरी बनाएं और उसमें अपने ट्रिगर्स के बारे में लिखें। आपने इस दौरान क्या उपचार किया जिससे आप ठीक हुए हैं ये भी लिखें। इसमें माइग्रेन की तारीख भी लिखें । दर्द से पहले आप क्या कर रहे थे और कब दर्द से राहत मिली।