अरबी घोड़े वाले बयान पर भगवंत मान ने एक बार फिर अकाली दल के सीनियर नेता विक्रम सिंह मजीठिया को निशाने पर लिया है। गुरदासपुर में मंच से संबोधित करते हुए सीएम भगवंत मान ने बीते दिन सिखों को लेकर अपने दिए बयान पर अपनी बात कही।
सीएम मान ने कहा कि पहले ये बताएं कि ये लोग किस दिन पंजाब के हक में खड़े थे। उन्होंने कहा कि मेरे दिल और जुबान पर वही बात है कि इन्होंने पंजाब लूटा है, कांग्रेसी भी साथ थे। इन्हें पता नहीं था कि कोई तीसरा भी आएगा, जो हिसाब मांगेगा। इसीलिए अब भागे फिरते हैं। मेरा ये न केस निकल आए मेरा वो न केस निकल आए।
बीते दिन सीएम मान ने किस्सा सुनाते हुए कहा था कि- 1957 में जब भारत में वोटिंग हुई तो प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू की अगुवाई में वफद अरब देशों में गया। वहां के राजा ने वफद को अरबी नसल के घोड़े दिए, ताकि भारत की सेना उन्हें अपनी डिफेंस सेना में शामिल कर सके।
सीएम ने कहा कि इस वफद में डिप्टी डिफेंस मिनिस्टर सुरजीत सिंह मजीठिया थे, वे बिक्रम मजीठिया के पूर्वज हैं। नियमों अनुसार वे घोड़े मेरठ पहुंचने थे, लेकिन 2 महीने बाद अरबी किंग ने फोन कर पूछा घोड़े कहा हैं। भारत सरकार ने कहा कि - मेरठ से पता कर दो घंटे में बताते हैं।
दो घंटे बाद अरबी किंग को बता दिया गया कि वे घोड़े मेरठ नहीं पहुंचे, किसी पर्सनल काम में चले गए हैं। जिसके बाद अरब देश के किंग ने प्रधानमंत्री नेहरू को फोन कर ऐतराज जताया। तब नेहरू ने मजीठिया को फोन कर इस्तीफा देने के लिए कहा। आज जब भी मेरठ में जब कोई पगड़ी वाला जाता है तो उसे घोड़ा चोर कहते हैं।
CM मान ने बिक्रम मजीठिया को 5 दिसंबर तक का समय दिया था। उनका कहना है कि बिक्रम मजीठिया 5 दिसंबर तक बताएं कि वे घोड़े कहां हैं। अगर नहीं बताएंगे तो वह मीडिया के सामने स्पष्ट करेंगे कि वे घोड़े कहां गए।