कनाडा का वीजा बंद होने से परेशान एनआरआईयों के दर्द को समझते हुए जालंधर के सांसद सुशील कुमार रिंकू ने शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सलाहकार तरुण कपूर के साथ दिल्ली में मुलाकात की। सुशील रिंकू ने उन्हें इस मसले का हल जल्द से जल्द निकाले जाने की अपील की। तरुण कपूर ने भी इस मामले में जल्द से जल्द हल निकाले जाने का आश्वासन दिया है।
सुशील रिंकू ने बताया कि कनाडा और भारत के बीच रिश्तों में आई खटास का खमियाजा पंजाब और अन्य राज्यों के एनआरआई भाई-बहनों को उठाना पड़ रहा है। इस खटास के चलते भारतीय हाई कमीशन ने कनाडा में कामकाज बंद किया हुआ है। कनाडा का वीजा नहीं दिया जा रहा है।
जिससे बहुत सारे पंजाबी अपने तय प्रोग्रामों और सुख-दुख में अपने रिश्तेदारों के पास पहुंच नहीं पा रहे हैं। इन लोगों ने पहले ही सेहत संबंधी और अन्य कामों को लेकर अपने प्रोग्राम बना रखे थे, जो वीजा नहीं मिल पाने से प्रभावित हो रहे हैं।
कनाडा के एनआरआई परिवारों को मिले वीजा
सांसद के मुताबिक त्यौहारों का सीजन के चलते बहुत सारे एनआरआई कनाडा और अन्य देशों से भारत लौटते हैं। दो महीने यहां रहने के बाद वह जनवरी में वापसी करते हैं। ऐसे में कनाडा में रहने वाले बहुत सारे भारतीय भाई-बहनों ने भी अपने सुख-दुख में परिवारों को मिलने के लिए प्रोग्राम बना रखे होंगे। इसलिए उनको भारत सरकार को चाहिए की वह इन पंजाबी एनआरआईयों के लिए वीजा सर्विस को बहाल करे, ताकि वह लोग अपने परिवारों व रिश्तेदारों से मिल सकें।
स्टूडेंट्स के भविष्य पर भी लगा रहा सवालिया निशान
सुशील रिंकू ने कहा कि हर साल हजारों स्टूडेंट्स स्टडी वीजा पर उच्च शिक्षा हासिल करने के लिए कनाडा जाते हैं। 12वीं करके कनाडा की फाइलें लगाने के वाले स्टूडेंट्स के भविष्य पर भी सवालिया निशान लग रहा है। स्टूडेंट्स डरे हुए हैं। इन स्टूडेंट्स की लाखों रुपए की फीसें भी कनाडा की यूनिवर्सिटीज में जमा हो चुकी हैं। अब उनको समय पर कनाडा में नहीं पहुंच पाने का भी डर सता रहा है। उनके परिवारों की जमा पूंजी भी खतरे में पड़ी है।
निज्जर की हत्या के आरोप में उलझा मामला
बता दें कि कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने जी-20 समिट से लौटने के बाद अपनी कनाडाई संसद में खालिस्तानी आकंती हरदीप सिंह निज्जर की मौत को लेकर भारत को जिम्मेदारी ठहरा दिया। इसकी जांच करवाए बिना ही भारतीय एजेंसी के उच्चाधिकारी को कनाडा से वापिस भेज दिया। जिसके बाद भारत ने भी कड़ा रूख अपनाया और कनाडा के राजनायिकों को वापिस भेजने का आदेश सुना दिया। साथ ही भारत ने कनाडा की वीजा सर्विस को बंद कर दिया।
कनाडा मांग चुका है माफी
भारत सरकार के कड़े रुख और अन्य बड़े देशों के कनाडा के फैसला को गलत ठहराने के बाद कनाडा झुक गया है। अब कनाडा के प्रधानमंत्री व अन्य मंत्री बार-बार बयान दे रहे हैं कि वह शक्तिशाली देश भारत से कोई दुश्मनी नहीं चाहता है। वह अपने संबंधों को अच्छा बनाए रखने के लिए काम करना चाहता है। वह कई बार भारत से इन दिनों माफी मांग चुका है, लेकिन अभी भारतीय सरकार ने इस पर कोई फैसला नहीं लिया है।
आने वाले दिनों में सुधर सकते हैं हालात
माहिर बताते हैं कि कनाडा और भारत के विदेश मंत्रियों की बीते दिनों इस मामले में विदेशी धरती पर गुप्त मीटिंग हो चुकी है। जिसके बाद भारत ने कनाडा को लेकर अपने सख्त रवैया को कुछ नरम किया है। ऐसे में कयास लगाए जा रहे हैं कि जल्द ही भारत और कनाडा के बीच रिश्ते दोबारा पहले जैसे होंगे। पंजाबी एनआरआईज और स्टूडेंट्स को राहत मिलेगी।