खबरिस्तान नेटवर्क। आम आदमी पार्टी के करोड़पति विधायक रमन अरोड़ा की अरबपति बनने की चाहत ने उनके परिवार का भविष्य संकट में डाल दिया है। पुलिस ने उनके बेटे राजन अरोड़ा और समधी राजू मदान को भी मामले में नामजद कर लिया है। अरोड़ा के राइट हैंड माने जा रहे महेश मखीजा को भी पुलिस ने नामजद किया है। तीनों के खिलाफ लुकआउट नोटिस जारी कर दिया गया है।
गायब बैगों की तलाश
विजिलेंस अब उन तीन बैगों को तलाश कर रही है, जिन्हें विधायक की सिक्योरिटी हटाने के बाद ठिकाने लगाया गया है। विजिलेंस की कई टीमें बैग ढूंढने में जुट हुई हैं। मखीजा और मदान पर बैग गायब करने का आरोप है। वहीं, विधायक रमन अरोड़ा का आज रिमांड भी खत्म हो रहा है। विजिलेंस रिमांड बढ़वाने के लिए रमन अरोड़ा को दोबारा कोर्ट में पेश करेगी।
निगम में कप्शन नेटवर्क
एटीपी सुखदेव वशिष्ठ के खुलासों के बाद विधायक रमन अरोड़ा पर आरोप है कि वह लोगों को एटीपी के जरिए फर्जी नोटिस भिजवाते थे। बाद में खुद उनके साथ सेटिंग करते थे। विजिलेंस पूछताछ में सामने आया है कि निगम दफ्तर के अंदर का काम बेटा राजन अरोड़ा ही संभालता था। निगम अधिकारियों से नोटिस जाते थे। विधायक अधिकारियों को खींचते थे। एमएलए दफ्तर में सेटिंग होती थी। बेटा निगम में जाकर काम करवाता था। अब इस केस में एक महिला निगम अफसर की भी एंट्री हुई है। विजिलेंस को शहर के एक बेकरी मालिक ने बताया है कि बिल्डिंग बनाने पर विधायक ने इसे सील करवा दिया था। सेटिंग होने के बाद विधायक ने महिला निगम मुलाजिम के पास तीन लाख रुपए रिश्वत देने के लिए भेजा था। वह अढ़ाई लाख लेकर चले गए तो मैडम भड़क गईं थीं। बेटे से पचास हजार मंगवाकर तीन लाख दिए थे।
बेटे को तैयार कर रहे थे अरोड़ा
अपनी राजनीतिक विरासत के लिए रमन अरोड़ा ने बेटे राजन अरोड़ा को भी पालीटिक्स में एक्टिव कर लिया था। पिता का हाथ बंटाने के अलावा राजन कई आयोजनों में बतौर चीफगेस्ट भी जाते थे। उनके समधी मदान भी शहर के कई आयोजनों में अकेले शिरकत करते थे। हालांकि राजन और मदान के पास पार्टी में कोई ओहदा नहीं है। मदान को खबरों में पत्रकार सीनियर वालंटियर लिखते थे।
मदान एंड मखीजा भी बुरे फंसे
विधायक रमन अरोड़ा के लेफ्ट एंड राइट हैंड महेश मखीजा और राजू मदान की गिरफ्तारी के लिए विजिलेंस टीमें कई जगह छापेमारी कर चुकी है। दोनों की गिरफ्तारी के बाद लापता बैग मिलेंगे जिसके बाद बाकी खुलासे होंगे। मखीजा को विधायक रमन अरोड़ा का मुख्य राजदार माना जा रहा है। अरोड़ा के विधायक बनने के बाद मखीजा तब सुर्खियों में आए थे जब उन्होंने साईंदास स्कूल में भागवत कथा करवाई थी। अब मखीजा भी फरार है। विजिलेंस जानती है कि अगर रमन अरोड़ा के खिलाफ मजबूत मामला बनाना है तो मखीजा और मदान को हर हाल में ढूंढना होगा।
विधायकी के बाद बड़ी संपदा की जांच
विजिलेंस ने जो डाटा जुटाया है उसके मुताबिक रमन अरोड़ा के विधायक बनने के बाद उनकी संपदा में अकूत वृद्धि हुई है। शहर में कई जायदादों में रमन अरोड़ा का कनेक्शन निकल रहा है। हालांकि विजिलेंस ने अभी तक बीस से ज्यादा जिन प्रापर्टीज की जांच की है वह उनके करीबी लोगों के नाम पर निकली है।
जांच के दायरे में जायदाद
बीएमसी चौक से शास्त्री मार्केट के बीच दुकानें, गुरु नानक मिशन चौक के पास निजी अस्पताल, मॉडल टाउन पंजाब एंड सिंध बैंक के पास मार्केट, इंडस्ट्री एरिया में औद्योगिक प्रॉपर्टी, सब्जी मंडी में दो दुकानों सहित शहर के कुछ अन्य चुनिंदा जगहों का रिकॉर्ड विजिलेंस ने पटवारी और कानूनगो से तलब किया है। इसके अलावा सुच्ची पिंड, चोहकां, रेरू पिंड, पठानकोट चौक, 66 फुटी रोड फोल्ड्रीवाल के पास भी रिकार्ड चेक किया जा रहा है। रामामंडी के पास भी बड़ी जमीन और एक गौशाला की जमीन भी जांच के दायरे में है।
रिकार्डिंग से और फंसेंगे अरोड़ा
शहर के एक बाजार में दुकानों की डील में दुकानदार को विधायक ने जो फोन किया था वो उसने रिकार्ड कर लिया था। फोन पर वह पैसे को लेकर बात कर रहे हैं। ये रिकार्डिंग विजिलेंस को मिल चुकी है। अगर ये रिकार्डिंग पब्लिक डोमेन में आई तो अरोड़ा की और बदनामी होगी। अरोड़ा से तंग लोग विजिलेंस की पूरी मदद कर रहे हैं। इनमें छोटे बड़े दुकानदार, पुलिस अफसर, लीडर और कारोबारी शामिल हैं।