Lost both legs in an accident Arpita Roy still became successful yoga teacher : आमतौर पर जीवन में ऐसे दर्दनाक हादसे के बाद लोग टूट जाते हैं। लेकिन हैदराबाद की अर्पिता रॉय ने हिम्मत हारने के बजाय, न सिर्फ शारीरिक, बल्कि आर्थिक रूप से भी अपने आप को आत्मनिर्भर बनाया । आज वह एक सफल योगा टीचर हैं और लोगों को योग से जोड़कर खुशियां फ़ैलाने का काम कर रही हैं। आज वह कठिन से कठिन योग आसन करती हैं और दूसरों को भी सिखाती हैं। करीबन 17 साल पहले, हैदराबाद की अर्पिता कोलकाता में हुए एक बाइक हादसे में गंभीर रूप से घायल हो गई थीं। उस हादसे के बाद, वह कई महीनों तक अस्पताल में रहीं। उस समय इलाज में हुई देरी के कारण अर्पिता ने अपने दोनों पैर खो दिए थे। आज अर्पिता रॉय को देखकर कोई नहीं कह सकता कि वह एक समय पर चल भी नहीं पाती थीं।
आसान नहीं था योग टीचर बनना
उस हादसे के समय अर्पिता महज 20 साल की थीं। एक बिंदास, अल्हड़ और कॉलेज जाने वाली उस लड़की के लिए वह समय काफी मुश्किलों से भरा था। हालांकि, उन्हें कृत्रिम पैर मिले थे, लेकिन शुरुआत में इन चीजों के साथ काम करना या चलना इतना भी आसान नहीं था।
दूसरों पर निर्भर नहीं अब अर्पिता
मजबूत इरादों वाली अर्पिता ने दूसरों पर निर्भर रहने के बजाय खुद चलना शुरू किया। समय के साथ वह कृत्रिम पैरों के साथ खड़ी हो गईं। अब अर्पिता अपने आप को आत्मनिर्भर बनाना चाहती थीं। उन्होंने बाहर जाकर नौकरी करनी शुरू की। लेकिन आर्टिफिशियल पैरों की वजह से लोग उन्हें दया की भावना से देखते थे।
मन के लिए काफी कारगर है योग
तब अर्पिता ने अपने आप को मजबूत बनाने के लिए योग का सहारा लिया। अर्पिता कहती हैं कि योग सिर्फ आसन करने या शरीर को बैलंस करने के नहीं, मन को बैलेंस करने के लिए भी काफी कारगर है। उन्होंने साल 2015 में योग सीखना शुरू किया था।
ऑफलाइन और ऑनलाइन योग
समय के साथ उनकी रुचि योग में इतनी बढ़ गई कि मात्र चार साल में वह हैंडस्टैंड जैसे कठिन आसन भी आराम से करने लगीं। आज अर्पिता एक सफल योग टीचर हैं और कई लोगों को ऑफलाइन और ऑनलाइन योग सिखाती हैं। अब वह पूरी तरह से आत्मनिर्भर हैं।