ख़बरिस्तान नेटवर्क : कैनेडा के सरे में लक्ष्मी नारायण मंदिर के अध्यक्ष सतीश कुमार से जु़ड़ी बिल्डिंग पर तीन बार फायरिंग के बाद लारेंस बिश्नौई गैंग को कैनेडा में आतंकवादी संगठन घोषित करने की मांग उठी है। ये मांग की है ब्रिटिश कोलंबिया के प्रीमियर डेविड एबी ने । उन्होंने कहा है कि वह प्रधानमंत्री को इसके लिए लिखेंगे।डेविड ने पत्रकारों के साथ बातचीत में कहा कि - मेरे सहयोगी, सार्वजनिक सुरक्षा मंत्री गैरी बेग ने जबरन वसूली के मुद्दे पर सरे में एक सामुदायिक बैठक में भाग लिया है। यह वहां के समुदाय में, विशेष रूप से दक्षिण एशियाई समुदाय में, बहुत चिंता का विषय है। यह अल्बर्टा और ओंटारियो में भी चिंता का विषय है। आरोप हैं कि भारत के गिरोह हमारे प्रांत में और अन्य प्रांतों में व्यवसाय मालिकों को डराने और उनसे जबरन वसूली करने के लिए काम कर रहे हैं। और इसलिए, सार्वजनिक सुरक्षा मंत्री के साथ इस मुद्दे को उठाने के बाद, मैं प्रधानमंत्री को यह अनुरोध करने के लिए लिखूंगा कि इस गतिविधि में शामिल गिरोहों में से एक, लॉरेंस बिश्नोई ग्रुप को कनाडा में एक आतंकवादी संगठन के रूप में सूचीबद्ध किया जाए ताकि पुलिस इस गतिविधि की जांच और उसे खत्म करने के लिए आवश्यक उपकरणों का उपयोग कर सके। न केवल हमारे प्रांत में, बल्कि अल्बर्टा और ओंटारियो में भी।
सतीश कुमार ने करवाई मीटिंग
ब्रिटिश कोलंबिया के जनसुरक्षा मंत्री और सॉलिसिटर जनरल गैरी बेग ने व्यापारियों की रिफ्लेक्शन बैंक्वेट हॉल में शिकायतें सुनीं। सतीश कुमार ने अपने साथ हुई घटनाओं के बारे जानकारी दी। उन्होंने बदमाशों की तरफ से अपने मोबाइल फोन पर भेजे गए धमकी भरे मैसेज व फिरौती पूरी करने के लिए जान से मारने की धमकी वाले मैसेज बड़ी स्क्रीन पर दिखाए। ऐसे मैसेज भी थे, जिसमें लिखा था कि आप जवाब नहीं दे रहे हैं, है न? अब मरने के लिए तैयार हो जाओ। दूसरे मैसेज में उन्होंने 20 लाख डॉलर की मांग की और चेतावनी दी कि जवाब देने के लिए उनके पास कल तक का समय है। अगर नहीं दोगे तो मरने के लिए तैयार रहो। ऐसे मैसेज लगातार भेजे जा रहे हैं। अटॉर्नी जनरल गैरी बेग ने पंजाबी समुदाय को भरोसा दिलाते हुए कहा कि सरी में जो कुछ हो रहा है, वह सिर्फ सरी या एबॉट्सफोर्ड में ही नहीं, बल्कि पूरे देश में डरावना है। हमारी सरकार आपके साथ खड़ी है।
कैसे काम करता है लारेंस का गैंग
कैनेडा में फिरौती के मामले बढ़ने के बाद चर्चा में आए लारेंस बिश्नोई गैंग को आतंकवादी ग्रुप घोषित करने की बात उठी है। इससे पहले मुंबई में बाबा सिद्दीकी मर्डर और कनाडा पुलिस की ओर से लॉरेंस विश्नोई को खालिस्तान समर्थकों को टारगेट करने के आरोप भी लगे थे। लारेंश बिश्नोई का नेटवर्क कैनेडा तक फैला है, जहां उसके पास एक हजार से ज्यादा लड़के हैं जो उसके कहने पर शूटर्स बन जाते हैं। बिश्नोई गैंग का जाल कई देशों में फैला हुआ है। खासकर उत्तरी अमेरिका में, लॉरेंस बिश्नोई अक्सर अपने भाई अनमोल और सहयोगियों गोल्डी बराड़ और रोहित गोदारा के संपर्क में रहता है। गिरोह की खालिस्तानी आतंकवादियों और उत्तरी अमेरिका में स्थित खालिस्तानी अलगाववादी समूहों के साथ दोस्ती है। विदेशों में खासकर कनाडा में उसके स्ट्रांग लिंक हैं। पिछले कुछ दिनों से कैनेडा के सरे में कारोबारी नारायण मंदिर के अध्यक्ष सतीश कुमार और उनके परिवार पर कई बार गोलीबारी होेने के बाद लारेंस के खिलाफ कनाडा में प्रतिबंध की मांग उठी है।
कई मामले दर्ज
सिद्धू मूसेवाला की हत्या के अलावा भारत का गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई के हत्या और जबरन वसूली सहित दो दर्जन आपराधिक मामले दर्ज हैं। उसका नेटवर्क पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, दिल्ली और हिमाचल प्रदेश सहित कई राज्यों तक फैला हुआ है। पंजाबी गायकों और शराब माफियाओं से जबरन वसूली करने से लेकर हाई-प्रोफाइल हत्याएं करने तक, ये गिरोह अपने कारनामों के बाद कुख्यात हैं। पिछले दिनों बीबीसी की ओर से सिद्धू मूसेवाला पर बनाई डाक्यूमेंट्री में गोल्डी बराड़ ने माना था कि वह फिरौती वसूलते हैं।
मूसेवाला का फैन लारेंस
शुरू में जब सिद्धू मूसेवाला को प्रसिद्धी मिली तो लारेंस भी उसके गाने सुनता था। सिद्धू लारेंस को मैसेज भेजता था। ये खुलासा गोल्डी ने बीबीसी की डाक्यूमेंट्री में किया था। फिर जब मूसेवाला बंबीहा ग्रुप की ओर चला गया तो लारेंस उसका दुश्मन बन गया। मूसेवाला की हत्या करने के बाद एक आडियो भी वायरल हुई थी, जिसमें हत्यारों ने लारेंस को फोन करके कहा था कि सिद्धू को मार दिया है।
स्टूडेंट्स पालीटिक्स से गैंगस्टर बना
लॉरेंस बिश्नोई फिरोजपुर के एक गांव का रहने वाला है। पिता हरियाणा पुलिस में कांस्टेबल थे । उन्होंने 1997 में पुलिस की नौकरी छोड़कर खेती शुरू कर दी थी। बिश्नोई 2010 में बारहवीं की पढ़ाई के बाद वे चंडीगढ़ के डीएवी कॉलेज चला गया। वह 2011 में पंजाब यूनिवर्सिटी कैम्पस स्टूडेंट्स कौंसिल में शामिल हुआ जहां उसकी मुलाकात गोल्डी बराड़ से हुई। वे विश्वविद्यालय की राजनीति में शामिल हो गए। लारेंस ने पंजाब विश्वविद्यालय से एलएलबी की पढ़ाई पूरी की।
सलमान खान का दुश्मरन
2021 में, उसे मकोका के तहत दर्ज एक मामले के सिलसिले में दिल्ली की तिहाड़ जेल में स्थानांतरित कर दिया गया था। अगस्त 2023 में, गुजरात आतंकवाद निरोधक दस्ते ने ड्रग तस्करी के एक मामले का हवाला देते हुए बिश्नोई को हिरासत में ले लिया और उसे साबरमती जेल के एक उच्च सुरक्षा वार्ड में स्थानांतरित कर दिया गया । सन 2018 में, लॉरेंस बिश्नोई के एक करीबी सहयोगी, संपत नेहरा, जिसने कथित तौर पर सलमान खान के आवास की रेकी की थी , उसने खुलासा किया कि उसे ब्लैक बक शिकार मामले में आरोपी सलमान खान की हत्या का काम सौंपा गया था।
सिद्धू मूसेवाला की हत्या
पंजाबी गायक सिद्धू मूसेवाला की 29 मई 2022 को पंजाब के मानसा में गोली मार कर हत्या कर दी गई । हत्या के कुछ घंटों बाद, शूटिंग की जिम्मेदारी गोल्डी बराड़ ने ली, जिसने दावा किया कि उसने बिश्नोई के साथ मिल कर साजिश रची थी। पुलिस ने कहा कि बिश्नोई का गिरोह शूटिंग में शामिल था। शूटिंग के समय वह तिहाड़ जेल में था। मूसेवला की हत्या के तुरंत बाद बिश्नोई ने दिल्ली उच्च न्यायालय में एक याचिका दायर की, जिसमें कहा गया कि उसे अपनी जान का डर है और पंजाब पुलिस की ओर से फर्जी मुठभेड़ की आशंका है। उन्होंने कहा कि दिल्ली पुलिस और तिहाड़ जेल प्रशासन को उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करनी चाहिए और उन्हें उचित हथकड़ी और बेड़ियां पहनाई जानी चाहिए। बाद में उन्होंने दिल्ली उच्च न्यायालय से अपनी याचिका वापस ले ली। बाद में उन्होंने पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय में याचिका दायर की ।
कैसे काम करता है लॉरेंस बिश्नोई
जेल कोई भी हो लॉरेंस बिश्नोई को फोन मिल ही जाता है। यहां तक कि पंजाब में तो लारेंस की इंट्रव्यू भी हो गई थी। इस साल की शुरुआत में सोशल मीडिया पर वायरल एक वीडियो में लॉरेंस बिश्नोई को कथित तौर पर पाकिस्तान के गैंगस्टर शहजाद भट्टी के साथ बातचीत करते भी देखा गया था। ऐसे कैदियों के मोबाइल फोन में अक्सर उन लोगों के आईपी पते और जगहों को छिपाने के लिए हाई-एंड वीपीएन नेटवर्क लगे होते हैं। लॉरेंस बिश्नोई भारत और विदेशों में अपने सहयोगियों के साथ बात करने के लिए सिग्नल और टेलीग्राम जैसे ऐप का उपयोग करता है।
चार मामलों में बरी लॉरेंस विश्नोई
बिश्नोई के खिलाफ चंडीगढ़ में 2010 और 2012 के बीच हत्या के प्रयास, अतिक्रमण, हमला और डकैती सहित अपराधों के लिए उसके खिलाफ कई प्राथमिकी रिपोर्ट (FIR ) दर्ज की गईं थी। ये सभी मामले छात्र राजनीति में भागीदारी से जुड़े थे। सात एफआईआर में से उसे चार में बरी कर दिया गया और तीन अभी चल रहे हैं। जेल में रहने के दौरान, बिश्नोई ने सलाखों के पीछे अपराधियों के साथ गठजोड़ किया। रिहा होने के बाद, वह हथियार डीलरों और अन्य स्थानीय अपराधियों से मिला। पंजाब विश्वविद्यालय में उसकी शिक्षा के दौरान उसके गिरोह का आकार बढ़ता गया।
2013 में स्नातक होने के बाद, उसने कथित तौर पर मुक्तसर में सरकारी कॉलेज के चुनाव के विजेता उम्मीदवार और लुधियाना नगर निगम चुनाव में एक उम्मीदवार की गोली मार कर हत्या कर दी। 2013 के बाद उसने शराब का धंधा शुरू कर दिया। उसने अपने गिरोह में हत्यारों को भी पनाह दी। 2014 में राजस्थान पुलिस के साथ उसकी मुठभेड़ हुई जिसके बाद उसे जेल भेजा गया, जहां उसने हत्याओं की साजिश रची और हत्याओं की गवाही दी। उसने गैंगस्टर से नेता बने जसविंदर सिंह उर्फ रॉकी से दोस्ती की। रॉकी की 2016 में जयपाल भुल्लर ने हत्या कर दी थी, जिसे 2020 में खुद गोली मार दी गई थी।