Lakhs of rupees reach from one country to another in a jiffy : हवाला के जरिए देश में पैसा पहुंचता है। आपने कई बार खबरों में ऐसे शब्द सुनते होंगे लेकिन क्या आप जानते हैं कि हवाला क्या होता है और इसके जरिए कैसे रुपयों का लेन-देन होता है। आज हम आपको बताएंगे कि किन पैसों को हवाला का पैसा कहा जाता है और इसके खिलाफ देश के कई विभाग क्यों कार्रवाई करते हैं। बता दें कि हवाला एक अनौपचारिक धन हस्तांतरण प्रणाली है। इसमें पैसे की वास्तविक आवाजाही के बिना एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति को पैसा स्थानांतरित हो जाता है। नियमों के मुताबिक ये यह अवैध और सरल प्रक्रिया है. जिसके लिए किसी भी दस्तावेज़ीकरण की आवश्यकता नहीं होती है और ये पूरा काम सिर्फ विश्वास पर होता है इसलिए यह धन के स्थानांतरण की एक गुमनाम प्रणाली है।
हवाला का इतिहास
अब आप सोच रहे होंगे कि आखिर कितने सालों से हवाला के जरिए पैसों का लेन-देन भारत में हो रहा है। बता दें कि ये एक बहुत पुराना तरीका है। दरअसल एक दौर था जब चीन से लेकर अरब और यूरोपीय देशों तक सिल्क रूट से व्यापार होता था। भारत भी इसी रास्ते से व्यापार करता था। उस दौर में ऊंटों पर सवार होकर व्यापारी एक-स्थान से दूसरे स्थान तक जाते थे। हालांकि ये इतना आसान नहीं था। इस दौरान रास्ते में उन्हें चोर-डाकुओं का सामना करना पड़ता था। इसमें अक्सर उन्हें पैसे का नुकसान उठाना पड़ता था। अपने पैसे की सुरक्षा के लिए इसी दौर में हवाला कारोबार का जन्म हुआ था।
लेन-देन में विश्वास
आसान भाषा में आप समझिए कि अगर आपको दिल्ली से करीब 50 करोड़ रुपए कैश दुनिया और देश के दूसरे हिस्सों में पहुंचाना है, तो आपको इसके लिए बैंक से ट्रांसफर करने पर आपको बहुत से चार्जेस देने होंगे। इसके अलावा पूछे जाने पर आपको एजेंसियों को बताना पड़ेगा कि ये पैसा आपने कहां से कमाया है। पूछताछ में नहीं बता पाने पर आपके खिलाफ कार्रवाई हो सकती है. लेकिन इस दौरान जिस नेटवर्क के जरिए कुछ कमीशन पर आपको पैसा एक जगह से दूसरे जगह पर मिलता है। इसे ही हवाला नेटवर्क और हवाला का पैसा कहा जाता है। ये सारा लेन-देन एक विश्वास के जरिए होता है। बता दें कि अधिकतर गैर-कानूनी काम रुपये, डॉलर और दिरहम इत्यादि मुद्रा लेनदेन इसी तरह होता है। इसमें रकम भेजने वाले और पाने वाले की ट्रेसिंग करना मुश्किल होता है।