KGF और KGF 2 के हीरो यश अब विलेन बनेंगे। वो रणबीर कपूर, साई पल्लवी स्टारर फिल्म रामायण में रावण की भूमिका में नजर आएंगे। फिल्म के डायरेक्टर नितेश तिवारी हैं, जिन्होंने दंगल और छिछोरे जैसी हिट फिल्में बनाई हैं। खास बात ये है कि इस रोल के लिए यश को 150 करोड़ रु. फीस दी जा रही है। ये हिंदी सिनेमा के इतिहास में किसी विलेन को मिलने वाली सबसे ज्यादा फीस है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, यश KGF 3 की शूटिंग में भी बिजी हैं, लेकिन इसके बावजूद उन्होंने रामायण को अपनी पहली बॉलीवुड फिल्म के तौर पर चुना है।
विलेन के तौर पर एक एक्टर को इतनी फीस मिलना बॉलीवुड में बहुत बड़ी बात है, क्योंकि ऐसा अब तक नहीं हुआ है। गुजरे जमाने के टॉप विलेन प्राण को तो एक फिल्म के लिए 600 रु. मिलते थे जो उस दौर में सबसे ज्यादा थे। वहीं, रिपोर्ट्स के मुताबिक, यश ने फीस के मामले में रणवीर सिंह, संजय दत्त, कमल हासन, विजय सेतुपति, इमरान हाशमी और सैफ अली खान जैसे स्टार्स का रिकॉर्ड तोड़ दिया है।
ये एक्टर बने हीरो से विलेन तो चमक गया करियर
शैतान में आर माधवन
8 मार्च, 2024 को रिलीज हुई फिल्म शैतान में आर माधवन ने वनराज का किरदार निभाया है, जो काला जादू करता है। इस निगेटिव किरदार में माधवन को बेहद पसंद किया जा रहा है। माधवन को अब तक के करियर में सॉफ्ट रोल में ही देखा गया था, लेकिन शैतान में उन्हें विलेन के तौर पर देखकर फैंस सरप्राइज रह गए हैं। यही वजह है कि फिल्म बॉक्सऑफिस पर 100 करोड़ का कलेक्शन पार कर चुकी है।
बॉबी के करियर की पहली ब्लॉकबस्टर फिल्म बनी एनिमल
फिल्म एनिमल में बॉबी देओल मेन विलेन बने। उन्हें फिल्म में अबरार के रोल में काफी पसंद किया गया। इस रोल के लिए उन्हें 4-5 करोड़ की फीस दी गई, जो इससे पहले उन्हें किसी फिल्म के लिए नहीं मिली थी। बॉबी ने अपने 28 साल लंबे करियर में तकरीबन 45 फिल्में कीं, लेकिन इतने लंबे करियर में 'एनिमल' ही ऐसी फिल्म है जो कि उनकी पहली ब्लॉकबस्टर साबित हुई, जिसने 950 करोड़ का बिजनेस किया है। कहना गलत नहीं होगा कि बॉबी को विलेन के रोल से नई पहचान मिली है।वहीं, एनिमल में रणबीर कपूर का रोल भी टिपिकल हीरो की इमेज वाला नहीं था। इसमें उनके कई ग्रे शेड भी नजर आए। रणबीर ने ऐसा किरदार कभी नहीं निभाया था और उन्हें निगेटिव शेड वाले किरदार में भी काफी पसंद किया गया।
शाहरुख ने लिया था डर और बाजीगर में रिस्क
शाहरुख खान भी उन स्टार्स में से हैं जिन्होंने निगेटिव रोल निभाने से परहेज नहीं किया। ये रिस्क उन्होंने करियर के शुरुआती दौर में बाजीगर और डर जैसी फिल्मों में विलेन बनकर लिया। 1993 में फिल्म बाजीगर के लिए शाहरुख को बेस्ट एक्टर का फिल्मफेयर अवॉर्ड मिला था, जबकि 1993 में ही रिलीज हुई फिल्म डर रिलीज में सनकी आशिक के रोल के लिए उन्हें 'बेस्ट एक्टर इन ए निगेटिव रोल' के लिए फिल्मफेयर में नॉमिनेशन मिला था। इन किरदारों में शाहरुख को काफी पसंद किया गया और धीरे-धीरे वो बुलंदियों पर जा पहुंचे।
कभी विलेन को देख खौफ खाते थे लोग
अब एक्टर्स सॉफ्ट हीरो की छवि से अलग ग्रे शेड वाले रोल्स की तरफ मुड़ने का साहस कर रहे हैं। जबकि पहले ऐसा नहीं था। पहले हीरो विलेन या निगेटिव रोल निभाने से डरते थे जिसकी वजह से फिल्ममेकर्स ऐसे एक्टर्स को कास्ट करते थे जिन्हें निगेटिव रोल करने में परेशानी न हो।
इनमें शक्ति कपूर, अमरीश पुरी, कुलभूषण खरबंदा, अमजद खान, रंजीत, प्राण, प्रेम चोपड़ा जैसे एक्टर्स के नाम शामिल हैं, जिन्होंने सिर्फ विलेन के तौर पर फिल्मों में अपनी पहचान बनाई और कई आइकॉनिक किरदारों में अमर हो गए। विलेन के रोल निभाने वाले इन स्टार्स का ऐसा खौफ था कि लोग इन्हें रियल लाइफ में भी विलेन समझने लगते थे।