Small remedy will remove all sorrows : नवग्रहों में बृहस्पति सबसे शुभ ग्रह हैं और सामान्यतः सभी को अच्छा फल प्रदान करते हैं। अच्छी बात यह है कि नियमित रूप से सरल पूजा-पाठ से भी बृहस्पति देव का आशीर्वाद प्राप्त होने लगता हैैै। गुरुवार का दिन देवगुरु बृहस्पति की पूजा के लिए समर्पित रहता है। इस दिन भगवान विष्णु की विधि विधान से पूजा करने से बृहस्पति देव प्रसन्न होते हैं। हालांकि अगर कुंडली में इनकी स्थिति कमजोर हो तो इनके कारकत्व में कमी आ जाती हैै। ऐसी स्थिति में प्रायः भाग्य रूठा रहता है, पैसों की समस्या आती रहती है और दांपत्य जीवन में क्लेश बना रहता हैै। इन दिक्कतों को दूर करने के लिए बृहस्पति को मजबूत करना बहुत जरूरी है।
चने की दाल तथा गुड़ का भोग लगायें
जिनकी कुंडली में बृहस्पति की स्थिति अच्छी नहीं है, बृहस्पति नीच राशि में है, अस्त है या अकारक है, उन्हें गुरुवार को पूजा-पाठ जरूर करना चाहिए। इस दिन भगवान विष्णु की पूजा कर उन्हें पीले फूल अर्पित करें। विष्णुजी को चने की दाल तथा गुड़ का भोग लगाना चाहिए।
मंत्रों का जाप करना बहुत मंगलकारी
ज्योतिषाचार्य के अनुसार नवग्रहों में बृहस्पति सबसे शुभ ग्रह हैं। बृहस्पति देव को भाग्य, वित्त, दांपत्य सुख आदि का कारक माना गया है। कुंडली में गुरु की स्थिति मजबूत करने के लिए उनके मंत्रों का जाप करना चाहिए। बृहस्पति के बीज मंत्रों का जाप करना बहुत मंगलकारी होता है।
बड़ों के चरण छूकर आशीर्वाद प्राप्त करें
गुुरुवार के दिन अपने गुरु का आशीर्वाद लेना भी श्रेष्ठ उपाय माना गया है। गुरुवार के दिन श्रीमदभगवतगीता या विष्णु सहस्रनाम का पाठ करें। बृहस्पति बडे भाई और वरिष्ठों, अध्यापकों आदि का भी प्रतिनिधित्व करते हैं इसलिए दैनिक जीवन में अपने बडे भाइयों का सम्मान करें। शिक्षकों का अपमान कतई न करें, उनके चरण छूकर आशीर्वाद प्राप्त करें।
गुरुवार को गरीबों को केलों का दान करें
याद रखें कि ग्रह अपने अच्छे या बुरे परिणाम अपनी महादशा, अंतरदशा, प्रत्यंतर दशा में तीक्ष्ण रूप से देते हैं। बृहस्पति की दशा जीवन की सर्वाधिक अच्छी दशा मानी जाती है। यदि बृहस्पति दशा चल रही हो और अच्छे परिणाम नहीं मिल पा रहे हों तो विश्वासपूर्वक पूजा-पाठ प्रारंभ कर दें। कुछ दिनों में ही दुख या कष्ट कम होने लगेंगे और सुख प्राप्त होने लगेंगे। बृहस्पति को मजबूत करने का एक सरल उपाय यह भी है कि गुरुवार को गरीबों को केलों का दान करें। मंदिर में केले दान करें।