जालंधर में पावरकॉम बिजली बिल जमा न करवाने वालों पर लगातार ही शिकंजा कसा जा रहा है। जिनके बकाया बिल लंबे समय से जमा नहीं हुए हैं उनके कनेक्शन काटे जा रहा है। जिसके लिए पटियाला हेड ऑफिस से सभी अधिकारियो को खास हिदायतें हैं कि बकाया बिल के पैसे किसी भी हालत में इक्टठे किए जाएं और कनेक्शन काटे जाएं। जालंधर के फगवाड़ा शहर की सबसे बड़ी फर्म जेसीटी मिल का बिजली बिल 3.5 करोड़ बकाया है। बिजली बिल जमा न करवाने को लेकर पावरकॉम ने जेसीटी मिल का कनेक्शन 17 नवंबर को काट दिया था। जिसके बाद दो दिन तक टेंपरेरी तौर पर कनेक्शन जोड़ दिया ताकि काम प्रभावित न हो पाए। इसी के साथ पावरकॉम के अधिकारियों ने जेसीटी मैनेजमेंट को बिजली बिल जमा करवाने के लिए दो दिन का समय दिया था।
5 घंटे चली मीटिंग
सोमवार को बकाया बिजली बिल के मुद्दे को सुलझाने के लिए जेसीटी मालिक समीर थापर के साथ एडीसी अमित कुमार पांचाल, एसडीएम जय इंद्र सिंह, एसपी गुरप्रीत सिंह, पावरकॉम के एसई गुलशन चौट्टानी और फगवाड़ा डिवीजन के एक्सईएन हरदीप कुमार ने मीटिंग की। इस पांच घंटे चली मीटिंग में कोई फैसला नहीं हो पाया। जिसके बाद मंगलवार का समय दिया गया कि पूरा बिजली का बिल जमा करवाया जाए। अगर ऐसा नहीं होता है तो टेंपरेरी तौर पर दिया गया कनेक्शन भी काट दिया जाएगा।
15 लाख रुपए का सौंपा था चैक
मिली जानकारी के अनुसार बिजली कनेक्शन काटने का मामला जब कपूरथला के डीसी करनैल सिंह के पास पहुंचा तो उन्होंने पावरकॉम के अधिकारियों को इस मसले को सुलझाने के लिए कहा। जिसके बाद जेसीटी मिल की मैनेजमेंट ने 15 लाख रुपए का चैक सौंप दिया गया था। जिसके बाद टेंपरेरी तौर पर कनेक्शन जोड़ दिया गया था। वहीं डीसी करनैल सिंह ने अगर बिजली की खपत फर्म की तरफ से की गई है तो उसे हर हालत में बिजली बिल जमा करवाना होगा। इसी के साथ डीसी ने ये भी कहा है कि अगर मसला जालंधर लेवल पर हल नहीं होता है तो मिल मैनेजमेंट को पटियाला हैड ऑफिस में जाकर इसका हल निकालना चाहिए।
इस मामले को लेकर डिप्टी चीफ गुलशन चौट्टानी ने कहा कि मैनेजमेट इस संबंध में मीटिंग कर रही है। उनका जो फैसला होगा। उसी के हिसाब से आगे की कारवाई की जाएगी।