आजकल की खराब लाइफस्टाइल और गलत खान-पीन की वजह से लोग कई सेहत समस्याओं से जूझ रहे हैं। इन्हीं समस्याओं में से एक स्ट्रोक की भी समस्या है। स्ट्रोक काफी खतरनाक होता है। स्ट्रोक न केवल आपके शरीर को प्रभावित करता है बल्कि यह आपके दिमाग को भी प्रभावित करता है।
यह समस्या कई बार इतनी खतरनाक हो जाती है कि इससे व्यक्ति की जान भी जा सकती है। वहीं कई स्ट्रोक पेशेंट में धीरे-धीरे डिप्रेशन की समस्या देखी गई है जिसे डॉक्टर काफी गंभीर कंडीशन मानते हैं। साथ ही इसे पोस्ट स्ट्रोक डिप्रेशन के नाम से जाना जाता है।
ऐसे में जो स्ट्रोक पेशेंट हैं उन्हें टाइम टू टाइम जांच करवाते रहना चाहिए। आइए जानते हैं आखिर पोस्ट स्ट्रोक डिप्रेशन क्या होता है और इसके लक्षण क्या हैं।
क्या होता है पोस्ट स्ट्रोक डिप्रेशन
स्ट्रोक के बाद डिप्रेशन में चले जाने को ही पोस्ट स्ट्रोक डिप्रेशन कहा जाता है। दरअसल डिप्रेशन सबसे आम न्यूरोसाइकिएट्रिक विकार है जो सभी स्ट्रोक रोगियों में से एक तिहाई से अधिक को प्रभावित करता है। स्ट्रोक के बाद डिप्रेशन की उपस्थिति रोगियों की पुनर्वास में भाग लेने की क्षमता को बहुत प्रभावित करती है और यहां तक कि उनकी दीर्घकालिक मृत्यु दर को भी प्रभावित कर सकती है।
पोस्ट स्ट्रोक डिप्रेशन के नजर आने वाले लक्षण
वजन कम होना
थकान और सोने के पैटर्न में बदलाव होना
डिस्फोरिया और एनहेडोनिया की समस्या होना
किसी चीज को लेकर पछतावा महसूस करना
मन का एकाग्र न होना
फैसले लेने में समस्या होना
सुसाइड करने का ख्याल आना भी है
ऐसे दूर करें पोस्ट स्ट्रोक डिप्रेशन
हेल्थ एक्सपर्ट्स के मुताबिक स्ट्रोक के बाद के डिप्रेशन का इलाज बायोलॉजिकल, साइकोलॉजिकल, सोशल और रिहैबिलिटेशन पर बेस्ड पर होता है। वहीं कुछ शोध ने स्ट्रोक के पेशेंट में डिप्रेशन के इलाज के लिए थेरेपी को भी कारगर माना है। साथ ही शोधकर्ताओं मुताबिक जीवन में कुछ पल इतने अच्छे होते हैं कि जिनकी मदद से भी डिप्रेशन को कम किया जा सकता है।