एक तरफ चुनावों का दौर चल रहा है। वहीँ दूसरी तरफ बिहार के पूर्व उप मुख्यमंत्री व पूर्व राज्यसभा सांसद सुशील कुमार मोदी का एक बीमारी के चलते निधन हो गया है। आपको बता दें उनका इलाज काफी समय से दिल्ली के AIIMS में चल रहा था।
कैंसर की बीमारी से जूझ रहे थे
72 साल की उम्र में उन्होंने इस दुनिया को अलविदा कह दिया है। बता दें वे पिछले कुछ समय से कैंसर जैसी खतराक बीमारी से जूझ रहे थे। वहीँ बिहार की सियासत में सुशील मोदी की एक अलग पहचान थी। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ उनकी जोड़ी काफी खास मानी जाती रही है। इस बीमारी के कारण वो पिछले कुछ समय से राजनीति से दूर ही थे। उन्होंने खुद कैंसर से संघर्ष करने की बात बतायी थी।
बता दें प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा सहित भाजपा के कई वरिष्ठ नेताओं ने एक्स पर पोस्ट कर उनके निधन पर शोक जाहिर किया है और पार्टी के लिए अपूरणीय क्षति बताया है
इसी के साथ लोकसभा चुनाव के बीच सुशील कुमार मोदी का निधन बिहार बीजेपी के साथ-साथ राष्ट्रीय नेतृत्व के लिए बड़ा धक्का है। पार्टी में उनकी सक्रियता काफी खास रही है। डिप्टी सीएम के अलावा राज्यसभा सांसद भी रह चुके हैं। तीन दशक के सार्वजनिक जीवन में राज्यसभा, लोकसभा, विधान परिषद और विधानसभा सहित सभी चार सदनों के सदस्य रह चुके थे।
डॉ. ने कहा यूरोथेलियल कैंसर था
एम्स के डॉक्टर्स के मुताबिक उन्हें यूरिनरी ब्लैडर में यूरोथेलियल कैंसर था। उनका कैंसर एडवांस स्टेज में पहुंच चूका था जो उनके मस्तिष्क तक फैल गया था। शुरुआत में यूरोलॉजी के प्रोफेसर डॉ. अमलेश सेठ से उनका इलाज चल रहा था। बाद में एम्स के कैंसर सेंटर में उनका इलाज किया जा रहा था। नौ अप्रैल से एम्स के कैंसर सेंटर में यूरोआंकोलॉजी के विशेषज्ञ डॉ. रणजीत साहू के अंतर्गत प्राइवेट वार्ड में भर्ती थे। बता दें कुछ दिन पहले उनकी हालत बिगड़ने पर उन्हें आईसीयू में भर्ती किया था। बाद में स्वास्थ्य में थोड़ा सुधार होने पर वह आईसीयू से बाहर वापस प्राइवेट वार्ड में आ गए थे। कैंसर एडवांस स्टेज में होने के कारण उनकी तबीयत फिर बिगड़ गई।
यूरोथेलियल कैंसर क्या है
दरअसल यूरिनरी ब्लैडर कैंसर को यूरोटेलियल कार्सिनोमा कहा जाता है। ये गंभीर बीमारी मूत्राशय यानी ब्लैडर के अंदर मौजूद यूरोटेलियल कोशिकाओं के असामान्य तरीके से बहुत अधिक बढ़ जाने पर होती है। एक्सपर्ट्स के मुताबिक, ये कैंसर आपके मूत्राशय यानी ब्लैडर पर एक परत के रूप में शुरू होता है और समय के साथ पास के लिम्फ नोड्स और फिर शरीर के अन्य अंगों जैसे हड्डियां, फेफड़ों और लिवर तक बढ़ जाता है।
वहीँ ये भी बता दें यूरिनरी ब्लैडर कैंसर पुरुषों को प्रभावित करने वाला चौथा सबसे आम कैंसर है, महिलाओं को भी ये कैंसर प्रभावित कर सकता है। लेकिन पुरुषों में इसका खतरा अधिक होता है। वहीं, परेशानी की बात यह है कि अधिकांश मामलों में एडवांस स्टेज में ही इस कैंसर के बारे में पता चल पाता है।
हालांकि, अगर यूरिनरी ब्लैडर कैंसर के कुछ सामान्य लक्षणों पर ध्यान दिया जाए, तो समय रहते सही इलाज के साथ इस गंभीर बीमारी को जड़ से खत्म भी किया जा सकता है
क्या है इसके लक्षण
- पेशाब में खून आना
- पेशाब करते समय दर्द और जलन का एहसास होना
- बार-बार पेशाब आना और बहुत ज्यादा पेशाब करने की जरूरत महसूस होती है
- मूत्राशय में लगातार संक्रमण होना