खबरिस्तान नेटवर्क : देश में डेंगू कहर बरपा रहा है। अस्पतालों में डेंगू के मरीजों की संख्या बढ़ रही हैं। इस बार राजधानी दिल्ली में डेंगू के सबसे गंभीर स्ट्रेन DEN-2 के केस ज्यादा देखे जा रहे हैं। इस कारण डेंगू और भी गंभीर हो सकता है। डॉक्टर सभी से सावधानी बरतने की अपील कर रहे हैं। सबसे बड़ा सवाल है कि क्या एक बार डेंगू होने के बाद अगर दूसरी बार डेंगू होता है तो वह कितना खतरनाक हो सकता है।
सेंटर्स फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन के अनुसार, डेंगू संक्रमण दुनिया भर के 100 से अधिक देशों में होने वाली एक आम समस्या है और लगभग 3 बिलियन लोग डेंगू से प्रभावित क्षेत्रों में रहते हैं। इनमें भारत और दक्षिण पूर्व एशिया के अन्य भाग, चीन, अफ्रीका, ताइवान और मैक्सिको शामिल हैं। हेल्थ एक्सपर्ट्स के मुताबिक, डेंगू का संक्रमण पूरी जिंदगी में कई बार हो सकता है। यह किसी भी उम्र में हो सकता है। संक्रामक बीमारियों को लेकर माना जाता है कि अगर एक बार किसी को ये हो जाए तो शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता विकसित हो जाती है। यह अगले बार जोखिम से बचाने में मदद कर सकती है। मगर हेल्थ एक्सपर्ट्स का कहना है कि डेंगू को लेकर इसके कोई सबूत नहीं मिले हैं।
डेंगू क्या है
Dengue एक मच्छर जनित वायरल इंफेक्शन या डिजीज है। डेंगू होने पर तेज बुखार, सिरदर्द, मांसपेशियों एवं जोड़ों में दर्द, त्वचा पर चकत्ते आदि निकल आते हैं। डेंगू बुखार को हड्डी तोड़ बुखार भी कहते हैं। एडीज मच्छर के काटने से डेंगू होता है। यह संक्रमण फ्लेविविरिडे परिवार के एक वायरस के सेरोटाइप- डीईएनवी-1 (DENV-1), डीईएनवी-2 (DENV-2), डीईएनवी-3 (DENV-3) और डीईएनवी-4 (DENV-4) के कारण होता है। हालांकि, ये वायरस 10 दिनों से अधिक समय तक जीवित नहीं रहते हैं। जब डेंगू का संक्रमण गंभीर रूप ले लेता है, तो डेंगू रक्तस्रावी बुखार या डीएचएफ होने का खतरा बढ़ जाता है। इसमें भारी रक्तस्राव , ब्लड प्रेशर में अचानक गिरावट, यहां तक कि पीड़ित व्यक्ति की मृत्यु भी हो सकती है। डीएचएफ को डेंगू शॉक सिंड्रोम भी कहा जाता है। अधिक गंभीर मामलों में तुरंत हॉस्पिटल में भर्ती कराने की जरूरत होती है वरना पीड़ित की जान भी जा सकती है। डेंगू का कोई विशिष्ट या खास उपचार उपलब्ध नहीं है। सिर्फ इसके लक्षणों को पहचानकर ही आप इस पर काबू पा सकते हैं।
क्या दूसरी बार डेंगू होना ज्यादा खतरनाक
WHO की रिपोर्ट के अनुसार, डेंगू के मुख्य तौर से चार स्ट्रेन देखे जाते हैं। लेकिन, चारों सीरोटाइप एंटीजेनिक तौर से समान हैं। उनमें से किसी एक से संक्रमण होने के बाद केवल कुछ महीनों के लिए क्रॉस-प्रोटेक्शन मिल सकता है। हेल्थ एक्सपर्ट्स के अनुसार किसी दूसरे सीरोटाइप के कारण अगर आपको दूसरी बार डेंगू का संक्रमण होता है तो यह ज्यादा खतरनाक हो सकता है। डेंगू का हर अगला संक्रमण ज्यादा गंभीर हो सकता है।
हेल्थ एक्सपर्ट्स के मुताबिक, दूसरी बार डेंगू का संक्रमण होना खतरा काफी आम है। हालांकि, दूसरी बार संक्रमण होने पर बीमारी के समय या क्लीनिकल प्रजेंटेशन में बदलाव देखने को मिल सकता है। दूसरी बार संक्रमण होने पर मच्छर के काटने के पांच दिनों के अंदर बीमारी गंभीर हो सकता है। हेल्थ एक्सपर्ट्स कहते हैं कि डेंगू के गंभीर मामलों में डेंगू हेमोरेजिक शॉक, आंतरिक रक्तस्राव जैसी समस्याएं हो सकती हैं। अगर समय पर इलाज न हो तो यह जानलेवा भी हो सकती है।
डेंगू से बचाव के उपाय
दूसरी बार डेंगू होने से बचना है तो बचाव के उपाय पर जोर देना चाहिए-
- मच्छर के लार्वा जन्म न लें इसलिए गंदे पानी को जमा न होने दें।
- जहां पानी जमा हो, वहां कीटनाशक का छिड़काव करते रहें।
- डेंगू के मच्छरों के काटने से बचाव भी करते रहें.
- शरीर की इम्यूनिटी बढ़ाने पर ध्यान देना चाहिए।