भारत-कनाडा के बीच चल रहा विवाद और तनाव जल्द समाप्त होने के आसार हैं। खबर है कि विदेश मंत्री एस जयशंकर और उनकी कनाडाई समकक्ष मेलेनी जॉली ने हाल ही में गुप्त बैठक की है। हालांकि, दोनों देशों की ओर से मीटिंग की कोई पुष्टि नहीं की गई है। खालिस्तानी समर्थक हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के तार भारत से जोड़ने के बाद दोनों देशों के बीच विवाद खड़ा हो गया था।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक विदेश मंत्री जयशंकर और जॉली की अमेरिका में बैठक हुई है। भारत की ओर से कनाडा के राजनयिकों को डेडलाइन दिए जाने के बाद से ही कनाडा सरकार लगातार भारत के साथ तल्ख होते रिश्तों को सुधारने के प्रयास में है। खुद विदेश मंत्री जॉली भी कह चुकी हैं कि वे इस मुद्दे को 'प्राइवेटली' सुलझाने की कोशिश कर रहे हैं।
कनाडा का रुख बदला
कनाडाई विदेश मंत्री ने कहा था, 'हम भारत सरकार के साथ संपर्क में हैं। हम कनाडा के राजनयिकों की सुरक्षा को गंभीरता से ले रहे हैं। साथ ही हम निजी तौर पर बात करना चाहते हैं, क्योंकि हमें लगता है कि कूटनीतिक बातें अगर प्राइवेट रहें तो ज्यादा बेहतर है।' प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो भी कह चुके हैं कि वह स्थिति को और बढ़ाना नहीं चाहते।
प्रधानमंत्री ट्रूडो की तरफ से लगाए आरोप और भारतीय राजनयिक को निष्कासित करने के फैसले के बाद से ही भारत कड़ा रुख अपना रहा है। ऐसी खबरें सामने आई थीं कि भारत ने दर्जनों राजनयिकों को देश छोड़ने के लिए कह दिया था। खबरें ये भी थीं कि कनाडा ने करीब 30 डिप्लोमैटिक स्टाफ को कुआलालंपुर या सिंगापुर भेज दिया था।
भारत ने खारिज किया था कनाडा का दावा
कनाडा की प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने अपनी संसद में खालिस्तानी अलगाववादी नेता हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के पीछे भारत का हाथ होने का इल्ज़ाम लगाया था तो भारत ने उसे बेतुका और प्रेरित बता कर ख़ारिज कर दिया था।
निज्जर की हत्या के बारे में कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो के आरोपों के बारे में विदेश मंत्री डॉ एस जयशंकर ने कहा था कि भारत ने कनाडा से कहा है कि ये (इस तरह की हत्याएं) भारत सरकार की नीति नहीं है। साथ ही भारत ने कनाडा से कहा था कि अगर उनके पास कोई विशिष्ट और प्रासंगिक जानकारी है तो वो भारत को बताएं और भारत उस पर विचार करने के लिए तैयार है।