पंजाब के किसानों ने अपनी मांगों के समर्थन में 30 दिसंबर को पंजाब बंद का आह्वान किया है। इस दौरान पेट्रोल पंप, ट्रेन और बस पूरी तरह से बंद रहेंगी, सिर्फ इमरजैंसी सेवाएं ही बहाल रहेंगी। इस प्रदर्शन में पनबस पीआरटीसी वर्कर यूनियन के कर्मचारी भी शामिल होंगे। जिसके कारण पंजाब में करीब 4 घंटे तक सरकारी बसें नहीं चलेंगी। 1125 बसों के पहिए पूरी तरह जाम रहेंगे। सुबह 10 बजे से दोपहर 2 बजे तक बसें सड़क पर नहीं उतरेंगी।
इन्हें ही जाने दिया जाएगा
किसान नेता सरवन सिंह पंधेर ने कहा कि बंद के दौरान इमरजैंसी सेवाएं ही सिर्फ जारी रहेंगी। शादी, इंटरव्यू और एयरपोर्ट जाने वाले लोगों को नहीं रोका जाएगा। पंजाब में लघु उद्योग से लेकर दुकानदारों तक सब पर कॉर्पोरेट हावी हो रहा है। हम उन सभी को मुंहतोड़ जवाब देंगे।
सुबह 10 बजे से दोपहर 2 बजे तक बसों का रहेगा चक्का जाम
बता दें कि पंजाब बंद को लेकर यूनियन की बैठक हुई है। इसमें संघर्ष को लेकर रणनीति बनाई गई है। इस दौरान यूनियन के चेयरमैन बलजिंदर सिंह राठ और प्रधान रेशम सिंह ने कहा कि किसानों ने सुबह 7 बजे से शाम 4 बजे तक पंजाब बंद का आह्वान किया है। लेकिन पूरे दिन की हड़ताल संभव नहीं है। इसी के चलते लोगों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए सुबह 10 बजे से दोपहर 2 बजे तक बसों का चक्का जाम करने का फैसला लिया गया है।
7 राज्यों पर असर पड़ेगा
पीआरटीसी पंजाब और अन्य राज्यों में 577 रूटों पर बसें चलाता है। जो इस दौरान प्रभावित रहेंगी। ये बसें पंजाब, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर, दिल्ली, राजस्थान और उत्तराखंड को कवर करती हैं। पीआरटीसी के नौ डिपो हैं। इनमें पटियाला, बठिंडा, कपूरथला, बरनाला, संगरूर, बुढलाडा, फरीदकोट, लुधियाना और चंडीगढ़ शामिल हैं। कुल मिलाकर विभाग में 3000 से ज्यादा कर्मचारी काम कर रहे हैं।
वहीं, पंजाब बंद को लेकर हुई बैठक में फैसला लिया गया कि 29 तारीख तक कंडक्टर बसों में टिकट जारी करने से पहले लोगों को बंद के बारे में बताएंगे। ताकि बसों में सफर करने वाले लोगों को इसके बारे में पहले से पता चल सके। हालांकि, किसान पहले ही साफ कर चुके हैं कि निजी बस ऑपरेटरों ने उनका समर्थन किया है।
डल्लेवाल जिद्दी नहीं, पीएम और गृहमंत्री जिद्दी
सरवन सिंह पंधेर ने कहा कि भाजपा के प्रवक्ता और केंद्र सरकार लोगों के बीच यह धारणा बनाने में लगी हुई है कि जगजीत सिंह डल्लेवाल हैं। पर वह जिद्दी नहीं, वह आमरण अनशन पर बैठे हुए हैं, वह 11 महीने से बोल रहे हैं। डल्लेवाल जिद्दी नहीं हैं बल्कि देश के प्रधानमंत्री जिद्दी हैं, गृहमंत्री जिद्दी हैं और वह जिद्द नहीं छोड़ रहे हैं।
बात करके इस मुद्दे को सुलझाना चाहिए
किसान नेता पंधेर ने आगे कहा कि पीएम को जिद्द छोड़कर इस मुद्दे पर बात करनी चाहिए और इसे सुलझाना चाहिए। पंजाब सरकार भी स्पष्ट करे कि वह मोदी सरकार के साथ है या किसानों के साथ है। पंजाब बंद को लेकर अकाली दल और कांग्रेस भी अपना रुख स्पष्ट करे।