दिल्ली में ठंड की शुरुआत होती नहीं कि पॉल्यूशन बढ़ना शुरू हो जाता है। दिल्ली-मुंबई समेत देश के कई हिस्सों में लगातार प्रदूषण बढ़ता जा रहा है। बीते कुछ दिनों से राजधानी समेत देश के ज्यादातर शहरों की हवा जहरीली होती जा रही है, जिसकी वजह से सांस लेना तक मुश्किल हो रहा है। केवल सुबह ही नहीं शाम को भी हवा की गुणवत्ता इतनी खराब है कि बाहर निकलना मुश्किल हो गया है। सर्दियों में जुकाम, खांसी, गले में खराश जैसी दिक्कतें तो आम होती ही हैं, मगर प्रदूषण के कारण सांस लेने में दिक्कत, बुखार जैसी समस्याओं ने भी इनके साथ अटैक कर दिया है। आपको बताते हैं कुछ घरेलू उपायों के बारे में जिससे राहत मिलेगी-
नमक के पानी से गरारे है फायदेमंद
मौसम और प्रदूषण के कारण होने वाले इन्फेक्शन्स से राहत पाने के लिए नमक के पानी से गरारे करना भी बेहद फायदा पहुंचाता है। इससे गले की सफाई हो जाती है। यहां तक की सूजन की समस्या से भी राहत दिलाता है। गुनगुने पानी में नमक डालकर दिन में दो से तीन बार गरारे करें और बचे रहें इन परेशानियों से।
हल्दी वाला दूध दिलाए समस्याओं से राहत
हल्दी वाला दूध कई सारी समस्याओं से राहत दिलाने में असरदार है, तो मौसम कोई भी हो, इसके रोजाना रात को सोने से पहले पिेएं और रहें नाक, गले के इन्फेक्शन्स से कोसों दूर। इसके गुणों को और बढ़ाने के लिए दूध में हल्दी के साथ दो चुटकी सोंठ भी डाल दें। देखिए कैसे ये आपको पूरी सर्दियों भर रखेगा इन सभी संक्रमण से दूर।
तुलसी का काढ़ा इन्फेक्शन से रखेगा बचाव
अपनी सुबह की शुरुआत चाय की जगह काढ़े के साथ करें। काढ़े में तुलसी की पत्तियों को खासतौर से शामिल करें। तुलसी के पत्तों में एंटी-बैक्टीरियल गुण मौजूद होता हैं। तुलसी के साथ काढ़े में अजवाइन, काली मिर्च, अदरक, हल्दी और नमक डालें। ये ड्रिंक आपको पॉल्यूशन के चलते होने वाले इन्फेक्शन से बचाए रखेगी।
स्टीम लेना है असरदार
स्टीम लेना भी बहुत ही असरदार उपाय है नाक, गले से लेकर फेफड़ों तक की साफ- सफाई के लिए। पानी गरम करें और इसकी भाप लें। वैसे आप चाहें, तो इसमें विक्स भी डाल सकते हैं। स्टीम लेने से श्वास नली क्लीयर होती है। कफ वगैरह की समस्या भी दूर होती है।
रेस्पिरेटरी सिस्टम को ऐसे रखें हेल्दी -
मुलेठी असरदार आयुर्वेदिक
मुलेठी एक और असरदार आयुर्वेदिक जड़ी-बूटी है, जिसका इस्तेमाल आमतौर पर खांसी और गले की खराश को कम करने के लिए के किया जाता है। हालांकि, अस्थमा, ब्रोंकाइटिस और निमोनिया जैसी विभिन्न पुरानी मेडिकल कंडीशन के इलाज के लिए भी इसका किया जा सकता है। मुलेठी की जड़ में पाया जाने वाला ग्लाइसीराइजिन फेफड़ों की क्षमता को बढ़ाने और संक्रमण के खिलाफ शरीर की सुरक्षा बढ़ाने में मदद करता है।
तुलसी इम्युनिटी को मजबूत करती है
तुलसी एक ऐसा पौधा है, जो लगभग हर घर में आसानी से मिल जाता है। हिंदू धर्म में तुलसी का काफी महत्व होता है। धार्मिक मान्यताओं के साथ ही तुलसी प्राकृतिक रूप से इम्युनिटी को मजबूत करती है, क्योंकि इसमें हाई लेवल एंटीऑक्सीडेंट, जिंक और विटामिन सी होते हैं। साथ ही तुलसी में एंटीवायरल, एंटी-बैक्टीरियल और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण भी होते हैं, जो रेस्पिरेटरी सिस्टम को सुधारने और संक्रमण से लड़ने में मदद करते हैं।
पुदीना फेफड़ों की कार्यप्रणाली बेहतर करें
कई अध्ययनों से पता चलता है कि पुदीना फेफड़ों की कार्यप्रणाली को बेहतर बनाने में कैसे मदद करता है। यह एक डिकॉन्गेस्टेंट के रूप में कार्य करता है, जिसका अर्थ है कि यह नाक की झिल्ली की सूजन से राहत देता है और रेस्पिरेटरी सिस्टम में जमा हुए बलगम को खत्म करता है।