पिछले दो साल का डेटा देखें तो पता चलता है कि वैश्विक स्तर पर अचानक हार्ट अटैक के मामलों में भारी उछाल आया है। चिंताजनक बात ये है कि इसके सबसे ज्यादा शिकार 25-44 के आयुवर्ग वाले लोग हो रहे हैं, जिन्हें कुछ दशकों पहले तक हृदय रोगों के जोखिमों से काफी सुरक्षित माना जाता रहा था। पार्टी में डांस करते, काम करते-करते अचानक आए हार्ट अटैक के कई वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हैं। पर आखिर इसका असली कारण क्या है? हार्ट अटैक इतना कॉमन क्यों होता जा रहा है, इसे समझने के लिए शोधकर्ताओं ने एक अध्ययन में बड़ा खुलासा किया है।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (ICMR) की एक स्टडी का हवाला देते हुए कहा कि जो लोग, पहले गंभीर रूप से कोविड-19 संक्रमण का शिकार हुए थे उन्हें दिल के दौरे से बचाव के लिए करीब एक या दो साल तक जरूरत से ज्यादा वर्क आउट नहीं करना चाहिए। गुजरात में हाल ही में दिल संबंधी समस्याओं के कारण बहुत से लोगों की मौत हुई है। इसमें नवरात्रि महोत्सव के दौरान 'गरबा' खेलते समय हुई घटना भी शामिल है। इसके बाद राज्य के स्वास्थ्य मंत्री ऋषिकेश पटेल ने 'कार्डियोलॉजिस्ट' सहित चिकित्सा विशेषज्ञों के साथ एक बैठक की।
दिल के दौरे से बचना है तो करें ये काम
पटेल ने विशेषज्ञों से कारणों और उपचार का पता लगाने के लिए मौत के आंकड़े जुटाने को कहा। केंद्रीय मंत्री मांडविया ने बताया, 'आईसीएमआर ने एक अध्ययन किया है। इसके अनुसार, वे लोग, जो पहले गंभीर रूप से कोविड-19 संक्रमण का शिकार हुए थे उन्हें जरूरत से ज्यादा परिश्रम नहीं करना चाहिए। उन्हें दिल के दौरे से बचने के लिए एक या दो वर्ष तक कठोर अभ्यास, दौड़ और वर्कआउट से दूर रहना चाहिए.'
कोरोना ने हृदय-फेफड़ों को किया प्रभावित
एक अन्य रिसर्च में हार्ट अटैक के कारणों को जानने के लिए शोधकर्ताओं ने दिल के दौरे से मरने वाले 100 से अधिक लोगों की जांच की। इसमें पाया गया कि हार्ट अटैक के शिकार ज्यादातर वे लोग हुए, जो महामारी के दौरान संक्रमण की चपेट में आए थे। शवों की एमआरआई जांच में कोरोना के कारण हृदय-फेफड़ों की समस्याओं के बारे में पता चला। इसके पहले के अध्ययनों में भी यह स्पष्ट किया गया था कि कोरोना वायरस हृदय के लिए समस्याएं बढ़ा रहा है।
गरबा में सामने आए हार्ट अटैक से मौत के मामले
उत्तर प्रदेश की राज्यपाल और गुजरात की पूर्व मुख्यमंत्री आनंदीबेन पटेल ने हाल ही में राज्य के दौरे के दौरान इस मुद्दे पर चिंता जाहिर की थी। इससे पहले एक स्टडी में कहा गया था कि कोरोना संक्रमण के चलते युवाओं की इम्युनिटी कमजोर हो रही है, जिसका नतीजा 35 साल से कम उम्र के युवाओं को बीपी, सुगर, लीवर और हार्ट अटैक से जुड़ी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।
जबकि कुछ डॉक्टरों का मानना था कि कोरोना की सेकंड वेव के मरीजों की खून की नलियां सिकुड़ गई हैं। उसमें कई बदलाव देखने को मिल रहे हैं, जिसके चलते एंडोठेलियम डैमेज हो रही हैं। ऐसी स्थिति में मरीज में ब्लड क्लोटिंग की समस्या बढ़ जाती है, जो हार्ट अटैक का कारण बनती है।
- दूसरी वजह यह है कि कई युवा बहुत ज्यादा धूम्रपान रह रहे हैं, जिससे वे ब्लड प्रेशर, डायबिटीज, शुगर और हार्ट से जुड़ी बीमारियों के शिकार हो रहे हैं। कोरोना के बाद युवाओं में बॉडी बनाने को लेकर ज्यादा ही जोश देखने को मिला है। इसके लिए युवा तमाम तरह के सप्लीमेंट्स का यूज करने लगे हैं। ये बहुत ही खतरनाक होते हैं। इससे शरीर के कई ऑर्गन फेल हो सकते हैं। इसके अलावा शराब, सिगरेट व अन्य नशीले पदार्थ भी लोगों के दिल को कमजोर बनाते हैं। इसके अलावा अधिक एक्सरसाइज भी करना खतरनाक है। इससे दिल की गति तेज हो जाती है तो ब्लॉकेज कर सकती है। इसके अलावा नौकरी व अन्य कारणों से युवा स्ट्रेस भी बहुत ज्यादा लेने लगे हैं। रात-रात तक काम करते हैं। नींद कम लेते हैं। स्ट्रेस का सीधा असर दिल पर पड़ता है। यही कारण है कि युवाओं में हार्ट अटैक के मामले बढ़ गए हैं।
- तीसरा कारण प्रदूषण माना जा रहा है। प्रदूषण के कारण भी दिल के मरीजों की संख्या में तेजी से बढ़ोतरी देखी जा रही है। हार्ट अटैक के बढ़ते मामलों का बड़ा कारण खान-पान भी है। लोग जंक फूड, नॉनवेज, तेल वाले खाद्य पदार्थ ज्यादा खाने लगे हैं। ये शरीर को कई तरह से नुकसान पहुंचाता है। शरीर का कोलेस्ट्रॉल इससे बढ़ जाता है। इसी तरह प्रदूषण का असर फेफड़ों पर तो पड़ता ही है, साथ में शरीर के अन्य हिस्सों को भी प्रभावित कर देता है।
हेल्दी हार्ट के लिए हेल्दी आदतें
- ऑफिस के दौरान भी 25-5 मिनट का रूल बनायें यानि 25 मिनट बैठने के बाद 5 मिनट उठकर बॉडी को हिलाएं और थोड़ा घूम लें।
- योग मेंटल हेल्थ के लिये सबसे जरूरी है। आप अपने बिजी रूटीन में भी 15-20 मिनट योग के करें और टेंशन फ्री लाइफ जिएं।
- आपको रात में 6-8 घंटे की भरपूर नींद और सही टाइम पर सोने की आदत को अपनी लाइफस्टाइल में शामिल करना चाहिए।
- अपने दिल का ख्याल रखना है तो जितना कम हो सके उतना कम एल्कोहल लें और स्मोकिंग से बचें।
- ब्लड प्रेशर को 120/80 के लिमिट में रखें और कम ज्यादा होता है तो डॉक्टर की सलाह पर मेडिसिन खाएं।
- शुगर भी लिमिट के अंदर हो और अगर किसी भी तरह की डायबिटीज है तो उसकी दवा जरुर खाएं।
- 35 साल के बाद हर साल और 40 साल के होने के बाद हो सके तो हर 6 महीने में मेडिकल चेकअप कराएं।
- हेल्दी हार्ट के लिए खाने में चीनी, तेल और नमक की मात्रा जितना हो सके उतना कम कर दें।