आजकल के बदलते समय में लोग सेक्स को लेकर खुलकर बातचीत करने लगे हैं। यहां तक कि शादी से पहले भी उन्हें शारीरिक संबंध बनाने से परहेज नहीं है। ऐसे में अनचाही प्रेग्नेंसी में इजाफा भी हुआ है। महिलाओं को अबॉर्शन कराना पड़ता है जिसकी वजह से उन्हें मेंटल और फिजिकल दर्द सहना पड़ता है। वैसे तो महिलाएं गर्भनिरोधक गोली या फिर पुरुष कंडोम का इस्तेमाल करके इसे रोक सकते हैं। लेकिन पुरुष कई बार कंडोम लगाते नहीं है। ज्यादा गर्भनिरोधक गोली लेने से महिलाओं के सेहत पर भी असर पड़ता है। लेकिन अब पुरुषों के लिए कॉन्ट्रासेप्टिव इंजेक्शन बनाया गया है।
जी हां, पुरुषों के लिए गर्भनिरोध वाले इंजेक्शन का सफलतापूर्वक परीक्षण कर लिया गया है। इस कॉन्ट्रासेप्टिव का नाम Reversible Inhibition of Sperm under Guidance (RISUG) रखा गया है। इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च इस इंजेक्शन को लेकर पिछले 7 साल से 303 हेल्दी पुरुषों पर परीक्षण कर रहा था। अब जाकर इस इंजेक्शन का रिजल्ट सफल रहा है। वैज्ञानिकों के मुताबिक ये सेफ और इफेक्टिव है। अच्छी बात यह है कि एक बार अगर कोई पुरुष इस इंजेक्शन को लगा लेता है तो 13 साल तक गर्भनिरोध लेने की कोई जरूरत नहीं होगी यानी वह पुरुष अगले 13 साल तक बाप नहीं बन सकेगा या महिला को प्रेग्नेंट नहीं कर सकेगा। इंजेक्शन के इस सफलता से महिलाओं को कई तरह की झंझटों से मुक्ति मिलेगी। अब तक महिलाओं के उपर ही अधिकांश मामलों में गर्भनिरोधक का जिम्मा रहता है।
7 साल तक के रिसर्च में 303 पुरुष शामिल
दुनिया भर के वैज्ञानिक पुरुषों के लिए गर्भनिरोधक गोलियां बनाने में लगे हुए हैं ताकि पार्टनर की प्रेग्नेंसी को रोका जा सके। हालांकि इसमें शत प्रतिशत सफलता अब तक नहीं मिली है। लेकिन आईसीएमआर द्वारा तैयार इंजेक्शन से शत प्रतिशत सफलता मिलने की गारंटी है। आपको जानकर हैरानी होगी कि आईसीएमआर द्वारा तैयार पुरुषों के लिए यह गर्भनिरोध इंजेक्शन बेहद प्रभावकारी इंजेक्शन है। आईसीएमआर ने इसे सुरक्षित माना है। इस इंजेक्शन के ट्रायल में वैज्ञानिकों ने 7 साल तक 303 हेल्दी पुरुषों पर परीक्षण किया जिनकी उम्र 25 से 40 साल के बीच थी। ये सभी पुरुष शादीशुदा थे और फिजिकली अपनी पत्नी के साथ एक्टिव थे। इन लोगों ने स्वेच्छा से गर्भनिरोधक का यह जरिया चुना था। इन लोगों को 60 एमजी वाला RISUG का इंजेक्शन दिया गया।
पति-पत्नी किसी पर साइड इफेक्ट नहीं
आईसीएमआर के इस सफल ट्रायल का प्रकाशन इंटरनेशनल ओपन एक्सेस जर्नल एंड्रोलॉजी ( journal Andrology)में हुआ है। यह इंजेक्शन प्रेगनेंसी को रोकने में 99 प्रतिशत तक प्रभावी है। हालांकि ट्रायल के दौरान यह इंजेक्शन प्रेगनेंसी रोकने में लगभग 99.02 प्रतिशत तक प्रभावी रहा। इंजेक्शन लेने वाले पुरुषों में कोई साइड इफेक्ट देखने को नहीं मिला। पुरुषों के अलावा महिलाओं पर भी साइड इफेक्ट का टेस्ट किया गया। इसके लिए उन पुरुषों की पत्नियों का चेकअप किया गया जिन्हें ये इंजेक्शन लगाए गए थे। चेकअप में उन पुरुषों की पत्नियों पर भी इसका कोई साइड इफेक्ट नहीं दिखा।
कैसे इंजेक्शन को लगाया जाता है
-RISUG इजेक्शन को स्पर्मडक्ट में लगाया जाता है। ये वो अंग है जो स्पर्म को टेस्टिकल्स से पेनिस ले जाता है।
-इंजेक्शन लगाने से पहले स्पर्मडक्ट में लाइट एनेस्थीसिया दिया जाता है। फिर एक-एक करके इस इंजेक्शन को लगाया जाता है।
-इंजेक्शन लगने पर स्पर्म की फर्टिलिटी इनएक्टिव हो जाती है।
-इस इंजेक्शन का इफेक्ट लंबे वक्त तक रहता है। हालांकि आईसीएमआर इसे लेकर और शोध कर रही है। जल्द ही यह इंजेक्शन मार्केट में उपलब्ध होगा।
बता दें कि अनचाही प्रेग्नेंसी की शिकार लड़कियां मेडिकल हेल्प लेने की बजाय खुद ही गर्भपात करने की कोशिश करती है। वो इसके लिए दवाई या फिर घरेलू नुस्खे का इस्तेमाल करती है। जिसकी वजह से उनकी मौत भी हो जाती है। कई बार उनके हेल्थ पर बुरा असर होता है।