Healthy and unhealthy emotional attachments : रिश्तों की बुनियाद प्यार और विश्वास पर टिकी होती है मगर कई बार इस बात का अंदाजा लगाना बेहद मुश्किल हो जाता है कि जिसे लोग प्यार समझते है, वो प्यार है या कोई डर. हेल्दी और अनहेल्दी इमोशनल अटैचमेंट में बहुत बारीक अंतर होता है। जब कोई व्यक्ति अपनी खुशियों और जीवन के हर फैसले के लिए अपने पार्टनर पर पूरी तरह से निर्भर होने लगता है। इसमें व्यक्ति खुद को इनसिक्योर और डरा हुआ महसूस करने लगता है। ऐसे रिश्ते में अधिकतर लोग अपने बॉन्ड को मजबूत बनाने के लिए सेल्फ केयर पर ध्यान ना देकर अपने पार्टनर को खुश रखने का प्रयास करते हैं। मगर वो साथ ही साथ तनाव और टेंशन का सामना करते हैं। इससे रिश्ते में दूरियां बढ़ने लगती है।
व्यक्ति की मेंटल हेल्थ पर पड़ता है बुरा असर
अनहेल्दी इमोशनल अटैचमेंट का बुरा असर व्यक्ति की मेंटल हेल्थ पर पड़ता है, जिससे वह आगे चलकर मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ी समस्याओं का शिकार हो जाता है। कई बार लोग रिश्तों में बनी दूरियों की वजह से इतने परेशान हो जाते हैं कि उनके मन में आत्महत्या करने के भयानक विचार भी आने लगते हैं।
जानें अनहेल्दी इमोशनल अटैचमेंट के संकेत
1. किसी भी समस्या को सुलझाने के लिए पार्टनर के साथ बैठकर डिस्कशन करने की जगह ऐसे लोग पार्टनर से बात को करने से पहले बहुत बार सोचने लगते हैं.फिर बातचीत के बाद पार्टनर की कही बातों पर ओवरथिकिंग से मेंटल बर्डन का सामना करना पड़ता है, जो आगे चलकर मेंटल हेल्थ प्रोब्लम का कारण बनता है।
2. पार्टनर के नजदीक ना होने पर असुरक्षा महसूस होने लगती है। पार्टनर को बार-बार कॉल करना और मिलने की इच्छा जाहिर करना। पार्टनर के साथ ना होने पर ऐसे लोगों में आत्मविश्वास की भावना कम होने लगती है और व्यक्ति खुद को कमजोर महसूस करता है।
3.अनहेल्दी रिश्ते व्यक्ति के स्वभाव में चिड़चिड़ापन बढ़ा देते हैं। इससे व्यक्ति अपने आप को कमजोर और इमोशनली वीक समझने लगता है। पार्टनर से छोटी-छोटी बातों पर टकराव बढ़ जाता है, जिससे रिश्ते खराब होने लगते हैं। हर चीज के लिए पार्टनर पर निर्भर होना अनहेल्दी रिलेशनशिन का मुख्य कारण साबित होता है।
ये है इमोशनल अटैचमेंट से उबरने का तरीका
हर चीज के लिए पार्टनर पर निर्भर ना रहें और खुद पर ध्यान दें। अपने पार्टनर को स्पेस दें और अपने रिश्ते पर भरोसा रखें। अगर आपको अपने पार्टनर से कोई शिकायत है तो खुलकर उसे बताएं और हेल्दी डिस्कशन करें। पार्टनर से अटैचमेंट ठीक है लेकिन रिश्ते में एक-दूसरे की भावनाओं का सम्मान करना जरूर सीखें।