ख़बरिस्तान नेटवर्क : 114 साल के एथलीट फौजा सिंह का कार एक्सीडेंट में सोमवार 14 जुलाई को निधन हो गया। उनके निधन पर पीएम मोदी से लेकर सीएम मान तक ने शोक व्यक्त किया है। वहीं पंजाब विधानसभा में भी फौजा सिंह को सभी नेताओं की तरफ से श्रद्धांजलि दी गई।
फौजा सिंह के निधन से दुख हुआ -पीएम मोदी
पीएम मोदी ने लिखा कि फ़ौजा सिंह अपने अद्वितीय व्यक्तित्व और फिटनेस जैसे महत्वपूर्ण विषय पर भारत के युवाओं को प्रेरित करने के अपने तरीके के कारण असाधारण थे। वे अद्भुत दृढ़ संकल्प वाले एक असाधारण एथलीट थे। उनके निधन से बहुत दुःख हुआ। मेरी संवेदनाएँ उनके परिवार और दुनिया भर में उनके अनगिनत प्रशंसकों के साथ हैं।
हमारे दिलों यादों में जीवित रहेंगे - सीएम मान
प्रसिद्ध पंजाबी सिख धावक फौजा सिंह जी के देहांत की खबर सुनकर बेहद दुःख हुआ। अपनी लंबी दौड़ों के दम पर पूरी दुनिया में सिख कौम का नाम रोशन करने वाले, विश्व के सबसे अधिक उम्र के धावक फौजा सिंह जी हमेशा हमारे दिलों और यादों में जीवित रहेंगे। परिवार और चाहने वालों के साथ दिल से संवेदना। परमात्मा उनकी आत्मा को अपने चरणों में स्थान दें। वाहेगुरु वाहेगुरु।
उन्होंने सिखाया असंभव कुछ भी नहीं - सुखबीर बादल
पंजाब और दुनिया ने एक महान खिलाड़ी खो दिया है। प्रतिष्ठित एथलीट सरदार फौजा सिंह का 114 वर्ष की आयु में जालंधर स्थित उनके पैतृक गाँव में एक सड़क दुर्घटना में दुखद निधन हो गया। मैं दुनिया भर में उनके प्रशंसकों के साथ उन्हें अंतिम विदाई देता हूं। फौजा सिंह ने अपनी अदम्य भावना से लाखों लोगों को प्रेरित किया। वह अपनी मृत्यु के बाद भी ऐसा करते रहेंगे। उनके जीवन ने हमें एक महत्वपूर्ण सबक सिखाया - कि कुछ भी असंभव नहीं है। हमें बस अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए प्रयास करने की आवश्यकता है।
89 वर्ष की उम्र में दौड़ शुरू की
89 वर्ष की उम्र में फौजा सिंह ने मैराथन दौड़ना शुरू किया और कई रिकॉर्ड बनाए। जैसे 2003 में टोरंटो वाटरफ्रंट मैराथन में 5 घंटे 40 मिनट का समय जो 90+ उम्र वर्ग का दावा किया गया रिकॉर्ड था। 2011 में 100 साल की आयु में उन्होंने एक ही दिन में 8 विश्व रिकॉर्ड बनाए। उन्होंने लंदन, न्यूयॉर्क, मुंबई जैसे शहरों में मैराथन दौड़ीं और 2013 में 102 साल की उम्र में रिटायरमेंट ले लिया।