जालंधर लोकसभा सीट से पूर्व सीएम चरणजीत सिंह चन्नी के नाम पर पार्टी ने मोहर लगा दी है। पार्टी हाईकमान की तरफ से सार्वजनिक तौर पर अनाउसमेंट करनी बाकी है। जालंधर से चौधरी परिवार के किसी भी मैंबर को सीट नहीं दी गई। इसको लेकर हाईकमान ने काफी विचार भी किया और चन्नी की लोकप्रियता को देखते हुए ही फैसला लिया गया है।
जालंधर सीट को लेकर कई उम्मीदवार थे
लोकसभा चुनावों की तारीख अभी अनाउंस नहीं हुई है। लेकिन मार्च महीने में ही कोड ऑफ कंडक्ट लगने की संभावना है और अप्रैल और मई महीने में चुनाव होने की संभावना भी जताई जा रही है। जालंधर की सीट को लेकर कई उम्मीदवारों ने हाईकमान के सामने अपनी दावेदारी पेश भी की थी।
जिसमे रिटायर्ड एसएसपी राजिदंर सिंह भी शामिल हैं। जिन्होंने कुछ दिन पहले करतारपुर में विशाल रैली का आयोजन किया था। जिसमें पंजाब प्रभारी देवेंद्र यादव, प्रधान अमरिंद्र सिंह राजा वड़िंग के साथ कई दिग्गज नेता मौजूद थे। लेकिन राजिंदर सिंह को सीट नहीं मिल पाई।
दलित वोट सबसे ज्यादा, चन्नी को होगा फायदा
जालंधर में 35 फीसदी से अधिक वोट दलित कम्यूनिटी की है। जिसका फायदा चरणजीत सिंह चन्नी को हो सकता है। बता दें 2021 में चरणजीत सिंह चन्नी को कैप्टन अमरिंदर सिंह की जगह पर सीएम बनाया गया था। जिसके बाद पूर्व सासंद संतोख सिंह चौधरी के निधन के बाद उप चुनाव में पार्टी चरणजीत सिंह चन्नी को उतारने की तैयारी में थी। लेकिन करमजीत कौर चौधरी को मैदान में उतारा गया। लेकिन सुशील कुमार रिंकू ने बड़े मार्जिन के साथ हरा दिया।