यूपी के हाथरस में हुई भगदड़ में अब तक 121 लोगों की मौत हो गई जबकि कई लोग घायल हुए हैं। वहीं पुलिस ने आज 6 लोगों को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार किए गए सभी आरोपी आयोजन समिति के सदस्य हैं। इनमें 2 महिलाएं भी शामिल हैं। हालांकि मुख्य आयोजक मधुकर पुलिस की पकड़ से अभी भी दूर है।
मुख्य आयोजक पर पुलिस ने रखा 1 लाख का इनाम
गिरफ्तार किए गए आरोपियों में मैनपुरी का राम लड़ैते यादव, शिकोहाबाद का उपेंद्र यादव, हाथरस का मेड सिंह, मंजू यादव, मुकेश कुमार और मंजू देवी शामिल हैं। इन लोगों की देख-रेख में ही सत्संग का आयोजन चल रहा था। पुलिस ने मुख्य आयोजक देव प्रकाश मधुकर पर 1 लाख का इनाम घोषित किया है।
वकील बोले - बाबा के पास कोई आश्रम नहीं, वह पेंशन से गुजारा करते
भोले बाबा ने एपी सिंह को अपना वकील नियुक्त किया है। वह सुप्रीम कोर्ट के वकील हैं। भोले बाबा ने एपी सिंह के जरिए लिखित बयान जारी किया। इसमें सफाई दी- मैं जब समागम से निकल गया, इसके बाद असामाजिक तत्वों ने भगदड़ मचाई। इन लोगों के खिलाफ लीगल एक्शन लूंगा। घायलों के स्वस्थ होने की कामना करता हूं। वकील एपी सिंह घायलों से मिलने अलीगढ़ पहुंचे। उन्होंने कहा- बाबा के पास कोई आश्रम नहीं है। वह पेंशन से अपना गुजारा करते हैं। जब भी बाबा को जांच टीम बुलाएगी, वह आएंगे।
न्यायिक आयोग का गठन, 2 महीने में सौंपेगी रिपोर्ट
पुलिस ने एटा, हाथरस और मैनपुरी से 30 से ज्यादा लोगों को हिरासत में लिया है। सभी भोले बाबा से जुड़े हैं। उनसे पूछताछ की जा रही है। योगी सरकार ने हादसे की जांच के लिए न्यायिक आयोग बनाया है। इसकी अध्यक्षता इलाहाबाद हाईकोर्ट के रिटायर्ड जज जस्टिस बृजेश कुमार श्रीवास्तव करेंगे। टीम 2 महीने में जांच पूरी कर रिपोर्ट सरकार को सौंपेगी।
बाबा की चरणों की धूल लेने की वजह से हादसा
हाथरस हादसे में प्रशासन की पहली रिपोर्ट सामने आई। इसमें कहा गया है कि हादसा भोले बाबा के चरणों की धूल लेने की वजह से हुआ। बाबा के सेवादारों ने लोगों से धक्का-मुक्की की। इससे भगदड़ मच गई।
आयोजकों ने गलत प्रबंधन किया
वहीं कार्यक्रम में शामिल महिलाओं ने बताया कि कार्यक्रम समाप्त होने के बाद लोग घरों की ओर लौट रहे थे तभी यह हादसा हो गया। आयोजकों ने गलत प्रबंधन किया था। इसके अलावा वहां के लोगों ने संकरे रास्ते को बंद कर दिया इससे वहां बने गड्ढे में लोग गिरते रहे, चोटिल हुए और दम घुटने से उनकी मौत हो गई।