जालंधर में संयुक्त किसान मोर्चा के नेता सरवन सिंह पंधेर प्रेस कॉन्फ्रेंस की। पंधेर ने इस दौरान कहा कि देश में 3 अक्टूबर को 2 घंटे के लिए रेलवे ट्रैक जाम करेंगे, ताकि लोगों को परेशानी का सामना न करना पड़े। पंधेर ने सरकार के सामने अपनी मांगें रखी और सरकार से जल्द से जल्द मांगों को पूरा करने का आग्रह किया।
साथ ही पंधेर ने पराली जलाने को लेकर भी केंद्र और पंजाब सरकार को घेरा और पराली प्रबंधन को लेकर उन पर गंभीर आरोप लगाए। पंधेर ने कहा है कि पंजाब सरकार हमारा बकाया 28 करोड़ रुपए दें। नहीं तो हम आगे कदम उठाएंगे।
उन्होंने कहा कि हमारे मोर्चे की 12 मांगें हैं। जिसमें MSP समेत कई मांगें हैं। सरकार को जल्द से जल्द इन मांगों को पूरा करना चाहिए। ताकि किसानों को मदद मिल सके।
देश के 22 जिलों में मेन रेलवे ट्रैक जाम करेंगे
पंधेर ने कहा पूरे देश में कुल 22 जिले चुने गए हैं, जहां जहां सबसे प्रमुख रेलवे ट्रैक जाम किए जाएंगे। पंजाब सरकार ने दावा किया था कि हम जल्द धान की खरीद शुरू करवाएंगे। मगर हमें नहीं लगता कि सरकार की ओर से दिए गए समय में खरीद शुरू हो पाएगी। ऐसे इसलिए, क्योंकि मिलरों के पास धान रखने की जगह नहीं है।
नहीं हुआ मसला हल पंजाब बंद करेंगे
मिलरों का कहना है कि उनके पास धान रखने की जगह नहीं है, क्योंकि केंद्र सरकार ने पिछली धान की खरीद नहीं की है। इसलिए हमारा ये भी मसला हल नहीं दिख रहा है। अगर सरकार हमें किसी प्रकार से भी धक्का करती नजर आएगी तो हम पंजाब बंद करेंगे। पंधेर ने आगे कहा हमें अन्य फसलों पर सही और स्थिर रेट दिया जाए, जिससे किसान परेशान न हो।
28 करोड़ ब्याज सहित दिए जाएं
पंढेर ने कहा कि सीजन 2021-22 में फगवाड़ा मिल की ओर से किसानों की बकाया राशि 28 करोड़ रुपए जोकि कानून के तहत 14 दिनों में दी जानी थी। उसे सरकार नेम अभी तक जारी नहीं किया। उन्होंने मांग की है कि किसानों को 28 करोड़ रुपए ब्याज सहित किसानों को दिए जाएं।
इस दौरान पंढेर ने कहा कि किसानों की अन्य गन्ना मील की ओर से 15 करोड़ रुपए बकाया राशि पड़ी हुई है, उसे भी तुरंत जारी किया जाना चाहिए। गन्ने की उत्पादन लागत कीमत को लेकर पंढेर ने कहा कि सरकार को हर हाल में किसानों को गन्ने की उत्पादन लागत कीमत में गन्ने के दामों में बढ़ौतरी करें।
वहीं, पंढेर ने पंजाब की मंडियो में धान की फसल को लेकर कहा कि धान की फसल खराब हो रही है। उन्होंने कहा कि सरकार को तुरंत इस पर फैसले करते हुए किसानों के प्रत्येक धान को उठाने वाले वायदे को पूरा करना चाहिए। उन्होंने कहा कि जब अनाज की फसल की बिजाई का समय नजदीक आ रहा है तो रिवायती तौर पर हर बार की तरह डीएपी खाद की लगातार ब्लैक और जाली रूप में मार्किट में आना कार्पोरेट एंजेसियों को बल देना प्रयतीत होता है। उन्होंने कहा कि सरकार डीएपी खाद के साथ हो रही टैगिंग को तवज्जों देकर सही दामों पर डीएपी खाद किसानों को मुहैय्या करवाएं।