छठ गीतों से मशहूर हुईं गायिका शारदा सिन्हा का मंगलवार (5 नवंबर) को रात 9:20 पर दिल्ली एम्स में निधन हो गया । छठ महापर्व के पहले दिन वो दुनिया छोड़ गईं। 21 अक्तूबर को दिल्ली के एम्स में उन्हें भर्ती किया गया था। 3 नवंबर को हालत में सुधार होने पर प्राइवेट वार्ड में शिफ्ट किया गया। लेकिन 4 नवंबर की शाम उनका ऑक्सीजन लेवल गिरने लगा, इसके बाद से वे वेंटिलेटर पर थीं।
छठ गीतों से हुईं मशहूर
आज (बुधवार) को सुबह 9:40 बजे की इंडिगो फ्लाइट से उनका पार्थिव शरीर पटना लाया जा रहा है। दोपहर 12 बजे के बाद पटना में इसे अंतिम दर्शन के लिए रखा जाएगा। पद्म भूषण से सम्मानित 72 वर्षीय शारदा सिन्हा मैथिली और भोजपुरी गानों के लिए मशहूर थीं। उनके चर्चित गानों में 'विवाह गीत' और 'छठ गीत' शामिल हैं।
शारदा के निधन पर पीएम मोदी ने जताया दुख
शारदा के निधन पर पीएम मोदी ने कहा- सुप्रसिद्ध लोक गायिका शारदा सिन्हा जी के निधन से अत्यंत दुख हुआ है। उनके गाए मैथिली और भोजपुरी के लोकगीत पिछले कई दशकों से बेहद लोकप्रिय रहे हैं। आस्था के महापर्व छठ से जुड़े उनके सुमधुर गीतों की गूंज भी सदैव बनी रहेगी। उनका जाना संगीत जगत के लिए एक अपूरणीय क्षति है। शोक की इस घड़ी में मेरी संवेदनाएं उनके परिजनों और प्रशंसकों के साथ हैं। ओम शांति!
राहुल गांधी ने भी जताया दुख
अपनी मधुर आवाज़ के लिए प्रसिद्ध लोक गायिका शारदा सिन्हा जी के निधन की ख़बर बेहद दुःखद है। उनके शोकाकुल परिजनों एवं प्रशंसकों के प्रति अपनी गहरी संवेदनाएं व्यक्त करता हूं। छठ के त्योहार में हर ओर गूंजते उनके गीत श्रद्धालुओं और श्रोताओं को उनकी सदा याद दिलाते रहेंगे। शारदा जी अपने स्वरों के ज़रिए हमेशा लोगों के दिलों में जीवित रहेंगी।
कब हुआ था शारदा सिन्हा का जन्म
शारदा सिन्हा का जन्म 1 अक्टूबर 1952 को बिहार के सुपौल जिले में हुआ था। उन्होंने 1980 में ऑल इंडिया रेडियो और दूरदर्शन से अपने करियर की शुरुआत की थी। वो जल्द ही अपनी दमदार आवाज और भावनात्मक प्रस्तुति के लिए मशहूर हो गईं और फिर पीछे मुड़कर नहीं देखा। अपनी सुरीली आवाज से वो हर किसी के दिल में बस गईं।