बदलती लाइफस्टाइल के बीच मेंटल हेल्थ एक बड़ी चुनौती बनती जा रही है। आज के समय में फिजिकल से ज्यादा मेंटल इलनेस बढ़ रही है। इससे जुड़ी समस्याएं जैसे स्ट्रेस, एंग्जायटी और डिप्रेशन के मामले बढ़ते जा रहे हैं। इसकी एक बड़ी वजह ये भी है कि लोग अब भी मेंटल हेल्थ को गंभीरता से नहीं लेते और इस बारे में बात करने में भी हिचकिचाते हैं। यह व्यक्ति को धीरे धीरे अंदर से खोखला कर रही हैं। इनमें बुजुर्ग से लेकर ज्यादातर युवा शामिल हैं, जो आत्महत्या तक का कदम उठा लेते हैं। इस ओर जागरूकता बढ़ाने और मेंटल हेल्थ की अहमियत को समझाने के लिए हर साल 10 अक्टूबर को विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस यानी वर्ल्ड मेंटल हेल्थ डे मनाया जाता है। आपको बताते हैं कि इस दिन को मनाने की शुरुआत कब हुई और इसका महत्व -
वर्ल्ड मेंटल हेल्थ डे का इतिहास
पहली बार वर्ल्ड मेंटल हेल्थ डे 10 अक्टूबर 1992 को विश्व मानसिक स्वास्थ्य महासंघ की वार्षिक गतिविधि के रूप में मनाया गया था। शुरुआत में इस दिन की कोई खास थीम नहीं थी और इसका उद्देश्य मानसिक स्वास्थ्य को बढ़ावा देना और प्रासंगिक मुद्दों पर जनता को शिक्षित करना था। अभियान की लोकप्रियता को देखते हुए, 1994 में पहली बार उस दिन के लिए एक थीम को चुना गया था जो थी ‘दुनिया भर में मानसिक स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता में सुधार.'
इस दिन का महत्व
आज भी लोग डिप्रेशन और तनाव को हेल्थ से जुड़ी समस्या नहीं मानते और इसे नजरअंदाज कर देते हैं। लेकिन ये परेशानियां आगे जाकर गंभीर परिणाम ला सकती हैं। लोगों को मेंटल हेल्थ का महत्व समझाने के लिए ही इस दिन की शुरुआत की गई थी। तरह-तरह के कार्यक्रम और सेमिनार का आयोजन कर लोगों को इस ओर जागरूक किया जाता है। इन कार्यक्रमों में मेंटल हेल्थ दुरुस्त रखने की टिप्स दी जाती है, साथ ही मेंटल हेल्थ से जुड़ी समस्याओं से बचने के उपाय भी बताएं जाते हैं।
साल 2023 की थीम
विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस 2023 की थीम है, ‘मेंटल हेल्थ इज ए यूनिवर्सल ह्यूमन राइट' (Mental health is a universal human right) यानी 'मानसिक स्वास्थ्य एक सार्वभौमिक मानव अधिकार है'। इस थीम के साथ जागरूकता बढ़ाने पर जोर दिया जाएगा। साथ ही मानवाधिकार के रूप में सभी के मानसिक स्वास्थ्य को बढ़ावा देने और उसकी रक्षा करने वाले अभियान चलाया जाएगा।
मेंटल हेल्थ के लिए एक्सरसाइज के फायदे
एक्सरसाइज से बढ़ता है आत्मविश्वास
नियमित रूप से एक्सरसाइज करने से फिटनेस बनी रहती है। इसे शारीरिक स्वास्थ्य में तो सुधार होता ही है। यह आत्मविश्वास को भी बढ़ाता है। इसे व्यक्ति हर मुश्किलों का सामना बिना घबराएं कर लेता है। वह तनाव में नहीं आता।
कोर्टिसोल जैसे स्ट्रेस हार्मोन लेवल होते हैं कम
शारीरिक क्षमताओं को बढ़ाने के लिए एक्सरसाइज बेहद फायदेमंद है। ठीक इसी तरह मेंटल हेल्थ के लिए एक्सरसाइज करना जरूरी है। यह कोर्टिसोल जैसे स्ट्रेस हार्मोन लेवल को कम कर देता है। इसके स्ट्रेस के लक्षणों को कम करने में मदद करने में मदद करते हैं। यह दिमाग को शांत करते हैं, जिसे व्यक्ति रिलेक्स रहता है।
सोशल इंटरेक्शन मेंटल हेल्थ के लिए अच्छा
फिजिकल एक्टिविटी या कोई एक्सरसाइज और गेम खेलने से सोशल इंटरेक्शन बढ़ता है। यह मेंटल हेल्थ के लिए बहुत ही अच्छा होता है। यह अकेलेपन की भावना को धीरे धीरे कम कर देता है। व्यक्ति अपने मन में चली रही बातों को साझा करता है, जो मेंटल हेल्थ का एक बड़ा प्रेशर रिलीज कर इसे फ्री करता है।
डिप्रेशन की होगी छुट्टी
एक्सरसाइज करने से डिप्रेशन की छुट्टी की जा सकती है। इसकी वजह एक्सरसाइज करने से हैप्पी हार्मोन्स रिलीज होते हैं, जो डिप्रेशन को कम करते हैं। व्यक्ति में पॉजिटिव सोच पैदा करते हैं।
अच्छी नींद से माइंड होगा रिलेक्स
मेंटल हेल्थ को सही बनाएं रखने के लिए अच्छी नींद लेना बेहद जरूरी है। नींद की कमी मेंटल हेल्थ से लेकर फिजिकल हेल्थ को खराब कर सकती है। ऐसे में नियमित रूप से एक्सरसाइज नींद के पैटर्न को सही रखने के साथ ही नींद की गुणवत्ता में सुधार करती है। इसे व्यक्ति का माइंड रिलेक्स रहता है।