Artificial Intelligence Vs Human Skill : आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस यानी एआई (AI) से टेक्नोलॉजी सेक्टर के नये प्रोडक्ट्स में अभूतपूर्व तेजी आने से सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) विभागों को कुशल प्रतिभा तलाशने में समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। एक सर्वेक्षण निष्कर्ष में यह दावा किया गया है। सर्वेक्षण में शामिल तीन में से एक आईटी अगुवा को योग्य प्रतिभा खोजने में कठिनाई हो रही है। आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (AI) तेजी से अपना पांव फैला रहा है। यह हर क्षेत्र को तेजी से अपनी गिरफ्त ले रहा है। इससे आनेवाले समय में नौकरियों पर बड़ा संकट आने वाला है। कहा जा रहा है कि अगर आप एआई का इस्तेमाल जानेंगे तो अपनी जॉब को सुरक्षित कर पाएंगे लेकिन क्या वास्तव में आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस, ह्यूमन इंटेलीजेंस की जगह ले सकता है?
वर्कफोर्स ट्रेनिंग की जरूरत
शिक्षा-प्रौद्योगिकी कंपनी स्किलसॉफ्ट एक ऐसे मुकाम पर हैं जहां उन्हें कौशल एवं क्षमताओं के निर्माण को लेकर सुविचारित और सक्रिय होने की जरूरत है। ऐसा न होने पर उनके एआई के दौर में पिछड़ जाने का जोखिम है। संगठन ने 'आईटी दक्षता और वेतन सर्वेक्षण, 2023' के नतीजे जारी करते हुए कहा है कि आईटी विभागों को एआई गतिरोधों के मद्देनजर अपनी जरूरतों के हिसाब से प्रतिभा तलाशने में समस्या हो रही है। स्किलसॉफ्ट के मुख्य सूचना अधिकारी ओरला डेली ने कहा, एआई ने व्यवधान को अभूतपूर्व तेजी दी है लेकिन इससे कार्यबल को प्रशिक्षण की जरूरत भी खुलकर उजागर हुई है।
करियर में तरक्की का मौका
सर्वेक्षण के मुताबिक, आईटी उद्योग में परंपरागत तौर पर मुश्किल या तकनीकी कौशल को प्राथमिकता मिलती रही है जबकि जेनरेटिव एआई जैसी बदलावकारी प्रौद्योगिकी को अपनाने और आगे बढ़ाने में जरूरी होने के बावजदू सॉफ्ट स्किल को दरकिनार किया जा सकता है। यह सर्वेक्षण आईटी क्षेत्र के कर्मचारियों एवं कंपनी प्रमुख समेत 5,700 से अधिक पेशेवरों से मिले जवाब पर आधारित है. करीब 82 प्रतिशत आईटी पेशेवरों ने कहा कि प्रशिक्षण उनके करियर के लिए बेहद महत्वपूर्ण है और करियर विकास का मौका न मिलना पिछले साल नौकरी बदलने के पीछे अहम कारक रहा।
पावर स्किल की जरूरत
सर्वेक्षण के मुताबिक, 72 प्रतिशत आईटी लीडर अपनी मौजूदा टीमों के नेतृत्व कौशल को मध्यम से निम्न श्रेणी में रखते हैं. इस तरह इस अहम क्षेत्र में प्रशिक्षण जरूरतों और प्राथमिकताओं के बीच एक बड़ा अंतर है। आईटी पेशेवरों का मत है कि टीम संचार (40 प्रतिशत), पारस्परिक संचार (21 प्रतिशत) और भावनात्मक मेधा (13 प्रतिशत) आईटी लीडर के लिए तीन सबसे महत्वपूर्ण कौशल हैं. इसके उलट सिर्फ छह प्रतिशत आईटी लीडर ने कहा कि नेतृत्व कौशल आगे बढ़ने वाले निवेश का एक प्रमुख क्षेत्र होगा और केवल सात प्रतिशत ने पावर स्किल के बारे में ऐसी ही राय रखी।