खबरिस्तान नेटवर्क। स्मोकिंग के हमारी सेहत पर बहुत ही बुरे प्रभाव पड़ते हैं। इससे कैंसर, हार्ट अटैक और स्ट्रोक सहित कई गंभीर बीमारियों का खतरा पैदा हो सकता है। इसके खतरों से वाकिफ होने के बावजूद कुछ लोग स्मोकिंग करने की लत को नहीं छोड़ पाते। वैसे तो धूम्रपान का संबंध हर कोई फेफड़ों की बीमारियों से जोड़ता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि ये आदत आपके ब्रेन को भी डैमेज कर सकती है? दरअसल ये हम नहीं कह रहे हैं, बल्कि यह खुलासा एक अध्ययन में किया गया है। अध्ययन में कहा गया है कि रोजाना स्मोकिंग करने से दिमाग का साइज भी छोटा हो सकता है।
रिसर्च के मुताबिक, जो लोग रोजाना स्मोकिंग करते हैं, उनका दिमाग स्मोकिंग नहीं करने वालों के मुकाबले 0.4 क्यूबिक इंच छोटा हो जाता है। इस शोध के लिए साइंटिस्ट ने यूके बायोबैंक के लोगों का ब्रेन स्कैन किया था। इसके साथ ही साथ स्मोकिंग की आदतों का भी विश्लेषण किया था। इस रिसर्च में हिस्सा लेने वाले लोगों ने 2006-2010 और 2012-2013 तक सर्वे को पूरा किया। इसके दूसरे फेज में उनका एमआरआई भी किया गया, जिसमें पाया गया कि जो लोग स्मोकिंग से दूर रहते हैं, उनका दिमाग उन लोगों की तुलना में ज्यादा होता है, जो स्मोकिंग करते हैं।
रिसर्च में बार-बार स्मोकिंग करने से दिमाग के सिकुड़ने जैसा प्रभाव देखा गया। हालांकि जो लोग इस आदत को छोड़ देते हैं, उनके ब्रेन मास में गिरावट देखी गई।
सेरेब्रल एट्रोफी क्या है?
सेरेब्रल एट्रोफी यानी मस्तिष्क की सिकुड़न उम्र के साथ-साथ होती है, लेकिन जो व्यक्ति बहुत ज्यादा स्मोकिंग करते हैं वह उम्र से पहले इन बीमारियों का शिकार हो जाते हैं-
1. मांसपेशियों को नुकसान
2. धुंधला दिखाई देना- धुंधला दिखाई देने से हमारा तात्पर्य है कोई भी चीज साफ दिखाई न देना.
3. भटकाव
4. कोऑर्डिनेशन की कमी
5. मांसपेशियों में कमजोरी
6. अल्जाइमर की बीमारी
स्ट्रोक का जोखिम
धूम्रपान के कारण खून के थक्के बनने से स्ट्रोक, जिसे ब्रेन अटैक भी कहा जाता है, का जोखिम भी सीधे तौर पर बढ़ जाता है। ये थक्के खून की आपूर्ति रोकने का काम करते हैं. ऐसे में दिमाग में खून की आपूर्ति रूकने की संभावना बहुत ज्यादा हो जाती है। इसके साथ ही धूम्रपान से दिमाग में खून पहुंचाने वाली धमनियों के फटने से उसके द्रव्य में खून मिल सकता है, जिससे एक प्रकार के हेम्रेज की स्थिति बन जाती है।
तंबाकू सेवन के कई सक्रिय और निचेष्ट तरीके हैं जिनसे दिल और नसों को नुकसान हो सकता है। धूम्रपान करने वाले व्यक्ति के पास होने से दूसरे लोगों के फेफडों में वह धुंआ जाता है जो धूम्रपान करने वाला व्यक्ति निकलता है। यह धुंआ और भी ज्यादा नुकासनदेह होता है यानि निचेष्ट धूम्रपान सक्रिय धूम्रपान से ज्यादा हानिकारक होती है और ऐसे लोगों को धूम्रपान संबंधी सभी नुकसान होते हैं। तंबाकू का सेवन रोकने पर एकसाल के भीतर ही हृदय और रक्तवाहिनी संबंधी रोग का जोखिम कम हो जाता है।
कैसे छोड़ें स्मोकिंग?
1. निकोटीन पैच का इस्तेमाल करें।
2. छोड़ने के कारणों की लिस्ट बनाएं।
3. एक्सरसाइज
4. खुद को ज्यादा से ज्यादा बिज़ी रखें।