ख़बरिस्तान नेटवर्क : जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ में वीरवार दोपहर 12:30 बजे अचानक बादल फटने अब तक 52 लोगों की मौत हो गई है। अब तक 167 लोगों को बचाया गया है। करीब 100 से ज्यादा लोग लापता हैं। मृतकों की संख्या में बढ़ोतरी भी हो सकती है। हादसे के बाद रेस्क्यू टीम काम में जुट गई है।
हादसा उस समय हुआ जब हजारों श्रद्धालु मचैल माता यात्रा के लिए किश्तवाड़ में पड्डर सब-डिवीजन में चशोटी गांव पहुंचे थे। यह यात्रा का पहला पड़ाव है। बादल वहीं फटा है, जहां से यात्रा शुरू होने वाली थी।
चंडीगढ़ से जम्मू पहुंचेगी डॉक्टरों की स्पेशल टीम
पीजीआई चंडीगढ़ से विशेषज्ञ डॉक्टरों की एक टीम मेडिकल सपोर्ट और गहन देखभाल क्षमताओं को मजबूत करने के लिए जम्मू के सरकारी मेडिकल कॉलेज पहुंच रही है। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी के अनुसार, बादल फटने वाली जगह के पास स्थित एक उप-ज़िला अस्पताल में 13 डॉक्टरों और 31 पैरामेडिक्स की अतिरिक्त तैनाती की गई है।
जम्मू एवं कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने किश्तवाड़ जिले में बृहस्पतिवार को बादल फटने से हुई जनहानि के बाद शुक्रवार को स्वतंत्रता दिवस समारोह के दौरान ‘एट होम’ चाय पार्टी और सांस्कृतिक कार्यक्रम रद्द कर दिए हैं’ अधिकारियों ने बताया कि चशोती गांव में बादल फटने से 52 लोगों की मौत हो गई तथा कई अन्य अब भी मलबे में फंसे हैं। अब्दुल्ला ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, किश्तवाड़ में बादल फटने से हुई त्रासदी के मद्देनजर, मैंने कल (शुक्रवार) शाम को ‘एट होम’ चाय पार्टी रद्द करने का निर्णय किया है।
किश्तवाड़ हादसे पर प्रधानमंत्री मोदी ने जताया दुख
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ में बादल फटने और बाढ़ की घटना पर गहरी चिंता व्यक्त की है। उन्होंने कहा कि उनकी संवेदनाएँ इस आपदा से प्रभावित सभी लोगों के साथ हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि स्थिति पर कड़ी नज़र रखी जा रही है। राहत और बचाव कार्य जारी है। उन्होंने आश्वासन दिया कि ज़रूरतमंदों को हर संभव मदद प्रदान की जाएगी।
मचैल माता की यात्रा पर जा रहे थे श्रद्धालु
बताया जा रहा है कि चशोटी गांव में बादल उस समय फटा जब श्रद्धालु मचैल माता की यात्रा के लिए जा रहे थे। चशोटी यात्रा का पहला पड़ाव है और अचानक बादल फटने के कारण श्रद्धालु, बस, टेंट, दुकानें सभी इसकी चपेट में आ गए और वह पानी में बह गए। श्रद्धालुओं की तलाश में प्रशासन और रेस्क्यू टीम जुट गई है।
अगस्त महीने में होती है माता की यात्रा
मचैल माता तीर्थयात्रा हर साल अगस्त में होती है। इसमें हजारों श्रद्धालु आते हैं। यह 25 जुलाई से 5 सितंबर तक चलेगी। यह रूट जम्मू से किश्तवाड़ तक 210 किमी लंबा है और इसमें पद्दर से चशोटी तक 19.5 किमी की सड़क पर गाड़ियां जा सकती हैं। उसके बाद मचैल तक 8.5 किमी की पैदल यात्रा होती है।