40 deadly chemicals are found in tobacco, danger may increase : तंबाकू से संबंधित कैंसर भारत में सबसे ज्यादा होने वाली बीमारी है। वहीं, तंबाकू का सेवन और भी कई गंभीर बीमारियों की वजह बनता है। आजकल तंबाकू का सेवन करना लोगों ने फैशन और स्टाइल समझ लिया है जिसके कारण युवा पीढ़ी भी तंबाकू (Tobacco) का सेवन कर रही है और इसके गंभीर परिणाम भुगत रही है। 2023 की एक रिपोर्ट के अनुसार, 1.46 मिलियन कैंसर के मामले सामने आए हैं जिनमें तंबाकू एक बड़ा कारण है और ये आंकड़े 2025 तक 1.57 मिलियन बढ़ने का अनुमान है लेकिन फिर भी तंबाकू का सेवन करने वाले लाखों लोग इसके जोखिम को जानते हुए इसका सेवन कर रहे हैं।
पाए जाते हानिकारक केमिकल
एक हालिया रिपोर्ट के अनुसार, तंबाकू में 4000 से ज्यादा रसायन होते हैं, जिनमें कम से कम 40 केमिकल्स को कार्सिनोजेन्स बताया गया है इसलिए निकोटिन तंबाकू को इसकी लत बढ़ाता है। इसी कारण स्वास्थ्य संबंधी खतरों के बारे में जानने के बावजूद इसे छोड़ना मुश्किल होता है। यह रसायन सिगरेट, तंबाकू, वेपिंग जैसी चीजों में पाया जाता है।
तंबाकू से होने वाले जोखिम
इसके अलावा धुआं रहित गुटखा, सुपारी में भी यह केमिकल्स पाए जाते हैं जो मुंह, ग्रासनली और अग्नाशय के कैंसर का बड़ा कारण बनते हैं। तंबाकू का सेवन करने से मुंह, जीभ, मसूड़ों, पेट, ग्रासनली और अग्नाशय का कैंसर हो सकता है। इतना ही नहीं तंबाकू का सेवन करने से कोरोनरी धमनी भी प्रभावित होती है और स्ट्रोक (Stroke) का खतरा बढ़ सकता है।
घिसने लगते हैं, पीले दांत
फेफड़ों की बीमारी, हड्डी से जुड़ी समस्या, आंखों की समस्या, इनफर्टिलिटी और यहां तक कि गर्भ में पल रहे बच्चे पर भी इसका बुरा असर पड़ता है। जो लोग ज्यादा मात्रा में तंबाकू का सेवन करते हैं और इसे चबाते हैं उनके दांत घिसने लगते हैं। पीले पड़ जाते हैं और मसूड़े में भी कैविटी हो जाती है। युवाओं में तंबाकू के बढ़ते सेवन को देखते हुए तंबाकू नियंत्रण बोर्ड भी इसे छोड़ने की सलाह दे रहा है और लोगों को इस बारे में जागरूक कर रहा है।