खबरिस्तान नेटवर्क : बदलती जीवनशैली में आजकल ढेर सारे लोग कमर दर्द या पीठ दर्द की समस्या से परेशान हैं। कमर दर्द की समस्या कोई आम समस्या नहीं है, इसका सीधा संबंधी हमारे शरीर में रीढ़ की हड्डी से है, जिसकी बदौलत शरीर का ढांचा है। कमर दर्द को नजरअंदाज किया जाए तो इसके गंभीर परिणाम हो सकते हैं। समस्या अगर गंभीर है, तो उसका उपचार भी गंभीरता से किया जाना जरूरी होता है, वरना यह दर्द आपके लिए घातक भी साबित हो सकता है।
गौर करें कि इन दिनों जिसे देखो वो कमर, पीठ और हड्डियों के दर्द से परेशान है। पहले जहां इस तरह की समस्या एक उम्र के बाद ही हुआ करती थी मगर आजकल यंगस्टर्स में भी ये कॉमन प्रॉब्लम है। बता दें कि दर्द की एक वजह शरीर में विटामिन डी की कमी का होना भी है।
विटामिन डी क्या होता है?
विटामिन डी फैट में घुल जाने वाले विटामिन के ग्रुप में आता है। यह शरीर में कैल्शियम और फॉस्फेट को एब्जॉर्ब करने की क्षमता को बढ़ाता है। सूरज की रोशनी में शरीर कोलेस्ट्राल से विटामिन डी को प्रोड्यूस करता है। इसलिए इसे सनशाइन विटामिन कहते हैं। विटामिन डी पर्याप्त मात्रा में लेने से बच्चों के साथ-साथ आपको भी अपने डेली के कामों के लिए एनर्जी मिलती है। एक्सपर्टस के अनुसार पर्याप्त धूप के साथ रोजाना 400 IU (10 ग्राम ) विटामिन डी लेने से आपकी सेहत बनी रहती है।
जब हमारी स्किन सूरज की रोशनी यानी धूप के कॉन्टैक्ट में आती है, तब कोलेस्ट्रॉल के जरिए विटामिन डी बनता है। सूर्य की रोशनी से निकलने वाली अल्ट्रावायलेट बी किरणें स्किन की कोशिकाओं में जाकर कोलेस्ट्रॉल से मिलती हैं, जिससे सिंथेसिस यानी संश्लेषण का प्रोसेस होता है और शरीर में विटामिन डी बनता है।
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विटामिन डी की कमी से टूट सकती हैं हड्डियां
विटामिन डी हमारी हड्डियों और दांतों के लिए काफी जरूरी होता है। बच्चों में इसकी कमी को रिकेट्स कहा जाता है। इसमें हड्डियां काफी सॉफ्ट हो जाती हैं और आसानी से टूटने लगती हैं। वहीं एडल्ट में इसकी कमी से ऑस्टियोपोरोसिस या हड्डियों के पतले होने का रिस्क बढ़ जाता है। इससे हड्डियां टूटने लगती हैं।
विटामिन डी की कमी से परेशानियों के साथ ही ऐसे रोग भी हो जाते हैं, जिन्हें शुरुआत में लोग हल्के में लेते हैं। फिर बाद में यह बड़ी बीमारी का कारण बन जाती है। इनमें से कुछ बीमारियां हैं जो ऑफिस में काम करने वाले लोगों को ज्यादा होती हैं-
- जोड़ों में दर्द
- कमर दर्द
- पीठ दर्द
- डिप्रेशन
- थकान
विटामिन डी की कमी के लक्षण
- पहले से ज्यादा थकान होने लगी है।
- नींद आती तो है मगर ठीक से सो नहीं पाते।
- कई बार बैठे-बैठे सो जाते हैं।
- पैरों में दर्द रहने लगे।
- जॉइंट्स से आवाज आती हो।
- हर समय चिड़चिड़ापन रहता हो।
- बालों का झड़ना बढ़ गया है।
- मसल्स कमजोर हो गई हैं।
- जल्दी-जल्दी बीमार पड़ रहे हैं।
- स्किन पेल यानी पीली दिखने लगी है।
धूप में किस समय बैठना चाहिए?
सुबह 8 बजे के आसपास धूप में बैठना सबसे अच्छा होता है। इस समय प्रदूषण भी कम होता है। 30 से 45 मिनट धूप में बैठना चाहिए। धूप में बैठते हुए ध्यान रहे कि स्किन का ज्यादा से ज्यादा हिस्सा खुला रहे। खुली बांह के कपड़े पहन सकते हैं। बिना सॉक्स और कैप के धूप में बैठें। सूरज की तरफ पीठ करके बैठना चाहिए।
विटामिन डी के लिए ये खाएँ
- मशरूम
- अंडे का पीला हिस्सा
- संतरा
- मछली
- दूध, दही और पनीर
- गाजर
- सॉल्मन और टुना फिश