खबरिस्तान नेटवर्क: हमारे देश में मौसम तेजी से बदलता रहता है। गर्मियों के बाद मानसून, फिर पतझड़ और उसके बाद आती है सर्दी। मौसम परिवर्तन के साथ कई बार हमारा स्वास्थ्य भी प्रभावित होता है। गर्मी, बरसात और सर्दी - सभी मौसम में कुछ न कुछ बीमारियां आम हो जाती हैं। इसलिए मौसम में बदलाव के मुताबिक अपने आहार और जीवनशैली में बदलाव लाना बहुत जरूरी हो जाता है। हमें अपने स्वास्थ्य का विशेष ध्यान रखना पड़ता है। गर्मियों के बाद जैसे ही सर्दियां आती हैं, तो अकसर लोगों को नजला, खांसी, बुखार जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ता है, जिसका असर हमारे फेफड़ो पर पड़ता है। चुंकि अचानक मौसम में बदलाव के कारण लोगों की इम्यूनिटी कमजोर हो जाती है और खांसी से फेफड़े कमजोर होने लगते हैं। ऐसे में खुद को इन मौसमी बीमारियों से बचाना बेहद ज़रूरी हो जाता है। कुछ आसान से व्यायाम जिन्हें करने से आप अपनी इम्यूनिटी को मजबूत कर सकते हैं -
बैली ब्रीदिंग से फेफड़ों की क्षमता सुधरेगी
- सीधे खड़े हो जाएं या बैठ जाएं।
- धीरे-धीरे गहरी सांस लें ताकि पेट फूल जाए।
- पेट को फूला हुआ रखते हुए सांस को बाहर निकालने का प्रयास करें।
- ऐसा 5-10 सेकेंड तक करते रहें।
- फिर सांस को छोड़ दें और सामान्य रूप से सांस लेना शुरू कर दें।
- इसे लगातार 10-15 बार दोहराएं।
- धीरे-धीरे दोहराने की संख्या बढ़ाएं।
- रोजाना अभ्यास से फेफड़ों की क्षमता में सुधार होगा।
पर्सेड लिप्स ब्रीदिंग है बेहद कारगर
- सीधे खड़े हों या बैठ जाएं।
- अपने होंठों को सिकोड़ें जैसे कि आप सूंघ रहे हों।
- फिर धीरे-धीरे साँस लें और अपने होंठों से हवा बाहर निकालने का प्रयास करें।
- मुंह से निकलती हुई हवा की आवाज सुनाई देनी चाहिए।
- यह 5-10 सेकेंड तक करें। फिर रिलैक्स करें।
- इसे 10-15 बार दोहराएं और धीरे-धीरे बढ़ाएं।
रिब स्ट्रेचिंग को करने का तरीका
- सीधे खड़े हों या बैठें। हाथ सामने सीने पर रखें।
- गहरी सांस लें और हाथों को सिर के पीछे ले जाएं, इससे छाती का विस्तार होगा।
- 5 सेकंड तक इस पोजीशन में रहें।
- फिर सांस छोड़ते हुए हाथों को नीचे की ओर लाएं।
- धीरे-धीरे सामान्य पोजीशन में आएं।
- यह प्रक्रिया 10-15 बार दोहराएं।
- शुरुआत में 5-10 बार करें, फिर बढ़ाएं।
- रोजाना अभ्यास से फेफड़ों की क्षमता बढ़ेगी।