सर्दी के मौसम हार्ट अटैक आने का खतरा बढ़ जाता है। वहीँ बड़ी संख्या में युवा भी इसकी चपेट में आ रहे हैं और अपनी जान गंवा रहे हैं। बता दें हार्ट अटैक की आये दिन कई वजहें सामने आती रहती हैं। लेकिन इसकी एक वजह कब्ज यानी कॉन्स्टिपेशन भी हो सकती है। कहने को ये एक छोटा सा शब्द है लेकिन इसकी वजह से शरीर की कई बीमारियाँ लगने का खतरा भी बढ़ रहा है। यानिकि शौच क्रिया हर रोज टाइम से न होकर कई दिनों में एक बार होना या शौच के दौरान अत्यधिक जोर लगाना कब्ज की सबसे बड़ी पहचान माना जाता है। आमतौर पर लोग इसे पेट ठीक से साफ न होने की समस्या बता देते हैं।
ऐसे में अगर ये लंबे समय तक रहती है लोग मेंटली परेशान भी रहते हैं और इससे बवासीर, फिशर, हार्ट अटैक, स्ट्रोक, बड़ी आंत का ट्यूमर, डायबिटीज और थायरॉयड होने का खतरा और भी ज्यादा बढ़ जाता है। वहीँ कब्ज किस तरह हार्ट अटैक और स्ट्रोक की वजह बन सकती है इसे बारे में जानते हैं।
एक्सपर्ट्स के मुताबिक मल त्याग करते समय कब्ज के कारण जोर लगाने से सीने में दर्द की शिकायत हो सकत हो सकती है। यहाँ तक की दिल का दौरा भी पड़ सकता है। दरअसल कब्ज के कारण मल त्यागने में जोर लगाना पड़ता है और इससे ब्लड फ्लो कम होने पर खून के धक्के बनने का खतरा बढ़ जाता है।
कुछ मामलों में इससे दिल का दौरा या स्ट्रोक भी हो सकता है। रिसर्च की मानें तो कब्ज के कारण आंत माइक्रोबायोम में परिवर्तन से हृदय संबंधी समस्याएं जैसे एथेरोस्क्लेरोसिस, हाई ब्लड प्रेशर और अन्य हार्ट से जुड़ी जटिलताएं भी होने लग जाती हैं।
बता दें बढ़ती उम्र के साथ कब्ज की समस्या ज्यादा होने लगती है। ये बात जानने वाली है कि कब्ज के हर रोगी को दिल का दौरा नहीं पड़ने के लक्षण नही होते हैं। कुछ मामलों में ही ऐसा होने का खतरा रहता है।
डॉक्टर की मानें तो कब्ज के कारण एसिड रिफ्लक्स बनता है और ये सीने में परेशानी का कारण बनती है। इसकी वजह से सीने में गैस और जलन होने लगती है। हालांकि इससे घबराना नहीं चाहिए। वहीँ सीने में दर्द के सही कारण का पता लगाने के लिए डॉक्टर से संपर्क करना जरुरी है। कब्ज को कण्ट्रोल करने के लिए समय पर इलाज जरूरी है।
बता दें तनाव और शारीरिक गतिविधि की कमी भी कब्ज का एक कारण बनती है। अगर कोई व्यक्ति सप्ताह में तीन से कम बार मल त्याग कर रहा है या मल सूखा, कठोर या गांठदार आ रहा है, तो यह कब्ज का संकेत ही होता हैं।
मल त्याग करते समय तनाव या दर्द हो, तो डॉक्टर को दिखाएँ खुद से इलाज किसी और गंभीर बीमारी का कारण भी बन सकता है।
इससे बचने के लिए लोगों को डेली एक्सरसाइज की तरफ रुख करना चाहिए। रेगुलर वॉक और खूब फल, सब्जी व सलाद खाना भी इससे बचने का एक उपाय है। इसके अलावा एक दिन में 8-10 ग्लास पानी पीना अनिवार्य है।
जिन लोगों को डायबिटीज या थायरॉइड की समस्या है, उन्हें कब्ज होने पर डॉक्टर से मिलकर तुरंत इलाज शुरू कर देना चाहिए। साथ ही ये भी ध्यान रखें कि अगर कब्ज के साथ मलद्वार से खून आ रहा है या शरीर में खून की कमी है या अत्यधिक वजन कम होता जा रहा है, तो जल्द से जल्द इलाज कराएं।