जालंधर में पराली जलाने पर रोक लगाने के लिए डिप्टी कमिश्नर डॉ. हिमांशु अग्रवाल ने जिला स्तरीय हेल्पलाइन नंबर शुरू करवाया। जो किसानों और जनता को खेत में आग की रिपोर्ट करने और फसल अवशेष प्रबंधन में मदद करेगी। उन्होंने कहा कि लोग पराली जलाने की घटनाओं की शिकायत 0181-2225005 पर सकते हैं। वहीं किसान इसी नंबर पर फसल अवशेष प्रबंधन पर तकनीकी सहायता ले सकते हैं। यह हेल्पलाइन नंबर सुबह 10 बजे से लेकर शाम 6 बजे तक पूरे हफ्ते चलेगा।
जीरो टॉलरेंस पॉलिसी नीति अपनाई
डीसी अग्रवाल ने पराली जलाने की घटनाओं पर जीरो टॉलरेंस नीति अपनाई है। उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि अगर कोई भी सरकारी कर्मचारी इस तरह की गतिविधियों में पाया गया तो उसके खिलाफ तुरंत कार्रवाई की जाएगी और सस्पेंड किया जाएगा। खेतों में आग लगने के हरेक मामले में जिम्मेदारी सौंपी जाएगी और इसको रोकने में असफल रहने वाले अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
पराली जलाने के प्रभावों पर फैलाई जाए जागरुकता
डीसी ने आगे बताया कि 6,342 फसल अवशेष प्रबंधन मशीनें खरीदी गई हैं और उनका अधिकतम उपयोग सुनिश्चित करने के लिए गांव स्तर पर मैपिंग की जा रही है। इसके अलावा किसानों की सहायता के लिए 200 से अधिक बेलर की व्यवस्था की गई है। इसी के साथ ही डीसी अग्रवाल ने सब डिविजनल लेवल की कमेटियों को पराली जलाने के हानिकारक प्रभावों के बारे में जागरुकता फैलाने के लिए कहा है।
किसानों को किया जाएगा सम्मानित
डीसी अग्रवाल ने ‘वातावरण दे रखवाले’ पहल के बारे में भी बात की। इस पहल के तहत उन किसानों को मान्यता दी जाएगी और ईनाम दिया जाएग जो अपने खेतों को जलाने से परहेज करते हैं। उन्हें सरकारी ऑफिस में प्राथमिकता के आधार पर सेवाएं प्रदान की जाएंगी और एक लाख रुपये तक के विकास कार्य उपलब्ध कराए जाएंगे।