Jalandhar News जालंधर के दिवंगत सांसद संतोख सिंह चौधरी की पहली बरसी पर दिग्गज कांग्रेसियों ने पहुंच कर श्रदासुमन अर्पित किए और उनके द्वारा कांग्रेस में रहकर किए गए कामों को याद किया।
संतोख सिंह चौधरी की पहली बरसी पर पहुंचे कांग्रेसी विपक्ष नेता प्रताप सिंह बाजवा ने कहा कि कांग्रेस पार्टी में चौधरी परिवार का अहम रोल रहा है। राहुल गांधी की तरफ से शुरु की गई 14 राज्यों में न्याय यात्रा का मुख्य मकसद लोगों में भाईचारा और आपसी प्यार बढ़ाना है। आप पार्टी कांग्रेस को तोड़ना चाहती है। लेकिन संभव नहीं है।
ये रहा स्व. संतोख सिंह चौधरी का सफर
स्व. संतोख सिंह चौधरी के बेटे और फिल्लौर के विधायक विक्रमजीत सिंह चौधरी ने कहा कि पिता का जन्म जन्म 18 जून 1946 को जालंधर जिले के नकोदर तहसील में स्थित धालीवाल गांव में हुआ था। वह पंजाब के पूर्व कैबिनेट मंत्री और जालंधर लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र से संसद सदस्य थे।
उन्होंने 2014 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी के टिकट पर जीत हासिल की थी। साल 2019 में भी उनकी जीत का सिलसिला जारी रहा और उन्होंने जालंधर लोकसभा क्षेत्र से जीत हासिल की थी। 76 साल में उनका निधन हुआ। जब राहुल गांधी की तरफ से भारत जोड़ो यात्रा निकाली जा रही थी।
स्व. संतोख सिंह चौधरी की पत्नी करमजीत कौर जालंधर स्पोर्ट्स कॉलेज की प्रिंसिपल रह चुकी हैं जबकि उनके बेटे विक्रमजीत सिंह फिल्लौर से वर्तमान विधायक हैं। चौधरी परिवार ने हमेशा ही कांग्रेस के साथ मिलकर पंजाब के मुद्दों को उठाया है।
2 बार सांसद और 5 बार विधायक थे स्व. संतोख चौधरी
स्व. संतोख सिंह चौधरी जालंधर से लगातार दो बार सांसद का चुनाव जीत चुके हैं। वह साल 2014 और साल 2019 में जलंधर से चुनाव जीत चुके हैं। इसके अलावा वह पांच बार- 1992, 1997, 2002, 2007 और 2012 में विधानसभा चुनाव भी लड़े हैं। इन पांच चुनावों में से वह तीन बार जीते और साल 1992 व साल 2002 में कांग्रेस की सरकारं में मंत्री भी बनाए गए।
सियासत में रसूख रखता है परिवार
संतोख सिंह चौधरी सियासत में रसूख रखने वाले परिवार से ताल्लुक रखते थे। उनके पिता मास्टर गुरबंत सिंह पंजाब के कृषि मंत्री रह चुके हैं जबकि उनके भाई जगजीत सिंह भी राज्य सरकार में मंत्री पद संभाल चुके हैं। मास्टर गुरबंत सिंह का परिवार अबतक कुल 16 बार पंजाब विधानसभा में पहुंच चुका है। खुद मास्टर गुरबंत सिंह 7 बार विधायक रह चुके हैं। उन्होंने आखिरी चुनाव 1972 में जीता। यह चुनाव वह निर्विरोध जीते थे। संतोख सिंह के भाई जगजीत भी पांच बार विधायक रह चुके हैं।
इस दौरान यह नेता रहे मौजूद
इस दौरान मौके पर विधायक बावा हैनरी, पूर्व विधायक राजिंदर बेरी, नवजोत दहिय्या, पूर्व मेयर जगदीश राज राजा, पूर्व सीनियर डिप्टी मेयर सुरिदंर कौर, ब्लॉक प्रेसीडेंट दविदंर सिंह, राकेश दुग्गल आदि मौजूद थे। Jalandhar News