ख़बरिस्तान नेटवर्क : अगर पिछली कुछ पीढ़ियों की बात करें तो 40 की उम्र तक आते आते लोगों में गंजापन शुरू होता था। लेकिन अब गंजापन युवाओं यानि youngsters में ज्यादा देखने को मिल रहा है। इसका एक कारण हेयर फॉल का होना है। तो इसी से जुड़े सवालों के जवाब जानने के लिए हमने जालंधर के आयुर्वेदिक डॉ. अरुण से जानकारी ली।
अपच भी एक कारण
बात हो रही है 20 -35 के उम्र के लोगों के सर के बालों के झड़ने के बारे में तो उसके बारे में डॉ. अरुण ने बताया कि सबसे पहला कारण तो आज कल लेने वाली डाइट है। जिसकी वजह से अपच लोगों को ज्यादा हो रही है और यही कारण है कि बालों की जड़ें मजबूत नही हो पाती हैं और बाल झड़ने शुरू हो जाते हैं।
dihydrotestosterone लेवल कम हो जाये तो बाल झड़ते हैं....
डॉ. अरुण ने बताया कि ज्यादा मात्रा में फास्टफूड का इन्टेक करेंगे तो बॉडी के होर्मोंस पर भी इफ़ेक्ट होगा और अगर होर्मोंस इफ़ेक्ट होंगे तो बॉडी का dht यानि dihydrotestosterone लेवल पर भी इफ़ेक्ट पड़ेगा। dht लेवल कम होने पर बालों की झड़ने की समस्या होनी शुरू हो जाती है।
विटामिन की कमी से बाल झड़ते हैं....
डॉ. अरुण ने बताया हमारी बॉडी में सात धातुएं होती हैं जिसमे रस, रक्त, मांस, मेद, अस्थि, मज्जा और शुक्र। इनमे अगर कमी हो जाये तो बाल झड़ने शुरू हो जाते हैं। उन्होंने बताया की महिलाओं में बाल झड़ने का कारण अस्थि और मज्जा धातु जो विटामिन डी यानिकि कैल्शियम को इंडीकेट करते हैं। अगर इसकी कमी हो जाये तो महिलाओं के बाल झड़ते ही हैं।
बारिश के मौसम में हैवी मील डाइजेस्ट नही होती....
डॉ. अरुण का कहना है कि सीजन का हमारे बालों पर बहुत असर पड़ता है। उन्होंने कहा कि अब जैसे बारिश का मौसम खत्म होने को है तो ऐसे में मौसम में बॉडी का पाचन बहुत ही स्लो हो जाता है। कहने के मतलब जो भी हैवी meal ली जाती है वो बॉडी में ही अच्छे से स्टोर हो जाती है और डाइजेस्ट नही होती है। जिसकी वजह से indigestion होती है। इसी कारण स्ट्रेस, पेट में हैवीनेस फील होना और यहाँ तक की दस्त भी लग सकते हैं। इन सबका बालों से कनेक्शन है और इसी वजह से बाल झड़ते हैं।
पोनीटेल बांधना भी कारण हो सकता है...
डॉ. अरुण ने बताया कि girls जो पोनीटेल बांधती है उसका बालों के टूटने से कोई लेना देना नही हैं। बाल झड़ने का कारण बॉडी में कौन सा दोष एक्टिव है, वात, कफ और पित्त। उस पर depend करता है। कोई भी दोष बॉडी में असंतुलित है तो पोनीटेल बांधने या बाल खुले रखने से कोई फर्क नही पड़ेगा।
लीच थेरेपी से मिलता रिलैक्स...
डॉ. अरुण ने बताया कि आयुर्वेद के अनुसार इसके ट्रीटमेंट में सबसे पहले तो रक्त और कफ दोष को बैलेंस करना होता है। रक्त दोष में ब्लड को पुरिफाई किया जाता है। डॉ. अरुण ने कहा कि बालों के रूट्स जब क्लोज हो जाते हैं तो वहां पर कफ दोष की प्रधानता ज्यादा होती है। जिसके कारण बाल झड़ते हैं। ऐसे में बालों के रूट्स को ओपन करने के लिए लीच थेरेपी दी जाती है। इसमें स्किन के ऊपर जो भी intoxicity जमा हुई है वो उसको अपने अन्दर खिंच लेती है। जितना भी गन्दा खून हेयर्स के फोलिकाल्स में जमा हुआ है वो क्लियर हो जाता है। वहीँ कुछ मेडिसिन्स भी हैं जिनमे आंवला सस्बे बेस्ट माना गया है। आंवला में विटामिन सी होता है जो बालों के लिए काफी फायदेमंद होता है। इसके अलावा शिकाकाई भी काफी अच्छी मानी जाती है।
हफ्ते इ एक दिन फास्टिंग जरूर करें...
डॉ. अरुण के मुताबिक हेयर फाल से बचने के लिए हफ्ते में एक बार फास्टिंग जरूर करें। इससे पेट को आराम मिलेगा और यदि आपने बाहर का कुछ ज्यादा ही खा लिया है तो वो भी डाइजेस्ट हो जायेगा। उन्होंने कहा कि फास्टिंग वाले दिन लिक्विड डाइट पर ही रहें। ताकि आपक पाचन सही से काम कर सके। लिक्विड डाइट में आप पतला पतला दलिया, सूप पी सकते हैं। इसके अलावा सीजनल वेजिटेबल सूप भी पिया जा सकता है। नारियल पानी लेना भी फायदेमंद है। वहीँ अगर आप डेली मील की बात करें तो आप दिन में एक टाइम फ्रूट जरुर खाये। ताकि बॉडी में nutitional value बनी रहे।
हेयर आयल का भी इम्पोर्टेन्ट रोल....
डॉ. अरुण का कहना है कि हेयर ओइलिंग बहुत ही जरुरी है। उन्होंने बताया कि बालों पर तेल कभी भी गीले बालों में न लगायें। इससे बाल मजबूत होने की बजाय कमजोर होते हैं।वहीँ गीले बाल और आयल का कॉम्बिनेशन बालों में dandruff का कारण भी बनता है। इसी के साथ बॉडी में गर्दन पर स्टिफनेस भी क्रिएट हो जाती है। उन्होंने बताया कि केरला की रिसर्च में सामने आया है कि जो महिलाएं गील बालों में आयल लगाती है उनमे यूरिक एसिड बढ़ जाता है। बालों को धोने से एक घंटा पहले अच्छे से roots में ओइलिंग करें। ताकि आयल बालों की जड़ों में अच्छे से absorb हो जाये। इसके बार जब आप बाल धों लें तो उसको अच्छे से ड्राई करें।