All the records were broken not only in Mahakumbh but also in Kashi Vishwanath Dham : विश्व विख्यात वाराणसी के काशी विश्वनाथ धाम में दर्शन के अब तक के सारे रिकॉर्ड टूट गए हैं। यहां बीते 5 दिनों में 30 लाख और बीते 18 दिनों में 70 लाख श्रद्धालुओं ने दर्शन किया है। यहां देशी भक्तों के साथ बड़ी संख्या में विदेशी भक्त भी हर-हर महादेव का दर्शन करने पहुंचे। मंगला आरती से शुरू हो रहा दर्शन देर रात तक चल रहा है। पूरा मंदिर हर हर महादेव के जयकारे से पूरी रात गूंज रहा है। बता दें कि महाकुंभ के पलट प्रवाह का पूरा असर शिव नगरी काशी में भी देखने को मिला, जहां लाखो की संख्या में श्रद्धालु महाकुंभ से शिव के नगरी पहुंचे। आलम ये रहा कि श्रद्धालुओं के संख्या के पिछले सारे रिकॉर्ड टूट गए।
संक्रांति के दो दिन पहले से ही उमड़ी आस्था की भीड़
मात्र 18 दिनों में 70 लाख श्रद्धालुओं ने बाबा के दरबार में अपनी हाजिरी लगाई तो वहीं लाखों लोगों ने मां गंगा में डुबकी लगाकर कुंभ स्नान संपूर्ण किया। यह आंकड़ा ख़ुद काशी विश्वनाथ मंदिर प्रशासन ने जारी किया है। वाराणसी में संक्रांति के दो दिन पहले से ही आस्था की भीड़ देखने को मिलने लगी थी, लेकिन यह भीड़ बीते 23 जनवरी से सैलाब में बदली और प्रत्येक दिन 15 लाख से अधिक श्रद्धालु वाराणसी पहुंचने लगे, जो कि महाकुंभ से सीधे वाराणसी पहुँच रहे थे।
70 लाख श्रद्धालुओं ने किया स्नान, शिवदर्शन का क्रेज
पुलिस के आकड़ों की माने तो बीस से पच्चीस लाख लोग वाराणसी आ रहे हैं। अब विश्वनाथ मंदिर ने भी अपना आंकड़ा जारी कर दिया है। विश्वनाथ मंदिर प्रशासन ने 11 जनवरी से 28 जनवरी तक अपना आंकड़ा जारी किया है। इसमें लगभग 70 लाख श्रद्धालुओं ने मंदिर में अपनी हाजिरी लगाई है, जिसमें पिछले पाँच दिनों में 30 लाख श्रद्धालुओं ने दर्शन किया है। मंदिर में लगी इस भीड़ को देख के ज़ाहिर हो रहा है कि बाबा के दर्शन को लेकर श्रद्धालुओं में कितना उत्साह है।
सुबह से शुरू होने वाली आरती देर शाम तक रही जारी
गंगा घाट से लेकर मंदिर तक आस्था का सैलाब लगातार देखा जा रहा है। भीड़ को नियंत्रित करने के लिए प्रशासन के तरफ़ से भी पूरी शक्ति झोंक दी है। गाड़ियों को शहर में न प्रवेश करने के लिए अलग अलग स्थानों पर पूरे 15 पार्किंग पॉइंट बनाये गए हैं। वहीं मौनी अमावस्या स्नान की बात करें तो मंदिर में लगभग आठ लाख लोगों ने दर्शन किया तो वहीं पाँच लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने सिर्फ़ गंगा में डुबकी लगाई। यह सैलाब बसंत पंचमी तक जारी रहेगा।