शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल आज अकाल तख्त साहिब कार्यालय पहुंचे। इस बीच, उन्होंने सिंह साहिब ज्ञानी रघबीर सिंह को एक लिखित पत्र सौंपा और अनुरोध किया कि उन पर लगाए जाने वाले धार्मिक दंड की घोषणा जल्द की जाए।
सुखबीर बादल ने अपने पत्र में कहा है कि अकाल तख्त साहिब हर सिख के लिए सर्वोच्च है और वे अकाल तख्त के हर आदेश को मानने के लिए तैयार हैं। उन्होंने आगे लिखा है कि ढाई महीने बीत जाने के बावजूद उन्हें धार्मिक सजा नहीं दी गई।
जल्द फैसला सुनाने की मांग, आदेश का पालन करने के लिए तैयार
उन्होंने आगे लिखा कि पार्टी के काम में शामिल नहीं होने के कारण न तो पार्टी चार सीटों के लिए होने वाले चुनाव में हिस्सा ले पाई है और न ही पंजाब यूनिवर्सिटी में सीनेट बहाली की चल रही प्रक्रिया में। उन्होंने कहा कि उन पर लगाए गए आरोप झूठे और राजनीति से प्रेरित हैं। आख़िरकार, उन्होंने सिंह साहिब से दोबारा अनुरोध किया है कि वे उनके बारे में जल्द ही कोई निर्णय लें और वे अकाल तख्त साहिब के हर आदेश का पालन करने के लिए तैयार हैं।
सुखबीर बादल तनखैया है घोषित
श्री अकाल तख्त साहिब ने 30 अगस्त 2024 को सुखबीर बादल को तनखैया घोषित किया था। सुखबीर बादल के विरोधी गुट के नेताओं ने साल 2007 से 2017 के बीच अकाली-भाजपा गठबंधन सरकार के दौरान लिए गए कुछ धार्मिक फैसलों पर सवाल उठाए थे। अभी सुखबीर बादल की सजा पेंडिंग है।
कौन होता है तनखैया घोषित ?
सिख पंथ के अनुसार कोई भी सिख अगर धार्मिक तौर पर कुछ गलत करता है तो उसे तनखैया करार दिया जाता है। इसका फैसला सिखों का सर्वोच्च तख्त अकाल तख्त साहिब से किया जाता है। तनखैया घोषित होने के बाद संबंधित व्यक्ति सिख संगत के सामने हाजिर होकर अपनी गलती के लिए क्षमा मांग सकता है। इसके अलावा श्री गुरू ग्रंथ साहिब की हाजिरी में उसके गुनाह की समीक्षा की जाती है। फिर उसी हिसाब से दंड तय किया जाता है।
आपको बता दें कि अकाली दल के बागी गुट ने श्री अकाल तख्त साहिब पहुंच कर 1 जुलाई को माफीनामा सौंपा था। जिसमें सुखबीर बादल से हुई 4 गलतियों में सहयोग देने पर माफी मांगी गई।
सुखबीर बादल की चार गलतियां
1. डेरा सच्चा सौदा के खिलाफ शिकायत वापस ली गई थी
2. डेरा मुखी को सुखबीर बादल ने दिलवाई थी माफी
3. बेअदबी की घटनाओं की सही जांच नहीं हुई
4. झूठे केसों में मारे गए सिखों को नहीं दे पाए इंसाफ