खबरिस्तान, नेटवर्क, जालंधर : जालंधर किसी भी हुनर से पीछे नहीं रहा। नौजवानों ने शॉर्ट मूवी बनाकर मुंबई में जालंधर का नाम रोशन किया है। गौरव लूथरा ने इस शार्ट मूवी को डायरेक्ट किया और फोटोग्राफी की। इस फिल्म का नाम रब्बी रखा गया। जैसे ही ये फिल्म सोशल मीडिया पर चली तो मुंबई फेस्टिवल फिल्म इंडस्ट्री में होने वाले दादा साहब फाल्के अवार्ड के लिए नोमिनेट किया गया।
गौरव लूथरा ने बताया कि रब्बी में सभी किरदारों ने शानदार भूमिका निभाई। इसलिए दादा साहब फिल्म इंडस्ट्री ने बेस्ट एक्टर के अवार्ड से सम्मानित किया और बेंगलुरु फेस्टिवल में बेस्ट स्टोरी से। गौरव लूथरा के पिता पवन लूथरा ने बताया कि उनके बेटे को बचपन से ही डायरेक्टर और फोटोग्राफी का शौक है। बेटा अब उस मुकाम पर पहुंच रहा है। जिसका उसने सपना देखा है। उन्हें खुशी है कि उनका बेटे द्वारा तैयार की गई मूवी को अवार्ड मिला।
ये है कहानी रब्बी शार्ट मूवी की
पंजाब के एक छोटे से गांव की एक युवा महिला रब्बी अपना वैवाहिक जीवन अपने पति जीनत के प्रतिबंधों और प्रभुत्व के बीच बिताती है। उसकी गर्भावस्था पितृसत्तात्मक समाज के उसके परिभाषित कर्तव्यों में कोई बदलाव नहीं लाती है। उसके विनम्र रवैये ने उसे एक ऐसे मुकाम पर पहुंचा दिया है। जहां वह अपने पति के अनुचित व्यवहार के सामने आत्मसमर्पण कर देती है। वह छोटी-छोटी जगहों में खुशियां तलाशती है। लेकिन उसके अजन्मे बच्चे के इर्द-गिर्द घूमती अनिश्चितता उसे अपनी इच्छानुसार जीवन जीने से रोकती है।
पंजाब के गांव की कई महिलाओं का प्रतिनिधित्व करने वाली रब्बी के इस मिलनसार चरित्र में तब बदलाव आता है। जब उसकी मुलाकात एक मौखिक रूप से अक्षम पड़ोसी असीस से होती है। वह अपने जीवन के कुछ अज्ञात अध्यायों को उजागर करती है, जिससे उसे नए विकल्प चुनने पड़ते हैं।