खबरिस्तान नेटवर्क: माइक्रोसॉफ्ट के को-फाउंडर बिल गेट्स ने एक अहम ऐलान किया है। उन्होंने कहा कि वे अपनी दौलत का बहुत कम हिस्सा अपने बच्चों को देंगे। वह संपत्ति का ज्यादातर हिस्सा अफ्रीका में स्वास्थ्य और शिक्षा को बेहतर बनाने में खर्च करेंगे। ये काम अगले 20 सालों में किया जाएगा। इथियोपिया के अदीस अबाबा में अफ्रीकी संघ के मुख्यालय में बोलते हुए गेट्स ने यह बात की है। उन्होंने कहा कि उनकी ये कोशिशें अफ्रीका के लोगों की तरक्की में मदद करेंगी और सभी देशों में खुशहाली लाएंगी।
दुनिया के 5वें सबसे अमीर शख्स हैं बिल गेट्स
ब्लूमबर्ग बिलेनियर्स इंडेक्स के अनुसार, बिल गेट्स की नेटवर्थ अभी भी 175 बिलियन डॉलर है। वह दुनिया के 5वें सबसे अमीर शख्स हैं। माना जा रहा है कि अगले 20 साल यानी 2045 तक उनकी नेटवर्थ 200 बिलियन डॉलर हो जाएगा। ऐसे में उन्होंने फैसला किया है कि वे अपने बच्चों को इसका सिर्फ 1% ही देंगे बाकी 99% संपत्ति दान कर देंगे यानी कि बिल गेट्स अगले 20 वर्षों सालों में अफ्रीका को 198 बिलियन डॉलर की रकम देने की योजना बना रहे हैं।
खुद कही गेट्स ने यह बात
गेट्स ने अफ्रीकी संघ के मुख्यालय में मौजूद 12,000 अधिकारियों, राजनयिकों और युवाओं से कहा, 'मैंने हाल ही में ये फैसला किया है कि मेरी संपत्ति का ज्यादातर हिस्सा अगले 20 सालों में दान कर दिया जाएगा। इस पैसे का ज्यादातर भाग अफ्रीका में आने वाली मुश्किलों को दूर करने में मदद करेगा।' गेट्स ने अच्छी सेहत और शिक्षा को विकास की नींव बताया है। उन्होंने कहा कि सेहत और शिक्षा के जरिए लोगों की क्षमता बढ़ाकर, अफ्रीका का हर देश तरक्की की राह पर चल सकेगा। इस राह का हिस्सा बनना बहुत ही रोमांचक है।
हेल्थ सर्विस पर दिया जाएगा ध्यान
गेट्स की संस्था बिल एंड मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन प्राथमिक स्वास्थ्य सेवा पर ध्यान देगी। खासतौर पर मां और बच्चे की सेहत को सुधारने पर उनका जोर रहेगा। गेट्स ने समझाया कि - 'हमने ये सीखा है कि अगर मां गर्भावस्था से पहले, गर्भावस्था के दौरान स्वस्थ रहे और उसे अच्छा पोषण मिले, तो इसके बहुत अच्छे नतीजे मिलते हैं।' उन्होंने ये भी कहा कि बच्चों के पहले चार सालों में अच्छा पोषण मिलना उनके भविष्य के लिए बहुत जरूरी है।
50 साल पहले शुरू की थी गेट्स ने अपनी कंपनी
गेट्स ने साल 1975 में पॉल एलन के साथ मिलकर माइक्रोसॉफ्ट की स्थापना की थी। ये कंपनी जल्द ही सॉफ्टवेयर इंडस्ट्री में एक बड़ी ताकत बन गई। सालों तक गेट्स ने कंपनी के रोजमर्रा के कामों से धीरे-धीरे दूरी बना ली। उन्होंने साल 2000 में सीईओ और साल 2014 में चेयरमैन का पद छोड़ दिया। आज वे ज्यादातर परोपकारी कामों पर ही ध्यान देते हैं लेकिन माइक्रोसॉफ्ट के सलाहकार के रूप में अभी भी काम करते हैं।