जालंधर के किसानों के द्वारा धान को लेकर जो मुद्दे उठाए गए हैं वो खत्म ही नहीं हो रहे। पहले किसानों ने आरोप लगाया था कि मंडियों में धान पड़ा हुआ है पर उठाया नहीं जा रहा है। वहीं आज राइस कारोबारियों ने धान को लेकर एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की। इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने गंभीर आरोप लगाए हैं। राइस मिल के कारोबारियों का कहना है कि अफसर कुछ राइस मिलरों को फायदा पहुंचा रहे हैं। इसी के तरह अब उन्होंने नेशनल पॉलिसी को बदलने के लिए केंद्र को पत्र भी लिखा है। पत्र लिखकर उन्होंने केंद्र को सिफारिश की है।
धरना प्रदर्शन की दे डाली चेतावनी
इस मामले में अब राइस मिलरों ने धरना प्रदर्शन करने की चेतावनी भी दे डाली है। राइस मिल के कारोबारियों ने कहा है कि पिछले कुछ दिनों में उन्हें धान की खरीद के कारण बहुत परेशानी हुई है। कुछ लोगों के द्वारा किसानों के नाम पर उनकी धान ले ली गई और उन्हें आगे से कह दिया कि गुरदासपुर की धान उठाकर कपूरथला में लाई गई और कपूरथला की धान उठाकर दूसरे जिले में भेज दी गई। ऐसे में राइस मिल कारोबारियों ने आरोप लगाए हैं कि इन सबके चलते सरकार को बहुत नुकसान हुआ है। कारोबारियों का कहना है कि कुछ राइस मिल कारोबारियों को अफसरों के द्वारा अबलाइज भी किया गया है।
राइस पॉलिसी करवाना चाहते हैं चेंज
उनका कहना है कि अफसरों ने कारोबारियों के धान की स्टोर ज्यादा करवाई थी ऐसे में इसके बाद अब वो अफसर यह चाह रहे हैं कि डिस्ट्रीब्यूशन ऑफ स्टारेज राइस पॉलिसी चेंज करवा दी जाए। इसके लिए उन्होंने 5 दिसंबर को केंद्र को इस पॉलिसी को बदलने का पत्र भी लिखकर भेज दिया है। इस पत्र में उन्होंने कहा कि पॉलिसी लागू की जाए क्योंकि इसके कारण कुछ लोग अफसरों को फायदा देना चाहते हैं।
पॉलिसी लागू हुई तो करेंगे धरना प्रदर्शन
वहीं दूसरी ओर राइस मिल के कारोबारियों का कहना है कि यदि यह पॉलिसी लागू हुई तो वो स्टेट के साथ-साथ केंद्र स्तर पर धरना प्रदर्शन कर देंगे। ऐसे लोगों को अफसरों को द्वारा फायदा नहीं दिया जाएगा। उनका कहना है कि यदि किसानों का धाना-धाना उठाया गया है तो इस धान की खराब के दौरान कुछ आढ़तिए और राइस मिलरों के कारण किसानों की लूट भी हुई है। इसके चलते वो यह पॉलिसी चेंज करवाना चाहते हैं। किसान जो पिछले 2 सालों से प्रदर्शन कर रहे हैं उसके कारण पंजाब को बहुत नुकसान भी हुआ है। 4 स्टेटों में 3100 रुपये किसानों के लिए रेट तय किया गया है वहीं पंजाब के किसानों को इसके कारण 200 रुपये का कट भी लग गया है। उनका कहना है कि हमें यह लग रहा है किसान जत्थेबंदियों के काम के कारण पंजाब को बहुत नुकसान भी हुआ है और अब पंजाब के किसानों को भी होगा।
किसानों का एकजुट होना जरुरी है
उनका आज का मुद्दा लीगल गारंटी का है। उनका कहना है कि पंजाब और हरियाणा में गेंहू और धान अच्छे से बिक रही है लेकिन क्या इनकी धान की खरीद यहां पर कम हो रही है वहीं दूसरे स्टेटों में धान की खरीद अच्छी हो रही है। इससे पंजाब में धान कम होगी लेकिन वहीं दूसरी ओर केंद्र ने बाकि राज्यों में एमएसपी बढ़ा दी हुई है। किसान पहले ही यह कह रहे थे कि हमने सारे हिंदुस्तान को एमएसपी दिलवाएं। इसके लिए सभी किसानों को एकजुट होना पड़ेगा। वहीं मांगों को लेकर केंद्र और किसान बैठकर बात करें।
हालांकि इन सब के बाद एक जिले से दूसरे जिले में धान पहुंचाकर खरीद करने के मामले में उन्होंने जांच की मांग भी की है उन्होंने कहा कि पंजाब में पहली बार किसी नेशनल पॉलिसी को चेंज करवाने की मांग प्रशासन के द्वारा की गई है।