rare combination of solar eclipse is taking place on Somvati Amavasya : सोमवार को अमावस्या होने से ये सोमवती अमावस्या कहलाएगी। 8 अप्रैल, सोमवार को चैत्र मास की अमावस्या है। इस दिन सूर्य ग्रहण का दुर्लभ संयोग बन रहा है। हालांकि ये ग्रहण भारत में कहीं भी दिखाई नहीं देगा, जिसके चलते यहां इसका सूतक नहीं माना जाएगा। जिन देशो में ये ग्रहण दिखाई देगा, सिर्फ वहीं इसका महत्व रहेगा। सूर्य ग्रहण के दौरान कुछ काम नहीं करना चाहिए। मान्यता है कि ऐसा करने से दुर्भाग्य पीछे लग जाता है। आगे जानिए सूर्य ग्रहण से जुड़ी खास बातें और इस दौरान कौन-से काम न करें…
ग्रहण का समय-किन देशों में दिखेगा
भारतीय समय के अनुसार, 8 अप्रैल, सोमवार को होने वाला सूर्य ग्रहण रात 10.08 से शुरू होगा, जो देर रात 01.25 पर समाप्त होगा। इसकी कुल अवधि लगभग 3 घंटे 17 मिनिट की रहेगी। पिछले 50 साल में इतना लंबा पूर्ण सूर्य ग्रहण नहीं हुआ है। मुख्य रूप से ये पूर्ण सूर्य ग्रहण कनाडा, अमेरिका, मैक्सिको, जमाइका, नॉर्वे, पनामा आदि देशों में दिखाई देगा। जिन देशों में ये दिखाई देगा, सिर्फ वहीं इसके नियम मान्य होंगे।
सूर्य ग्रहण में कौन-से काम न करें
सूर्यग्रहण के दौरान पूजा-पाठ न करें। संभव हो तो घर के मंदिर को भी परदे से ढंक दें। ग्रहण समाप्त होने के बाद मंदिर की साफ-सफाई करें, इसके बाद ही पूजा करें। सूर्य ग्रहण के दौरान कुछ भी खाए-पिए नहीं। बहुत जरूरी हो तो बच्चे, वृद्ध या गर्भवती महिलाएं कुछ खा सकती हैं। इस दौरान मांस-मदिरा का सेवन भूलकर भी न करें। सूर्य ग्रहण के दौरान स्त्री संग करना अशुभ माना गया है। इसलिए इस काम से दूर रहें। अगर कोई ऐसा करता है तो उसके बुरे दिन शुरू हो सकते हैं।
घर से बाहर निकलने से करें बचाव
सूर्य ग्रहण के दौरान घर से बाहर निकलने से भी बचना चाहिए। मान्यता है कि ऐसा करने से ग्रहण का अशुभ प्रभाव हमारे शरीर पर भी हो सकता है। ग्रहण को भूलकर भी कभी नंगी आंखों से न देखें। वैज्ञानिकों का कहना है कि नंगी आंखों से सूर्य ग्रहण देखने से आंख खराब हो सकती है। ग्रहण के दौरान सबसे ज्यादा सावधानी गर्भवती महिला को रखनी चाहिए। ग्रहण के दौरान गर्भवती महिलाओं को घर से बाहर नहीं निकलना चाहिए। धारदार चीजों का उपयोग नहीं करना चाहिए। सूर्य ग्रहण के दौरान किसी भी पेड़-पौधे को स्पर्श नहीं करना चाहिए। खास तौर पर तुलसी के पौधे को। ऐसा करना ठीक नहीं माना गया है।