केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने आज, 15 सितंबर को नई दिल्ली में 'डिजाइन, इंजीनियरिंग, निर्माण, अनुसंधान एवं विकास और पर्यावरण सेवाओं: सतत ऊर्जा, परिवहन और अवसंरचना पर वैश्विक सेवा निर्यात कॉन्क्लेव' को संबोधित किया। उन्होंने ने देश भर के इंजीनियरों को इंजीनियर्स दिवस पर बधाई और शुभकामनाएं दी और कहा कि भारत की आवाज अब न सिर्फ विकासशील देशों (ग्लोबल साउथ) बल्कि दुनिया की आवाज बन रही है। पीयूष गोयल ने इंजीनियरिंग समुदाय को 2030 तक इंजीनियरिंग सेवाओं, डिजाइन, निर्माण और अनुसंधान एवं विकास में 100 बिलियन डॉलर के निर्यात लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए प्रोत्साहित किया।
केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने आज, 15 सितंबर को नई दिल्ली में 'डिजाइन, इंजीनियरिंग, निर्माण, अनुसंधान एवं विकास और पर्यावरण सेवाओं: सतत ऊर्जा, परिवहन और अवसंरचना पर वैश्विक सेवा निर्यात कॉन्क्लेव' को संबोधित किया। उन्होंने ने देश भर के इंजीनियरों को इंजीनियर्स दिवस पर बधाई और शुभकामनाएं दी और कहा कि भारत की आवाज अब न सिर्फ विकासशील देशों (ग्लोबल साउथ) बल्कि दुनिया की आवाज बन रही है। केंद्रीय मंत्री ने इंजीनियरिंग क्षेत्र के अग्रणी व्यक्तियों को विशिष्ट क्षेत्रों में विशेषज्ञता और प्रमाणन के जर्मन मॉडल पर विचार करने के लिए प्रोत्साहित किया।
गोयल ने भारत की बढ़ती वैश्विक स्थिति को रेखांकित किया
कॉन्क्लेव में संबोधित करते हुए केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल न कहा कि भारत की अध्यक्षता में जी-20 शिखर सम्मेलन 2023 के सफल आयोजन से पता चलता है। भारत की क्षमताओं और नेतृत्व को विश्व का सम्मान जी-20 शिखर सम्मेलन 2023 के पहले दिन महत्वपूर्ण और साहसिक निर्णयों के साथ जी-20 नई दिल्ली नेताओं के घोषणा-पत्र को अपनाने से स्पष्ट है। उन्होंने कहा कि भारत की आवाज अब न सिर्फ विकासशील देशों (ग्लोबल साउथ) बल्कि दुनिया की आवाज बन रही है। गोयल ने सभी भारतीयों से इसे 140 करोड़ भारतीयों की सामूहिक सफलता के रूप में मनाने की अपील की। उन्होंने भारतीय कंपनियों से विश्व स्तर पर विस्तार करने, नए बाजारों पर कब्जा करने और एसटीईएम (विज्ञान, प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग या गणित) स्नातकों के भारत के प्रचुर प्रतिभा पूल का लाभ उठाकर अपने सेक्टरों में अग्रणी वैश्विक कंपनियां बनने का आग्रह किया।
केंद्रीय मंत्री ने इंजीनियरिंग क्षेत्र में विशेषज्ञता और प्रमाणन के जर्मन मॉडल पर विचार करने को कहा
गोयल ने इंजीनियरिंग क्षेत्र के अग्रणी व्यक्तियों को विशिष्ट क्षेत्रों में विशेषज्ञता और प्रमाणन के जर्मन मॉडल पर विचार करने के लिए प्रोत्साहित किया। उन्होंने सुझाव दिया कि इंजीनियरिंग क्षेत्र में विशेषज्ञ और कई क्षेत्रों के भी विशेषज्ञ होने से भारत के विकास और नवोन्मेषण में योगदान मिल सकता है। उन्होंने आगे कहा कि 2020 में प्रस्तुत की गई भारत की राष्ट्रीय शिक्षा नीति ने शिक्षा में कई प्रकार के अन्य परिवर्तनों के द्वार खोल दिए हैं, जिससे छात्र अब विभिन्न क्षेत्रों की खोज करने में सक्षम बन गए हैं। उन्होंने कहा कि यह लचीलापन अधिक कुशल और विविध कार्यबल को जन्म देगा। उन्होंने याद दिलाया कि किस प्रकार देश में पुरानी नीतियां छात्रों के लिए विकल्पों को बाधित करती थीं।
गोयल ने वैश्विक व्यापार पर भारत के रुख को लेकर निष्पक्ष और संतुलित मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) वार्ता के लिए देश की प्रतिबद्धता पर जोर दिया। उन्होंने इंजीनियर्स दिवस मनाने के महत्व को रेखांकित किया और इस बात पर जोर दिया कि यह व्यक्तियों तथा राष्ट्र को और अधिक ऊंचाइयों तक पहुंचने के लिए प्रेरित करता है।