Why did Modi not attend Trump oath taking ceremony and You will be surprised to know the truth : डोनाल्ड ट्रंप ने अमेरिका के राष्ट्रपति पद की शपथ ले ली है। लेकिन जिस वक्त डोनाल्ड ट्रंप शपथ ले रहे थे, ठीक उसी वक्त सब की नजर भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर पर गई। जयशंकर की तस्वीर ने सभी को हैरान कर दिया है। जो लोग भारत में बैठकर भारत को ही कोसते रहते हैं। वो जयशंकर की तस्वीर को देखकर रो रहे हैं। कुछ कट्टरपंथी लोग मजे लेते हुए कह रहे थे कि डोनाल्ड ट्रंप के शपथग्रहण समारोह में पीएम मोदी क्यों नहीं गए। ये तो आपको पता चल ही जाएंगे। लेकिन जयशंकर की मौजूदगी से वामपंथी गैंग को तगड़ा झटका लगा है। डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन ने भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर को सबसे एक्सक्लूसिव सीट दी।
बड़ा वीआईपी ट्रीटमेंट शायद किसी देश को मिला
एस जयशंकर सबसे आगे नजर आए। इससे बड़ा वीआईपी ट्रीटमेंट शायद किसी देश को नहीं मिला। सबसे हैरान करने वाली बात है कि अमेरिका के ट्रीटी पार्टनर देश भी तीसरी और चौथी पंक्ति में बैठे थे। ये वो देश हैं जिनके साथ अमेरिका के बेहद गहरे संबंध हैं। लेकिन उन्हें भी पहली पंक्ति में नहीं बिठाया गया। अमेरिका के सबसे करीबी सहयोगियों ऑस्ट्रेलिया और जापान के विदेश मंत्रियों को तीसरी पंक्ति में जगह मिली।
भारत की ताकत क्या है, कद और अहमियत क्या है
एस जयशंकर को पहली पंक्ति में बिठाया गया वो भी उस सीट पर जो बिल्कुल डोनाल्ड ट्रंप के सामने थी। अमेरिका हो या फिर दुनिया का कोई भी देश सबको पता है कि भारत की ताकत क्या है, कद क्या है और अहमियत क्या है? विदेश मंत्री एस जयशंकर को सबसे आगे बिठाकर डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन ने बता दिया है कि आने वाले दिनों में भारत के साथ रिश्ते कैसे रहने वाले हैं। बहरहाल, आपको बताते हैं कि पीएम मोदी डोनाल्ड ट्रंप के शपथ ग्रहण समारोह में क्यों नहीं गए।
मोदी-ट्रंप के रिश्ते जगजाहिर, मीडिया में विमर्श केंद्र
बीते कुछ दिनों से मीडिया में विमर्श का केंद्र ये रहा कि ट्रंप के शपथ में पीएम मोदी को क्यों नहीं बुलाया गया। इसमें कुछ वर्ग को राष्ट्र का इतना अपमान दिखा। मोदी-ट्रंप के रिश्ते जगजाहिर हैं। कहा जाने लगा कि ट्रंप के शपथग्रहण के लिए मोदी को नहीं बुलाया जा रहा है। ट्रंप मोदी से नाराज हैं। लेकिन आपको बता दें कि ये भारत की पॉलिसी रही है कि जब भी किसी देश में प्रधानमंत्री या राष्ट्रपति पद की शपथ होती है तो भारत सरकार प्रधानमंत्री के स्पेशल दूत को भेजती है।
अन्य देशों में शपथ का हिस्सा बने भारतीय राजदूत
नाइजीरिया के राष्ट्रपति पद की शपथ के वक्त रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह गए थे। मालदीव में जब मोहम्मद मुइज्जू ने राष्ट्रपति पद की शपथ ली तो वहां केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू गए थे। ईरान में जब पेजेस्कियान ने राष्ट्रपति पद की शपथ ली तो वहां नितिन गडकरी गए थे। 2024 में इंडोनेशिया और मैक्सिको के लिए विदेश राज्य मंत्री पवित्र मर्गेटा को भेजा गया था।
पीएम मोदी का ना जाना भी एक पॉलिसी का हिस्सा
ऐसे में पीएम मोदी का ना जाना भी एक पॉलिसी का हिस्सा ही है। कई लोग सवाल कर रहे हैं कि फिर डोनाल्ड ट्रंप ने शी जिनपिंग को न्यौता क्यों भेजा। इसका जवाब अमेरिका और चीन के लगातार बिगड़ते रिश्तों में है। अमेरिका और चीन में जो ट्रेड वॉर चल रही है उसे शांत करने के लिए डोनाल्ड ट्रंप शी जिनपिंग से मिलना चाहते थे। लेकिन जिनपिंग ने आने से ही मना कर दिया।