पंजाब और हरियाणा समेत देश के कई हिस्सों में किसान गुरुवार को ट्रैक्टर मार्च निकाल रहे हैं। किसान फसलों की न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की कानूनी गारंटी की मांग को लेकर पिछले 6 महीने से केंद्र सरकार के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे है। शंभू खन्नौरी बॉर्डर लगातार संघर्ष जारी है। जालंधर में भी किसानों ने ट्रैक्टर मार्च निकाला।
जालंधर में निकाला जा रहा ट्रैक्टर मार्च
जालंधर में भी किसानों ट्रैक्टर मार्च निकाला जाएगा। किशनगढ़ से लेकर भोगपुर तक मार्च निकाला जाएगा। केंद्र सरकार की ओर से रोष में और अपनी मांगे पूरू न किए जाने को लेकर किसानों की ओर से ट्रैक्टर मार्च निकाला जा रहा है। इस दौरान किसानों ने तीनों आपराधिक कानूनों की प्रतियां को जलाया।
किसानों का कहना है कि केंद्र सरकार ने जो कानून बनाए थे उसको वापिस नहीं लिया और नए कानून हमारे पर थौप दिए है। जो रोष प्रदर्शन चलते है सरकार उन्हें खत्म करना चाहती है। उन्ही कानून के विरोध में प्रदर्शन किया जा रहा है। किसानों ने कहा कि आजादी दिवस को इसलिए चुना गया है क्योंकि सब कुछ कोऑपरेटिव हाथों में दें किसानों को गुलाम बनाया जा रहा है।
पंजाब किसान वेलफेयर कमेटी के प्रधान ने कहा कि पहले सिर्फ डीसी धारा 144 लगा सकते थे लेकिन अब डीएसपी भी धारा 144 का इस्तेमाल कर सकते है। जो पब्लिक के लिए काफी हानिकारक है। उन्होंने कहा कि ये आजादी सरकार और मंत्रियों के लिए न की आम पब्लिक के लिए। उन्होंने बताया कि 300-400 का ट्रैक्टर मार्च निकाल रहे हैं।
अमृतसर में भी निकाला जा रहा ट्रैक्टर मार्च
पता चला है कि किसान वाघा बॉर्डर से अमृतसर तक ट्रैक्टर मार्च निकाल रहे है। जिसका नेतृत्व किसान नेता सरवन सिंह पंधेर कर रहे है।
13 फरवरी से कर रहे संघर्ष
बता दें कि 13 फरवरी को किसान दिल्ली जाने् के लिए निकले थे लेकिन हरियाणा सरकार ने उन्हें शंभू बॉर्डर पर रोक लिया था। तभी से किसान वहां पर बैठे हुए हैं। वहीं किसानों ने आज शंभू बॉर्डर पर ट्रैक्टर मार्च निकाला। जानकारी के मुताबिक, मार्च ऊंचा दर बाबे नानक दा से वापस आकर शंभू धरना स्थल पर समाप्त होगा।
हाईकोर्ट ने बॉर्डर खोलने के दिए है आदेश
आपको बता दें कि किसान शंभू बॉर्डर पर पंजाब साइड में पक्का मोर्चा लगाकर बैठे हैं। उनका कहना है कि जब तक रास्ता नहीं खुलेगा वह इसी तरह बैठे रहेंगे। वहीं, रोड बंद होने की वजह से लोगों को दिक्कत आ रही है। पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने हरियाणा सरकार को बॉर्डर खोलने के आदेश भी दिए थे। लेकिन सरकार इस फैसले के विरोध में सुप्रीम कोर्ट पहुंच गई थी।
अगली सुनवाई 22 अगस्त को
सुप्रीम कोर्ट ने पिछली सुनवाई में कहा था कि हरियाणा और पंजाब सरकार को आंशिक रूप से जरूरी गाड़ियों के लिए रास्ता खोल देना चाहिए। इस मामले में अब अगली सुनवाई 22 अगस्त को होगी।
अदालत ने हरियाणा सरकार को बॉर्डर खोलने का आदेश दिया था। लेकिन सरकार इस फैसले के विरोध में सुप्रीम कोर्ट पहुंच गई है। सुप्रीम कोर्ट ने गत सुनवाई पर हरियाणा और पंजाब सरकार को आंशिक रूप से जरूरी वाहनों के लिए रास्ता खोलने के आदेश दिए थे। वहीं, इस मामले में अब अगली सुनवाई 22 अगस्त तय की गई है।