Tires of vehicles are bursting due to extreme heat, accidents are increasing rapidly : इस भयावह गर्मी में ज्यादातर इलाकों का पारा 50 डिग्री या इससे ऊपर जा रहा है। ऐसे में गाड़ियों से जुड़े एक्सीडेंट भी तेजी से बढ़ रहे हैं। अक्सर भीषण गर्मी के दौरान गाड़ियों के टायर फटने की घटनाएं अधिक हो जाती हैं। कई मामलों में ये घटनाएं घातक साबित होती हैं। इससे बचने के लिए कुछ खास बातों का ध्यान रखना बहुत जरूरी है। यहां कुछ जरूरी टिप्स बताए जा रहे हैं जिनको मानकर आप टायर फटने जैसे एक्सीडेंट से खुद को बचा सकते हैं। कार या बाइक के टायर की सही देखभाल के लिए आगे बताई जा रही बातों को जरूर फॉलो करें वरना आपको नुकसान उठाना पड़ सकता है।
टायर प्रेशर की रेगुलर जांच
अधिक गर्मी में टायर का प्रेशर बढ़ जाता है. इसलिए, टायर प्रेशर को रेगुलर रूप से चेक करें या करवाएं ज्यादा या कम प्रेशर दोनों ही टायर के फटने का कारण बन सकते हैं। कंडीशन को चेक करें और तय करें कि उनमें कट, दरार या डैमेज नहीं है। टायर ट्रेड की गहराई भी जांचें। यदि ट्रेड गहराई कम हो गई है तो टायर बदलें।
सही स्पीड और ओवरलोडिंग
तेज गति से चलाने पर टायर अधिक गरम हो सकते हैं, जिससे उनके फटने का खतरा बढ़ जाता है इसलिए स्पीड लिमिट का पालन करें। इसके अलावा व्हीकल को अधिक लोड करने से टायरों पर एक्स्ट्रा प्रेशर पड़ता है। हमेशा वाहन की लोड कैपेसिटी का ध्यान रखें।
बैलेंस ढंग से लगाएं टायर
टायर को सही ढंग से बैलेंस और फिट किया जाना चाहिए। इससे उनकी लाइफ बढ़ जाती है। टायरों की रेगुलर अलाइनमेंट और बैलेंसिंग कराएं। इससे टायर और सस्पेंशन सिस्टम की लाइफ बढ़ती है।
स्पेयर टायर की जांच
स्पेयर टायर को भी रेगुलर रूप से जांचें और तय करें कि यह सही स्थिति में हो। इसे भी सही प्रेशर पर रखें। टायरों का नियमित रोटेशन कराएं। ऐसा हर 5,000 से 8,000 किलोमीटर के बीच किया जा सकता है।
सड़क की स्थिति पर ध्यान दें
खराब सड़कों पर गाड़ी चलाते समय सावधानी बरतें। गड्ढों और नुकीले पत्थरों से बचें। ज्यादा गर्मी वाले इलाकों में हीट शील्ड का इस्तेमाल करें। यह टायर को सीधी धूप से बचाता है और उन्हें ठंडा रखता है।