विंटर सीजन की सब्ज़ियों की बात की जाए तो सबसे पहले दिमाग में जो नाम आते हैं उनमें हरी मटर भी प्रमुख है। सर्दियों के मौसम में हरी मटर से बने परांठे, चाट और विभिन्न प्रकार की सब्ज़ियां ना केवल थाली की रौनक बढ़ाती हैं बल्कि, इस सब्ज़ी के सेवन शरीर का भी पोषण होता है। हरी मटर में विटामिन के, विटामिन सी , डाइटरी फाइबर, प्रोटीन और विभिन्न प्रकार के माइक्रोन्यूट्रिएंट्स पाए जाते हैं। हरी मटर के दानों में एंटीऑक्सीडेंट्स की भी मात्रा अधिक होती है जो इम्यून सिस्टम को भी स्ट्रॉन्ग बनाते हैं। लेकिन, अगर आप सर्दियों में रोज और दिन में कई बार हरी मटर का सेवन करते हैं तो आपको ऐसा करने से बचना चाहिए। क्योंकि, अधिक मात्रा में मटर का सेवन करने से स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ सकता है।
जी हां, सर्दियों में मटर से कई तरह की डिशेज बनाकर खाई जाती है, लेकिन इस मटर का जरूरत से अधिक सेवन करने से आपके ब्लड में यूरिक एसिड का स्तर बढ़ा सकती है। बता दें कि यूरिक एसिड बढ़ने के कई कारण हो सकते हैं, जिसमें मुख्य कारणों में से खानपान और लाइफस्टाइल में गड़बड़ी हो सकती है। यूरिड एसिड का स्तर बढ़ने से जोड़ों में दर्द, अर्थराइटिस जैसी परेशानियों को बढ़ा सकता है। इसके अलावा यूरिक एसिड का स्तर बढ़ने से पथरी होने की भी संभावना बढ़ जाती है।
यूरिक एसिड में न खाएं मटर
अगर आपको यूरिक एसिड की परेशानी है, तो मटर का सेवन न करें। मटर एक ऐसी सब्जी है, जिसमें प्यूरीन नामक प्रोटीन होता है। यह आपके ब्लड में जाकर यूरिक एसिड के स्तर को बढ़ाने का कार्य करता है। इसलिए अगर आप सर्दियों में ढेर सारे मटर खाने के शौकीन हैं, तो थोड़ा संभल जाइए।
मटर खाने के अन्य नुकसान -
गठिया की समस्या
अर्थराइटिस से जूझ रहे लोगों के लिए मटर नुकसानदेह हो सकता है। यह गठिया में दर्द, सूजन जैसी समस्याओं को बढ़ा सकता है। इसलिए मटर खाने की गलती न करें। सर्दियों में सीमित मात्रा में ही मटर खाएं।
मोटापा
आपने भी अक्सर सुना ही होगा कि हरी मटर खाने से वेट लॉस में मदद होती है। लेकिन, उन्हीं मटर के दानों का अगर अधिक मात्रा में सेवन करने से शरीर का वजन कम होने की बजाय बढ़ सकता है। वजन कंट्रोल करने का प्रयास करने वाले लोगों को सीमित मात्रा में करना चाहिए और इन्हें कच्चा खाने से बचना चाहिए। हरी मटर के दानों को अच्छी तरह पकाकर खाना चाहिए।
पेट फूलने की शिकायत
कार्बोहाइड्रेट्स की मात्रा अधिक होने के कारण मटर से पेट भरता है लेकिन, जैसा कि हाई कार्ब फूड्स में नेचुरल शुगर की मात्रा भी काफी अधिक होती है। इस प्रकार के फूड्स को खाने के बाद इन्हें पचाने के लिए डाइजेस्टिव सिस्टम को अधिक समय लगता है। इसीलिए जब बहुत अधिक मात्रा में हरी मटर का सेवन किया जाता है तो यह आसानी से डाइजेस्ट नहीं होता। जिससे, पेट में भारीपन और पेट फूलने की समस्या भी हो सकती है। इसीलिए, जिन लोगों को पेट में गैस बनने की परेशानी होती है उन्हें मटर का सेवन संभलकर करना चाहिए।
इम्यूनिटी पर असर
मटर का काफी ज्यादा सेवन करने से आपकी कमजोर इम्यूनिटी पर नेगेटिव असर पड़ सकता है। दरअसल, मटर में लेक्टिन होता है, जो आंत में प्रतिरक्षा प्रणाली और बैक्टीरिया के संतुलन पर असर डालता है, जिससे इम्यूनिटी कमजोर हो सकती है।
डायरिया
भले ही मटर खाने में स्वादिष्ट और सेहत के लिए पौष्टिक मानी जाती है लेकिन, हरी मटर ज़्यादा खाने से आपको बाउल से जुड़ी समस्याएं भी हो सकती हैं। इससे आईबीएस या इरिटेबल बाउल सिंड्रोम और डायरिया जैसी समस्याएं हो सकती हैं। दरअसल, मटर में प्रोटीन की मात्रा अधिक होती है और जब कोई व्यक्ति मटर का अधिक सेवन करता है तो अधिक मात्रा में प्राप्त होने वाले प्रोटीन को पचाने में शरीर को दिक्कत होती है और पाचन तंत्र से जुड़ी समस्याएं होने लगती हैं।