वेब खबरिस्तान, नई दिल्ली : दिवाली से पहले भारत के लिए अच्छी खबर है। करीब चार महीने के बाद भारत का विदेशी निवेश 7 हफ्तों की ऊंचाई पर पहुंच गया है। मौजूदा समय में देश की विदेशी दौलत 590 अरब डॉलर से ज्यादा हो गई है, जबकि ताजा आंकड़ों के अनुसार देश के विदेशी निवेश में करीब 40 हजार करोड़ रुपए इजाफा देखने को मिला है। आइए आपको भी बताते हैं कि आखिर भारत के विदेशी निवेश के आंकड़ें किस तरह से देखने को मिल रहे हैं।
चार महीने बाद सबसे ज्यादा इजाफा
3 नवंबर को खत्म हुए सप्ताह में भारत के विदेशी मुद्रा भंडार में 4.7 बिलियन डॉलर यानी करीब 40 हजार करोड़ रुपए का इजाफा देखने को मिला है. इससे पहले 14 जुलाई को समाप्त सप्ताह में 12 बिलियन डॉलर से ज्यादा का इजाफा देखने को मिला था. वैसे एक सितंबर को करीब 4.2 बिलियन डॉलर की बढ़ोतरी देखने को मिली थी. लेकिन इस बार ये बढ़ोतरी 4.7 बिलियन डॉलर की देखने को मिली है।
7 हफ्तों के हाई पर भारत का हाल
वैसे भारत का विदेशी मुद्रा भंडार अभी भी 600 बिलियन डॉलर से नीचे है. उसके बाद भी देश का विदेशी निवेश इस इजाफे के बाद 7 हफ्तों के हाई पर पहुंच गया है. आंकड़ों के अनुसार देश विदेशी निवेश मौजूदा समय में 590.78 बिलियन डॉलर पर पहुंच गया है. इससे पहले ये लेवल 22 सितंबर 2023 को देखने को मिला था. तब देश का विदेशी निवेश 590.70 अरब डॉलर पर था।
मैनेजेबल है भारत का विदेशी निवेश
आरबीआई गवर्नर, शक्तिकांत दास ने कहा कि भारत का चालू खाता घाटा “काफी हद तक मैनेजेबल” है. भारतीय रिज़र्व बैंक ने संभावित घटनाओं से निपटने के लिए अपने विदेशी मुद्रा भंडार में वृद्धि की है. विदेशी मुद्रा भंडार भी भारत के भंडार किश्त की स्थिति इंटरनेशनल मॉनेटरी फंड से जुड़े हुई है। सप्ताह के दौरान डॉलर के मुकाबले रुपया 83.2950 के रिकॉर्ड निचले स्तर तक गिर गया था। शुक्रवार को भारतीय मुद्रा पिछले बंद भाव 83.28 रुपए के मुकाबले 83.34 पर बंद हुई।