चंडीगढ़ के एलांते मॉल में टॉय ट्रेन पलट गई। जिससें उसमे बैठा 11 साल का बच्चा नीचे गिर गया।बच्चे को सेक्टर-32 के सरकारी अस्पताल में दाखिल कराया गया, लेकिन इलाज के दौरान रविवार सुबह उसकी मौत हो गई।
कंपनी के मालिकों के खिलाफ मामला दर्ज
मृतक बच्चे की पहचान नवांशहर निवासी शहबाज (11) के रूप में हुई। वहीं पुलिस ने पोस्टमॉर्टम के बाद शव परिजनों को सौंप दिया है। जतिंदर पाल की शिकायत पर पुलिस ने टॉय ट्रेन ऑपरेटर बापू धाम निवासी सौरभ और कंपनी के मालिकों के खिलाफ गैर इरादतन और लापरवाही का मामला दर्ज किया है। जतिंदर पाल ने पुलिस को दी शिकायत बताया कि वह अपने 2 बच्चों, पत्नी और चचेरे भाई नवदीप के परिवार के साथ शनिवार को चंडीगढ़ घूमने आया था। शनिवार रात 8 बजे दोनों परिवार के सदस्य घूमने और शॉपिंग करने आए थे।
घटना के दौरान मुहैय्या नहीं करवाई गई एबुलेंस
वहीं इस मामले को लेकर अमनदीप कौर का बयान सामने आया है। पीड़ित ने प्रशासन इस घटना को लेकर प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाए है। पीड़ित ने कहा कि प्रशासन की लापरवाही से यह हादसा हुआ है। उन्होंने कहा मॉल की ओर से कोई कार्रवाई नहीं की गई। पीड़ित का कहना है कि घटना के दौरान कोई एबुलेंस मुहैय्या नहीं करवाई गई और ना ही प्राथमिक उपचार दिया गया। जिसके बाद वह खुद एबुलेंस की सहायता से सेक्टर-32 के सरकारी अस्पताल में उपचार के लिए लेकर गए। जहां ईलाज के दौरान बच्चे की मौत हो गई।
ऑपरेटर ने नहीं दी पर्ची
पीड़ित परिवार ने बताया कि इस मामले में आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए। वहीं इस मामले को लेकर जतिंदर ने कहा कि वह बलाचौर नवांशहर का रहने वाला है। उनकी बुआ गर्मियों की छुट्टियां काटने के लिए उनके पास आए थे। इस दौरान वह उन्हें छुट्टियों में घुमाने के लिए एलांते मॉल ले गया। जहां ट्रेन टॉय में बच्चे ने बैठने की जिद्द की। जतिंदर पाल ने दोनों बच्चों की राइड के लिए 400 रुपए दिए, लेकिन ऑपरेटर ने पर्ची नहीं दी। शहबाज और दूसरा बच्चा टॉय ट्रेन के सबसे पिछले डिब्बे में बैठ गए।
बेकाबू होकर पलटी टॉय ट्रेन
दो बार झूटे लेने के बाद जब तीसरी बार ट्रेन चलने लगी तो अचानक ट्रेन पलट गई। हादसे में बच्चे का सिर फर्श पर लगा और ट्रेन का डिब्बा बच्चे के ऊपर गिर गया। पीड़ित ने कहा कि एलांते मॉल से प्राथमिक उपचार के लिए ना तो कोई मदद की गई और ना ही उनके पास कोई आया। जिसके बाद वह खुद उसे उपचार के लिए बच्चे को अस्पताल लेकर गए।
ट्रेन में नहीं लगी थी सीट बेल्ट
जहां 3 घंटे के बाद बच्चे की हालत ज्यादा गंभीर हो गई। इसके बाद डॉक्टरों ने बच्चे को मृत घोषित कर दिया। पीड़ित ने बताया कि ट्रेन में ना तो सीट बेल्ट की सुविधा थी और ना ही कितनी उम्र का बच्चा ट्रेन में सफर कर सकता है उसकी गाइडलाइंस थी। पीड़ित ने बताया कि बच्चे का संस्कार कर दिया गया है, लेकिन अब वह इस मामले को लेकर प्रशासन से सख्त कार्रवाई की मांग कर रहे है। बताया जा रहा है कि पुलिस ने एलांते मॉल के अंदर से सीसीसीवी फुटेज जब्त कर ली है। जिसमें बच्चा टॉय ट्रेन से बाहर निकलने की कोशिश करता दिखाई दिया। जांच में पता चला कि टॉय ट्रेन में 2 ही बच्चे बैठे हुए थे।