खबरिस्तान नेटवर्क। भारतीय मूल की अमेरिकी एस्ट्रोनॉट सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर 9 महीने 13 दिन बाद पृथ्वी पर लौट रहे हैं। दोनों अंतरिक्ष यात्री 5 जून 2024 में बोइंग स्टारलाइनर के जरिए ISS (इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन) गए थे, लेकिन तकनीकी खराबी के कारण उनकी वापसी में 9 महीने की देरी हो गई। अब वे एलन मस्क के Spacex क्रू ड्रैगन के जरिए धरती पर लौटेंगे। उनके साथ इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन में मौजूद क्रू-9 के दो और एस्ट्रोनॉट निक हेग और अलेक्सांद्र गोरबुनोव भी आज, 18 मार्च को स्पेस स्टेशन से रवाना हुए।
17 घंटे का सफर तय करके लौटेंगी घर
बता दें कि ड्रैगन स्पेसक्राफ्ट में सवार होने के बाद सुबह 08:35 पर इस स्पेसक्राफ्ट का हैच (दरवाजा) बंद हुआ और फिर 10:35 पर स्पेसक्राफ्ट इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन से अलग हुआ। 19 मार्च को सुबह 2:41 पर इंजन को फायर किया जाएगा। सुबह 3:27 बजे समुद्र में यान की लैंडिंग होगी। करीब 17 घंटे के सफर के बाद दोनों एस्ट्रोनॉट धरती पर पहुंच जाएंगे।

5 जून 2024 से फंसे हैं दोनों
बता दें कि 5 जून 2024 को नासा का बोइंग क्रू फ्लाइट टेस्ट मिशन लॉन्च किया गया था। इस दौरान नासा ने अपने दो अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स और बैरी बुच विल्मोर को 8 दिन की यात्रा पर भेजा था। दोनों एस्ट्रोनॉट्स बोइंग और नासा के जॉइंट क्रू फ्लाइट टेस्ट मिशन पर इंटरनेशनल स्पेश स्टेशन गए थे। उन्हे एक हफ्ते बाद वापस लौटना था, लेकिन बोइंग स्टारलाइनर में कुछ खराबी के कारण से वो दोनों वहां फंस गए थे।
286 दिन अंतरिक्ष में बिता चुकी सुनीता
अब सुनीता 286 दिन अंतरिक्ष में बिता चुकी हैं। सुनीता विलियम्स ने अब तक 9 बार स्पेसवॉक किया है। कुल 62 घंटे और 6 मिनट स्पेसवॉक कर चुकी हैं। बता दें कि पहले दोनों की वापसी की 16 मार्च को फिक्स थी। ड्रैगन यान के रॉकेट में खराबी की वजह से समय बदल दिया गया। सुनीता अंतरिक्ष में सबसे ज्यादा दिन रहने वाली महिला हैं।

9 महीने बाद सुनिता विलियम्स जब यहां कदम रखेंगी तो उन्हें कुछ बीमारियों का सबसे ज्यादा खतरा होगा।
आइए जानते हैं :
धरती पर चलना-दौड़ना भूल सकती हैं
खड़े होने में आ सकती दिक्कतें
अंधा होने का खतरा
जान को खतरा
ड्रैगन कैप्सूल को धरती पर सुरक्षित लाने में पैराशूट्स की अहम भूमिका होगी। वायुमंडल में प्रवेश के बाद पहले 2 ड्रैग पैराशूट्स खुलते हैं, जो कैप्सूल को स्थिर करते हैं। लैंडिंग से पहले 4 मुख्य पैराशूट्स खुलते हैं, जो स्पेसक्राफ्ट की गति को नियंत्रित कर उसे सुरक्षित लैंड कराते हैं। अगर इन 6 पैराशूट्स में से कोई सही समय पर नहीं खुला, तो कैप्सूल की स्पीड नियंत्रित नहीं होगी और वह जोरदार टक्कर के साथ धरती पर गिर सकता है, जिससे एस्ट्रोनॉट्स को गंभीर चोट लगने या मौत का खतरा हो सकता है।