खबरिस्तान नेटवर्क। भारतीय मूल की अमेरिकी एस्ट्रोनॉट सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर 9 महीने बाद पृथ्वी पर लौट आए है । दोनों 5 जून 2024 में बोइंग स्टारलाइनर के जरिए ISS (इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन) अंतरिक्ष गए थे, लेकिन तकनीकी खराबी के कारण उनकी वापसी में 9 महीने की देरी हो गई। बता दें कि उनका ड्रैगन स्पेसक्राफ्ट भारतीय समयानुसार 19 मार्च को सुबह 3:27 बजे फ्लोरिडा के तट पर लैंड हुआ।
इनके साथ क्रू-9 के दो और एस्ट्रोनॉट अमेरिका के निक हेग और रूस के अलेक्सांद्र गोरबुनोव भी हैं। इस सफल लैंडिंग के बाद पूरी टीम की मेडिकल जांच की जा रही है। वहीं नासा ने पूरे मिशन को सफल बताया है। नासा ने कहा कि सबकुछ प्लानिंग के मुताबिक हुआ और सभी अंतरिक्ष यात्री पूरी तरह सुरक्षित हैं।
17 घंटे का सफर तय करके लौटी घर सुनीता विलियम्स
बता दें कि ड्रैगन स्पेसक्राफ्ट में सवार होने के बाद सुबह 08:35 पर इस स्पेसक्राफ्ट का हैच (दरवाजा) बंद हुआ और फिर 10:35 पर स्पेसक्राफ्ट इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन से अलग हुआ। 19 मार्च को सुबह 2:41 बजे डीऑर्बिट बर्न शुरू हुआ। इससे स्पेसक्राफ्ट की पृथ्वी के वातावरण में एंट्री हुई और सुबह 3:27 बजे फ्लोरिडा के तट पर समुद्र में लैंडिंग हुई ।
मिशन में कई चुनौतियां थीं, जिसे पूरा किया-नासा
नासा ने कहा कि इस मिशन को पूरा करने में कई चुनौतियां थीं, जिसे सफलतापूर्वक पूरा किया गया।
5 जून 2024 से फंसे थे दोनों
बता दें कि 5 जून 2024 को नासा का बोइंग क्रू फ्लाइट टेस्ट मिशन लॉन्च किया गया था। इस दौरान नासा ने अपने दो अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स और बैरी बुच विल्मोर को 8 दिन की यात्रा पर भेजा था। दोनों एस्ट्रोनॉट्स बोइंग और नासा के जॉइंट क्रू फ्लाइट टेस्ट मिशन पर इंटरनेशनल स्पेश स्टेशन गए थे। उन्हे एक हफ्ते बाद वापस लौटना था, लेकिन बोइंग स्टारलाइनर में कुछ खराबी के कारण से वो दोनों वहां फंस गए थे।
बता दें कि पहले दोनों की वापसी की 16 मार्च को फिक्स थी। जिसके बाद ड्रैगन यान के रॉकेट में खराबी की वजह से समय बदल दिया गया था। सुनीता अंतरिक्ष में सबसे ज्यादा दिन रहने वाली महिला हैं।
स्पेस में ऐसे फंस गई सुनीता?
5 जून 2024 को सुनिता विलियम्स और बुच विलमोर ने बोइंग स्टारलाइनर के जरिए अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) पर आठ दिन के मिशन के लिए उड़ान भरी थी। स्पेसक्राफ्ट खराब होने के बाद ये मिशन नौ महीने तक खिंच गया। दोनों के बोइंग स्टारलाइनर के साथ तकनीकी समस्याएं शुरू हो गईं।स्पेसक्राफ्ट को वापस लौटने के लिए असुरक्षित घोषित कर दिया गया। सितंबर 2024 में इसे खाली वापस धरती पर आना पड़ा।
नासा ने सुनीता और विल्मोर की वापसी के लिए एलन मस्क की कंपनी स्पेसएक्स से मदद मांगी। सितंबर 2024 में स्पेसएक्स की Crew-9 टीम को केवल दो अंतरिक्ष यात्रियों के साथ स्पेस में भेजा गया। ताकि वापसी पर सुनीता और विल्मोर साथ आ सकें।
चुनौतियां अभी और भी हैं
सुनीता और बुच धरती पर वापस तो आ गए हैं। मगर चुनौतियां अभी बाकी हैं। लंबे समय तक स्पेस में रहने से हड्डियों और मांसपेशियों का पर बुरा असर होता है। ग्रैविटी की कमी से हड्डियों का घनत्व काफी कम हो जाता है। मेहनत न करने की वजह से मांसपेशियां कमजोर पड़ जाती हैं। धरती के मुकाबले स्पेस में रेडिएशन का जोखिम ज्यादा है। पृथ्वी का वायुमंडल और चुंबकीय क्षेत्र मनुष्यों को उच्च स्तर के रेडिएशन से बचा लेते हैं, लेकिन अंतरिक्ष में यह संभव नहीं है। वहीं ग्रैविटी न होने की वजह से देखने की क्षमता में भी कमी आती है।
वादा किया, वादा निभाया
अंतरिक्ष यात्रियों की वापसी पर वॉइट हाउस ने एलन मस्क की सराहना की है। मंगलवार को एक्स पर पोस्ट करके कहा गया,
वादा किया, वादा निभाया। राष्ट्रपति ट्रंप ने 9 महीने से स्पेस में फंसे अंतरिक्ष यात्रियों को बचाने का वादा किया था। आज वे सुरक्षित अमेरिका की खाड़ी में उतर आए।एलन मस्क, स्पेसएक्स और नासा का धन्यवाद!